भुवनेश्वर। ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभय ने बीरमित्रपुर पुलिस थाने के पूर्व प्रभारी आनंद चंद्र माझी को सुंदरगढ़ जिले के बीरमित्रपुर पुलिस थाने में एक नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म करने और उसका जबरन गर्भपात कराने में शामिल होने के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया है।
डीजीपी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि पुलिस अधिकारी का आचरण शर्मनाक था। नाबालिग लड़की से हम क्षमा मांगते हैं। इस मुद्दे के काफी तूल पकड़ने के बाद माझी को निलंबित कर दिया गया था। डीजीपी ने मंगलवार को इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी।
महिला पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में चार लोगों की टीम मंगलवार को सुंदरगढ़ के लिए रवाना हुई और उसने स्थानीय पुलिस से इस मामले की जांच का जिम्मा अपने हाथ में ले लिया। बीरमित्रपुर पुलिस थाने के पूर्व थाना प्रभारी समेत छह लोगों पर पुलिस थाने में कई हफ्तों तक एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है।
बाल विकास समिति ने भी राबोगा पुलिस थाने में बीरमित्रपुर पुलिस थाने के पूर्व थाना प्रभारी एक डॉक्टर समेत छह लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इस मुद्दे के तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने भी अपनी कार्रवाई तेज कर दी है।
भारतीय जनता पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने दो दिन पहले डीजीपी को बुलाकर पुलिस के कोई कार्रवाई नहीं करने और आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया था। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस महानिदेशक से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने और 8.25 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग के अलावा पीड़िता के परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की।
भाजपा के राज्य महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने मंगलवार को सरकार से विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर मामले की जांच करने की मांग की और न्याय नहीं मिलने तक आंदोलन जारी रहने की बात कही।