भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भाेपाल में आज ओबीसी महासभा के मुख्यमंत्री निवास के घेराव की घोषणा के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कई कार्यकर्ताओं को प्रशासन ने हिरासत में लेते हुए जिले की सीमाओं से बाहर भेजने की कार्रवाई की है।
इसके पहले इस प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने मुख्यमंत्री निवास के आसपास और इस ओर जाने वाले प्रमुख मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर बेरिकेडिंग कर दी थी। इस क्षेत्र तक किसी प्रदर्शनकारी को नहीं आने दिया जा रहा। कुछ प्रदर्शनकारी इस क्षेत्र के करीब पहुंचने में सफल हो गए थे, लेकिन उन्हें भी पुलिस ने अपनी गाड़ियों से दूसरे स्थानों पर पहुंचा दिया।
हालांकि ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं पर इस कार्रवाई के चलते राज्य में इस मुद्दे पर एक बार फिर राजनीति चरम पर पहुंच रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे सरकार की दमनकारी नीति बताते हुए सरकार को ओबीसी विरोधी बता दिया है।
पिछड़ा वर्ग को आरक्षण और अन्य मुद्दों को लेकर ओबीसी महासभा और इससे जुड़े संगठनों ने आज मुख्यमंत्री निवास के घेराव की घोषणा की थी। इसके मद्देनजर पुलिस प्रशासन दो तीन दिन से ही सक्रिय है। उसने सुरक्षा व्यवस्था के अलावा कोरोना संबंधी गाइडलाइन लागू होने के मद्देनजर प्रतिबंध प्रभावशील होने का हवाला देते हुए ओबीसी संगठन से जुड़े कुछ नेताओं को नोटिस जारी कर दिए थे।
दूसरी ओर कांग्रेस नेता एवं राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने आरोप लगाया है कि राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार ओबीसी नेताओं को प्रदर्शन के पहले ही गिरफ्तार कर रही है। वास्तव में सरकार को इन नेताओं से बात करना चाहिए, लेकिन वह शांतिपूर्ण प्रदर्शन को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कल रात ट्वीट के जरिए कुछ नेताओं के नाम जारी करते हुए दावा किया कि पुलिस ने इन्हें निरुद्ध कर लिया है।
इस बीच पुलिस प्रशासन ने मुख्यमंत्री निवास के आसपास के प्रमुख मार्गों पर कल से ही बेरिकेडिंग कर दी है। इन रास्तों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अफसर स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। ओबीसी महासभा और इससे जुड़े संगठनों ने इस आंदोलन की घोषणा की है और कांग्रेस नेता इसका समर्थन करते हुए दिख रहे हैं।
ओबीसी को लेकर पर्दे के पीछे से राजनीति कर रही कांग्रेस
मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आज राजधानी में ओबीसी महासभा के मुख्यमंत्री निवास घेराव के कार्यक्रम के बीच कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सरकार के ओबीसी आरक्षण के प्रति प्रतिबद्ध होने के बावजूद कांग्रेस इस वर्ग को लेकर पर्दे के पीछे से राजनीति कर रही है।
सिंह ने एक वीडियाे संदेश जारी करते हुए कहा कि सरकार ने ओबीसी कल्याण के लिए निर्णय लिए हैं, फिर ये लोग ओबीसी के नाम पर राजनीति क्यों कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर कल सुप्रीम कोर्ट में होेने वाली सुनवाई में सरकार वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे के माध्यम से पक्ष रख रही है। सुनवाई में सरकार कह रही है कि राज्य में ओबीसी आबादी 52 फीसदी से ज्यादा है और इसलिए ओबीसी वर्ग को पंचायत चुनाव में आरक्षण मिलना चाहिए।
मंत्री सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार भी अभिभावक के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में बात रखेगी कि मध्यप्रदेश सरकार को मौका दिया जाए, ताकि चार महीने में ओबीसी वर्ग की आर्थिक सामाजिक की स्थिति की गणना की जा सके।
उन्होंने कहा कि ओबीसी संगठन के लोग भी अपना पक्ष रख रहे हैं। सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है, उसके बाद भी कांग्रेस दूसरे संगठनों को जोड़ कर राजनीति कर रही है। ये साजिश कांग्रेस के इशारे पर हो रही है। कांग्रेस पर्दे के पीछे से खेल खेल रही है।