भुवनेश्वर। चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ ओडिशा में पुरी के तटीय इलाकों में पहुंच गया है और शुक्रवार सुबह से बारिश हो रही है तथा तेज हवाएं चल रही हैं। राज्य के 14 जिलों के करीब 10 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। केंद्र और राज्य सरकारों ने तूफान से निपटने की पूरी तैयारी की है।
चक्रवाती तूफान पुरी के समुद्र तट के क्षेत्रों से होकर 170-180 से 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उत्तरपूर्व की ओर बढ रहा है। मौसम विभाग ने राज्य के 17 जिलों के लिए चेतावनी जारी की है। गंजाम, गजपति, खुर्दा, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, जाजपुर और बालासोर तटीय इलाकों के फोनी की चपेट में आने की आशंका जताई गई है।
इसके अलवा पश्चिम बंगाल में पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिले, हावड़ा, हुगली, झारग्राम, कोलकाता के साथ ही श्रीकाकुलम, विजयनग्राम और आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिला भी तूफान से प्रभावित हो सकता है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार पिछले 24 घंटों में राज्य के संवेदनशील इलाकों से करीब 10 लाख लोगों को निकालकर शिविरों में पहुंचाया जा चुका है। इनमें से अकेले गंजम और पुरी जिलों से ही क्रमशः तीन लाख और 1.3 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विशेष हेल्पलाइन 1938 शुरु की जिस पर आपात स्थिति में संपर्क किया जा सकता है। मौसम विभाग ने समुद्र में लगभग 1.5 मीटर ऊंची लहरें चलने की चेतावनी जारी की है जिससे ओडिशा के गंजम, खुर्द, पुरी और जगतसिंहपुर जिलों के निचले तटीय इलाके के जलमग्न होने की आशंका जताई गई है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार नौ जिलों में स्थित लगभग 10 हजार गांव और 52 शहरों में चक्रवात तूफान फाेनी का असर पड़ेगा। चक्रवात की आशंका वाले क्षेत्रों के लोगों के लिए करीब 900 शिविर बनाए गए हैं। सरकार ने चक्रवात तूफान के तटीय इलकों से शहर में पहुंचने पहले लगभग 11.5 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाने की योजना बनाई थी।
चक्रवात को लेकर लोगों को चेतावनी देने के लिए सार्वजनिक उद्घोषणाएं, व्यापक स्तर पर एसएमएस की व्यवस्था किये जो के अलावा स्थानीय मीडिया का सहारा लिया गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की लगभग 28 टीम और ओडिशा आपदा त्वरित कार्य बल की 20 टीमों के अलावा ओडिशा अग्निशमन विभाग को राहत एवं बचाव कार्य के लिए तैयार किया गया है।
भुवनेश्वर से दो मई की आधी रात से सभी उड़ानों के संचालन को निलंबित कर दिया गया और स्थिति में सुधार होने के साथ इसे फिर से शुरू किया जाएगा। पूर्वी तट रेलवे ने पहले ही ओडिशा में ट्रेनों के परिचालन को निलंबित कर दिया है और गुरुवार से 147 से अधिक ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।
भारतीय तटरक्षक और नौसेना ने राहत एवं बचाव अभियान के लिए जहाज और हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं। तीन राज्य में सेना और वायु सेना की इकाइयाें भी तैयार रखा गया है।
राज्य सरकार ने लोगों से तूफान के ओडिशा तट पार करने तक घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है। चक्रवात की आशंका वाले जिलों के सभी सरकारी एवं निजी कार्यालय शुक्रवार को बंद कर दिए गए। सरकार के अनुरोध पर राज्य में व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद हैं, सरकार ने इस संबंध में परामर्श भी जारी की है।