नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के सदस्य एवं राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिड़ला बुधवार को सर्व सम्मति से 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष निर्वाचित किए गए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके नाम का प्रस्ताव किया और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। गृहमंत्री अमित शाह ने बिडला के सभा का अध्यक्ष चुने जाने का प्रस्ताव किया जिसका वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने समर्थन किया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने उनके नाम का प्रस्ताव किया और केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इसका समर्थन किया। इस तरह से बिडला के समर्थन में सदन में कुल 14 प्रस्ताव सदन में आए।
विपक्षी दलों ने भी उनके नाम का जोरदार समर्थन किया। सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने उनके नाम का प्रस्ताव किया। द्रविड मुनेत्र कषगम के नेता टीआर बालू ने उनके नाम का प्रस्ताव भी किया और समर्थन भी किया। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप्त बंद्योपाध्याय ने उनके नाम का प्रस्ताव कर समर्थन किया। अस्थायी उपाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने कहा कि उनका कोई प्रस्ताव नहीं आया था इसलिए पहले उन्हें अनुमति नहीं दी गई लेकिन जब उन्होंने जोर दिया तो उनको समर्थन का अवसर दिया गया जिस पर पूरे सदन में तालियां गूंजने लगी।
सर्व सम्मति से बिडला का लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने की अस्थायी अध्यक्ष की घोषणा के बाद मोदी, चौधरी, बालू, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी तथा बंद्योपाध्याय सहित कई प्रमुख नेता बिडला को लेने उनकी सीट तक गए और उन्हें अध्यक्ष के आसन तक लाए।
तृणमूल कांग्रेस के सुदीप्त बंदोपाध्याय ने अध्यक्ष को आश्वस्त किया कि उनकी पार्टी संसदीय परम्पराओं के अनुरूप सदन की कार्यवाही और बहस में उन्हें भरपूर सहयोग करेगी। वाईएसआर कांग्रेस के पी मुथन रेड्डी ने भी बिड़ला के राजनीतिक जीवन की सराहना करते हुए कहा कि उनके (बिड़ला के) अनुभव से युवा सांसदों को लाभ मिलेगा।
शिवसेना के अरविंद सावंत, जनता दल यूनाइटेड के राजीव रंजन उर्फ लल्लन सिंह, बीजू जनता दल के पिनाकी चंद्र मिश्रा ने भी अध्यक्ष का अभिनंदन किया तथा उनसे उम्मीद जतायी कि छोटे से छोटे दलों को भी संसदीय कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए बेहतर अवसर प्रदान किया जाएगा।
बहुजन समाज पार्टी के श्याम सिंह यादव ने पहली बार चुनकर संसद आए सदस्यों को पर्याप्त मौका दिए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि बहुमत की सरकार भी विधेयक को जबर्दस्ती पारित न करा सके, इसके लिए अध्यक्ष को सजग रहना होगा। तेलंगाना राष्ट्र समिति के नमो नागेश्वर राव ने बिड़ला को महान समाजसेवी और किसान का बेटा करार देते हुए कहा कि उनसे छोटे दलों की अपेक्षाएं बहुत अधिक है।
लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान ने कहा कि बिड़ला की प्रशंसा करना सूरज को दीया दिखाने के समान है। उन्होंने कहा कि बिड़ला के अनुभव का लाभ नए सांसदों को अवश्य मिलेगा। पासवान ने उम्मीद जताई कि अध्यक्ष पद पर रहकर बिड़ला छोटी पार्टियों को अवश्य संरक्षण प्रदान करेंगे।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला तथा आईयूएमएल के पीके कुणाल कुट्टी ने अपनी-अपनी पार्टी के भरपूर सहयोग का अध्यक्ष को आश्वासन दिया।तेलुगुदेशम पार्टी के राम माेहन नायडू ने कहा कि उनकी पार्टी का संख्या बल सदन में जरूर कम हो गया है, लेकिन अध्यक्ष से उम्मीद है कि वह उनकी पार्टी को मिलने वाले समय में कटौती नहीं करेंगे। उन्होंने चिराग पासवान की उस बात से भी सहमति जताई कि बिड़ला के अनुभवों से नए सांसदों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने कहा कि बिड़ला पर संसदीय परम्पराओं के संरक्षण का महत्वपूर्ण दायित्व आया है और उन्हें विश्वास है कि अध्यक्ष छोटे दलों को सबसे ज्यादा संरक्षण देंगे। उन्होंने कहा कि बिड़ला के कार्यकाल में लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष गणेश वासुदेव मावलंकर की विरासत और मजबूत होगी।
एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने उम्मीद जर्ताइ कि लोकसभा अध्यक्ष सदन में शक्ति के पृथक्कीकरण के सिद्धांत को संरक्षित करेंगे। उन्होंने कहा कि बिड़ला भले ही दक्षिणपंथी सोच वाली पार्टी से जीतकर आए हैं लेकिन अब उन्हें सभी विचारधाराओं वाले सदस्यों को साथ लेकर चलना है। बिड़ला अब मैच रेफरी बन चुके हैं और अब वह खेल का हिस्सा नहीं बनेंगे।
शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, अन्नाद्रमुक के पी रवीन्द्र कुमार, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन ने भी अध्यक्ष को शुभकानाएं दी। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के रामदास आठवले ने कविता के माध्यम से अपना आभार जताया।