श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मानहानि केसों में संबद्व नेताओं से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के माफी मांगने पर सवालिया निशान लगाते हुए सोमवार को उनसे पूछा कि आखिर वह ऐसा क्यों कर रहे हैं।
अब्दुल्ला ने एक टवीट् कर कहा कि निश्चित रूप से एेसा करने से उन्हें कम कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ेगा लेकिन किस राजनीतिक कीमत पर वह ऐसा कर रहे हैं। भविष्य में जब वह किसी नेता या व्यक्ति पर आरोप लगाएंगे तो उनके चाहने वाले क्या साेचेंंगें।
अब्दुल्ला ने केजरीवाल के उन माफीनामों का जिक्र किया जिनमें उन्होंने शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया, केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के पुत्र अमित सिब्बल से उनके खिलाफ मानहानि केसों में मामला वापस लेने के लिए माफी मांगी है। केजरीवाल के खिलाफ 22 राज्यों में 30 से अधिक ऐसे मानहानि केे मामले दर्ज हैं।
केजरीवाल ने गडकरी तथा सिब्बल को अलग अलग पत्र लिखकर माफी मांगी है। गडकरी को लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा कि आपसे मुझे कोई व्यक्तिगत शिकायत नहीं है। मैं खेद व्यक्त करता हूं। हमें इस प्रकरण को पीछे छोड़ देना चाहिए और अदालती कार्यवाही बंद कर देनी चाहिए।
केजरीवाल ने 2014 में गडकरी के खिलाफ एक बयान दिया था जिसे केंद्रीय मंत्री ने अपमानजनक बताते हुए उनके खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में आपराधिक मामला दर्ज किया था।
आम आदमी प्रमुख ने सिब्बल और उनके पुत्र अमित सिब्बल से भी माफी मांगी है। पत्र भेजकर उन्होंने कहा है कि वह अपने सभी आरोप वापस लेते हैं और इसके लिए माफी मांगते हैं। उन्होंने सिब्बल पर कुछ आरोप लगाए थे जिन्हें लेकर उनके पुत्र ने केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा कर दिया था।
केजरीवाल ने पंजाब विधान सभा चुनाव के दौरान मजीठिया पर कुछ आरोप लगाए थे लेकिन पिछले सप्ताह उन्होंने इसके लिए माफी मांगी थी जिसके बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी में असंतोष पैदा हो गया और प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भगवंत मान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राज्य के कुछ अन्य पार्टी नेताओं ने भी केजरीवाल के इस कदम की आलोचना की थी।