इटावा। उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांग कल्याण मंत्री तथा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर आरक्षण को तीन हिस्सों में नहीं बांटगा गया तो 24 फरवरी को बनारस की रैली में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन पर निर्णय लिया जाएगा।
राजभर रविवार को यहां रामलीला मैदान में पार्टी की जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आरक्षण का तीन हिस्सों में बंटवारा किया जाए, जिससे सभी को लाभ हो सके। यदि आरक्षण में बंटवारा नहीं किया गया तो 24 फरवरी को बनारस की रैली में अकेले ही 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर सकती है। उन्होंने नया नारा दिया कि आरक्षण में बंटवारा न भई तो भाजपा गई।
उन्होंने कहा कि आरक्षण में बंटवारा करने के लिए जो कमेटी बनाई गई थी उसकी रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट में भी आरक्षण को पिछड़ा, अति पिछड़ा और महापिछड़ा तीन विभागों में विभाजित करने की रिपोर्ट दी गई है।
इसके बाद भी प्रदेश सरकार आरक्षण का बंटवारा नहीं कर रही है। इसके चलते बड़े वर्ग को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार बनने से पहले भारतीय जनता पार्टी ने आरक्षण में बंटवारे की बात कही थी। इस मुद्दे पर वे शुरू से मुखर रहे हैं।
राजभर ने कहा कि गत वर्ष मार्च में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से उनकी बातचीत हुई थी और तब अमित शाह ने लोकसभा चुनाव से छह महीने पहले आरक्षण में बंटवारा करने का वायदा किया था। लेकिन अभी तक यह काम नहीं किया गया है।
इसे लेकर पूरे प्रदेश में अभियान चला रहे हैं। अभी भी समय है कि आरक्षण में बंटवारा कर दिया जाए। इसके लिए वह 24 फरवरी तक प्रतीक्षा करेंगे। यदि आरक्षण में बंटवारा न हुआ तो उनकी पार्टी भाजपा से अलग प्रदेश की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी भले ही चुनाव न जीते, लेकिन भाजपा को सभी 80 सीटों पर चुनाव हराने का दमखम रखती है। वे गरीबों की समस्याओें को लेकर लड़ रहे हैं और भाजपा सरकार में भी सुनवाई नहीं हो रही है। गरीबों के लिए यह संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी मानते हैं कि राजभर की बात सही है। यदि भाजपा को राजभर की बात गलत लगती है तो उन्हें मंत्रिमंडल से क्यों नहीं हटाया जाता।
कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने राम मंदिर मुद्दे को लेकर भाजपा पर खूब तंज कसा । उन्होंने कहा कि रामलला हम आएंगे मंदिर वहीं मनाएंगे, लेकिन तारीख नहीं बताएंगे। क्योंकि इन्हें मंदिर बनाना ही नहीं है। मंदिर के नाम पर वोट लेने की कवायद की जाती है।
उन्होंने कहा कि चुनाव के समय हम सभी को वोटों के लिए हिंदू बना दिया जाता है, हिंदू एकजुटता की बात की जाती है लेकिन सरकार बनने के बाद सभी काम जातियों के आधार पर किए जाते हैं। तब हिंदू जैसी कोई बात नहीं रहती है।
अब तो आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी एक साल तक मंदिर के इंतजार की बात कही है। इससे सारा रुख साफ हो गया है। भाजपा धारा 370 हटाने की बात करके सरकार में आई, लेकिन 370 न हटाकर पीडीपी से गठजोड़ करके वहां सरकार बना ली।
राजभर ने भाजपा के साथ ही सपा, बसपा और कांग्रेस को भी नहीं छोड़ा और अपने तरकश से चुन-चुनकर तीर चलाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गरीबी हटाओ के नाम पर वोट लिया, लेकिन गरीबी नहीं हटाई। गरीबों के बच्चों को शिक्षा भी नहीं दी और नौकरी भी नहीं दी।
समाजवादी पार्टी के नेता पिछड़ों के नेता होने का दावा करते हैं। पिछड़ों में 3743 जातियां हैं, चार बार सपा की सरकार बन चुकी है लेकिन हर बार मुख्यमंत्री यादव ही बनते हैं। इसी तरह बहुजन समाज पार्टी दलित हितैषी का दावा करती है, यह पार्टी भी चार बार सरकार बना चुकी है लेकिन कभी अति पिछड़े, अति दलित को मुख्यमंत्री नहीं बनाया।
उन्होंने प्रदेश की बेसिक शिक्षा पर तंज कसते हुए कहा कि अमीरों के बच्चे ‘क’ से कम्प्यूटर पर पढ़ते हैं और अधिकारी बन जाते हैं। गरीबों के बच्चे सरकारी प्राइमरी स्कूलों में ‘क’ से कबूतर और कौआ पढ़ते हैं और खेतों में हल चलाते हैं। इस भेदभाव को मिटाना चाहिए। इसके लिए प्राइमरी शिक्षा में सुधार जरूरी है।
राजभर ने कहा कि एक करोड़ 70 लाख बच्चे प्राइमरी स्कूलों में पढ़ते हैं, यह सब गरीबों के बच्चे हैं और इन स्कूलों की व्यवस्था सुधारने के लिए कुछ भी नहीं किया गया है। इस बात को लेकर भी मुख्यमंत्री से उनका झगड़ा होता रहता है। उन्होंने यह भी सलाह दी कि शिक्षकों के खाली पदों को भरा जाए।
प्रदेश विभाजन की बात करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का विभाजन निश्चित है। प्रदेश को चार भागों में विभाजित किया जाएगा। जातियों का ऐसा तालमेल करेंगे कि हर जाति का नेता छह-छह महीने के लिए मुख्यमंत्री बन जाए। चारों राज्यों में पांच साल तक छह-छह महीने के मुख्यमंत्री बनेंगे। इस तरह 40 जातियों के नेता पांच साल में मुख्यमंत्री बन जाएंगे।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 के चुनाव में पूरे देश में गुजरात माडल लागू करने का वादा किया था। गुजरात में शराब बंदी लागू है। प्रधानमंत्री अपने वादे को पूरा करें और उत्तर प्रदेश में भी शराब बंदी लागू करें। उन्होंने सभा में आए लोगों से हाथ उठवाकर शराब बंदी लागू करने का समर्थन कराया और कहा कि शराब से गरीब परेशान होता है।