भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शुक्रवार को उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीएचएसई) द्वारा इस वर्ष आयोजित की जाने वाली बारहवीं की परीक्षाओं को रद्द करने की घोषणा की है।
राज्य में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के मद्देनजर बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करने का निर्णय लिया गया है। पटनायक ने कहा छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बारहवीं की परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों का जीवन अन्य सभी चीजों से ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अगर जीवन सुरक्षित रहा तो आगे असीमित अवसर मिलेंगे और तभी समाज और सभ्यता आगे बढ़ सकती है। उन्हाेंने कहा कि छात्र हमारे देश और राष्ट्र का भविष्य हैं और हमारे छात्रों की स्वास्थ्य सुरक्षा परीक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड की परीक्षाओं को कराने के दौरान शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता। इसलिए सरकार ने छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है।
पटनायक ने इस संवेदनशील अवधि के दौरान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए छात्रों और उनके परिवार के सदस्यों के प्रयासों, दृढ़ इच्छाशक्ति और धैर्य बनाए रखने की भी सराहना की। उन्होंने सीएचएसई को समयबद्ध तरीके से वस्तुनिष्ठ मानदंडों के माध्यम से विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार छात्रों का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा अगर काेई छात्र मूल्यांकन प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं होते हैं तो वे परीक्षा में बैठ सकते है। सीएचएसई स्थिति की समीक्षा के बाद परीक्षा का समय तय करेगी।
बारहवीं की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्र मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नवीन निवास और स्कूल एवं जन शिक्षा मंत्री एस आर दास के आवास के बाहर इकट्ठे हो गए थे। ये सभी छात्र बोर्ड की परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साेमवार को सीबीएसई और आईसीएसई के 12वीं के बोर्ड की परीक्षा को रद्द करने की घोषणा की और विभिन्न राज्यों द्वारा आयोजित की जा रही बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का आग्रह किया था। प्रधानमंत्री के आग्रह पर कई राज्य सरकारों ने अपने राज्यों में बारहवीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया।