नई दिल्ली। कांग्रेस ने रविवार को भाजपा और निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया कि उन्होंने दिल्ली में सत्ताधारी आप के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने में विलंब कर पार्टी को राज्यसभा चुनाव में मदद की।
कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अजय माकन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा विधायकों की अयोग्यता पर मुहर लगाए जाने के तत्काल बाद मीडियाकर्मियों से कहा कि यदि यह निर्णय 22 दिसंबर से पहले आया होता तो ये 20 विधायक अयोग्य हो गए होते, और वे राज्यसभा चुनाव में मतदान नहीं कर पाए होते।
माकन ने आप पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने 21 संसदीय सचिव बना डाले, जबकि नियमानुसार मात्र सात की ही अनुमति है।
माकन ने यह भी कहा कि आप के संसदीय सचिवों को एक मंत्री को दी जाने वाली सभी सुविधाएं और लाभ दिए गए थे। माकन ने विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के लिए निर्वाचन आयोग में याचिका दायर की थी।