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पत्नीहंता आरोपी ने 7 साल बाद पत्नी को प्रेमी के साथ जिंदा पाया - Sabguru News
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पत्नीहंता आरोपी ने 7 साल बाद पत्नी को प्रेमी के साथ जिंदा पाया

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पत्नीहंता आरोपी ने 7 साल बाद पत्नी को प्रेमी के साथ जिंदा पाया

केंद्रापाड़ा। ओडिशा में एक विचित्र मामला सामने आया है। शादी के महज एक पखवाड़े के बाद अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार होकर जेल की सलाखों में बंद हो चुके एक शख्स को घटना के सात वर्षाें के बाद पत्नी अपने प्रेमी संग सकुशल मिली है।

राज्य के पटकुरा थाना चौलिया गांव के अभय सुतार को फरवरी 2013 में शादी के एक पखवाड़े के बाद अपनी पत्नी इतिश्री मोहराना उर्फ मिल्ली के रहस्मय परिस्थितियों में गायब होने के बाद दहेज के लिए उसकी हत्या करने के आरोप में पुलिस ने ना केवल गिरफ्तार किया था बल्कि उसे जेल में भी भेज दिया गया था।

पति एवं ससुरालवालों पर दहेज की लालच के आरोप में मिल्ली को प्रताड़ित करने एवं हत्या किए जाने की अभय के ससुर की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने अभय को गिरफ्तार किया था। गिरफ़तारी के एक माह बाद जमानत मिलने के बाद उसने मिली का पता लगाने का निश्चय कर एक अभियान शुरू किया।

घटना के सात साल बाद अभय को पता चला कि मिल्ली अपने प्रेमी राजीव लोचन महराना के साथ केंद्रापाड़ा के पीपीली में रह रही थी। इस बात का पता चलते ही अभय ने सबसे पहले पुलिस को इस बात की जानकारी दी।

केंद्रापाड़ा पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एक पुलिस टीम ने छापेमारी कर मिल्ली, उसके प्रेमी राजीव और उनके दो बच्चों को पूछताछ के लिए अपने साथ ले आई। पटकुरा थाना के प्रभारी सुजीत प्रधान ने कहा कि मिल्ली एवं उसके प्रेमी को सोमवार को यहां अनुमंडल न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया और उनके बयान भी दर्ज कराए गए।

मिल्ली ने अपने वक्तव्य में कहा कि उसका शादी से पहले से ही राजीव के संग प्रेम था। लेकिन उसके माता-पिता इस प्रेम प्रकरण से खुश नहीं थे। उसने कहा कि एक दिन रात में वह अपने ससुराल से भाग कर भुवनेश्वर पहुंच गई जहां उसकी मुलाकात राजीव से हुई। बाद में दोनों भाग कर गुजरात चले गए और वहां रहने लगे। बाद में दोनों अपने दो बच्चों के साथ वापस पीपली लौट आए।

इस बीच मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रताप कुमार मोहंती ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के समक्ष एक याचिका दायर कर इस मामले में पुलिस पर लापरवाही से जांच करने तथा अभय और उसके परिजनों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।

उन्होंने इसे मानवाधिकार का खुला उल्लंघन बताते हुए आयोग से इस संबंध में केंद्रापाड़ा के पुलिस अधीक्षक को चार सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट देने का निर्देश देने तथा अभय के परिजनों को 10 लाख रुपए सहायता राशि दिलाने का भी अनुरोध किया है।