ग्रेटर नोएडा। देश के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस सचिव एमएम कुट्टी ने पेट्रोल तथा डीजल की तरह प्राकृतिक गैस की कीमतों को भी सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की वकालत की है।
कुट्टी ने यहां रविवार को शुरू तीन दिवसीय सम्मेलन पेट्रोटेक 2019 में मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के सत्र को संबोधित करते हुये कहा कि वर्तमान समय में देश की उर्जा जरूरतों का 6.2 प्रतिशत गैस से पूरा होता है।
सरकार का लक्ष्य इसे वर्ष 2040 तक बढ़ाकर 15 प्रतिशत करना है। इसके लिए सरकार नीति निर्माण के स्तर पर कई महत्त्वपूर्ण बदला ला चुकी है और कई और बदलाव आने वाले समय में देखने को मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि हमें गैस का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है। गैस के मूल्य निर्धारण और विपणन में कंपनियों को स्वतंत्रता देनी होगी। उन्होंने बताया कि सरकार पांच हजार विकेंद्रित बायोगैस संयंत्र लगाने की योजना बना रही है।
सत्र में गेल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बीसी त्रिपाठी और दुनिया की सबसे बड़ी गैस कंपनी कतरगैस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी खालिद बिन खलीफा बिन जासिम अल थानी ने गैस को वस्तु एवं सेवा कर के दायरे में लाने की बात कही।
त्रिपाठी ने कहा कि आने वाले समय में नवीकरणीय उर्जा के साथ ही गैस की हिस्सेदारी बढ़ेगी। वैश्विक स्तर पर उर्जा खपत में गैस की हिस्सेदारी 24 प्रतिशत है जबकि भारत में यह मात्र 6.2 प्रतिशत है।
वैश्विक स्तर पर गैस खपत का एक तिहाई बिजली संयंत्रों में इस्तेमाल होता है। देश में गैस आधारित संयंत्रों की संख्या बढ़ाकर इस अनुपात को बढ़ाने की जरूरत है। इससे गैस की मांग बढ़ेगी। थानी ने कहा कि गैस को जीएसटी के दायरे में लाने से इस सेक्टर को भी कर सुधार का लाभ मिलेगा।