दिल्ली पुलिस के मुताबिक, देश में क्रिप्टोकरंसी की चोरी की ये सबसे बड़ी वारदात है। दिल्ली पुलिस के साइबर सेल अधिकारियों का कहना है कि कॉइनसिक्यॉर नाम की क्रिप्टोकरंसी फर्म ने उन्हें इस चोरी के बारे में जानकारी दी है। मामले में आईटी ऐक्ट की धारा 66 के तहत केस पुलिस ने केस दर्ज कर लिया गया है। बता दें कि पूरे भारत में कॉइनसिक्यॉर के 2 लाख से ज्यादा यूजर्स हैं।
कंपनी का कहना है कि उन्हें चोरी के बारे में तब पता चला, जब सभी वॉलिट्स को चेक किया गया। कंपनी के एक सीनियर सिक्यॉरिटी ऑफिसर को पता चला कि जिन बिटकॉइन्स को ऑफलाइन स्टोर करके रखा गया था, वे सभी गायब हो चुके हैं। बाद में पता चला कि वॉलिट्स के प्राइवेट कीज यानी पासवर्ड्स- जिन्हें ऑफलाइन स्टोर करके रखा गया था, ऑनलाइन लीक हो चुके थे, जिस वजह से हैकिंग हुई।
कंपनी ने हैकर्स का पता लगाने की कोशिश की, तो पता चला कि प्रभावित वॉलिट्स के सभी डेटा लॉग्स को उड़ा दिया गया है। इस तरह हैकर्स ने कोई सुराग नहीं छोड़ा कि बिटकॉइन्स कहां ट्रांसफर किए गए हैं। कंपनी की वेबसाइट तभी से बंद है। गुरुवार रात को कंपनी ने वेबसाइट पर एक मेसेज पोस्ट कर अपने यूजर्स को हैकिंग के बारे में जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि कंपनी के सर्वर को सीज कर दिया गया है ताकि किस स्तर पर हैकिंग हुई है, इसका सही-सही पता चल सके। इसकी भी जांच की जा रही है कि क्या और भी वॉलिट्स प्रभावित हुए हैं। कंपनी के सीनियर सिक्यॉरिटी ऑफिशल्स को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है। साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि कंपनी जिस पासवर्ड को रखती है, उसे कभी भी ऑनलाइन सिस्टम से नहीं जोड़ा जाता है।