मौद्रिक नीति समिति की बैठक में आज सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर पर चर्चा की गई। और मौद्रिक नीति समिति की बैठक के सदस्य डॉ. चेतन घाटे, डॉ. पामी दुआ, डॉ. रवीन्द्र ढोलकिया और डॉ. विरल आचार्या ने नीतिगत दरों को स्थिर रखने के पक्ष में मतदान किया। वहीं, डॉ. माइकल पात्रा ने नीतिगत दर 0.25 प्रतिशत बढ़ाने के पक्ष में मत दिया।
घरेलू अर्थव्यवस्था के बारे में बयान में कहा गया है कि कई कारक वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार बढ़ाने में मददगार होंगे। पूँजीगत वस्तुओं के उत्पादन और आयात में लगातार बढ़ोतरी से निवेश गतिविधियों में सुधार के स्पष्ट संकेत हैं।
दूसरा कारक यह है कि वैश्विक माँग बढ़ रही है जिससे निर्यात और नये निवेश को बल मिलने की उम्मीद है। कुल मिलाकर चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है जो 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में 6.6 प्रतिशत रही थी। फरवरी के मौद्रिक नीति बयान में समिति ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 7.2 प्रतिशत विकास दर का अनुमान व्यक्त किया था।
उसने कहा है कि इस साल जनवरी-फरवरी में खुदरा महँगाई दर 4.8 प्रतिशत रही है। इसमें नरमी की मुख्य वजह सब्जियों की कीमतों और ईंधन वर्ग की मुद्रास्फीति में तेज गिरावट को बताया गया है। मार्च में सब्जियों की कीमतों में और गिरावट के मद्देनजर वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में महँगाई दर 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।
श्री पटेल के साथ डॉ. चेतन घाटे, डॉ. पामी दुआ, डॉ. रवीन्द्र ढोलकिया और डॉ. विरल आचार्या ने नीतिगत दरों को स्थिर रखने के पक्ष में मतदान किया। वहीं, डॉ. माइकल पात्रा ने नीतिगत दर 0.25 प्रतिशत बढ़ाने के पक्ष में मत दिया।
मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 05 और 06 जून को होगी।