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No time bound commitment by raje in election meeting in Pindwada - Sabguru News
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कांग्रेस के वार से आहत वसुंधरा राजे के आने से इनको मिली तीन घंटे की राहत

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कांग्रेस के वार से आहत वसुंधरा राजे के आने से इनको मिली तीन घंटे की राहत
पिण्डवाड़ा में आमली रोड स्थित एक मैदान में आयोजित मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सभा में उपस्थित लोग।
पिण्डवाड़ा में आमली रोड स्थित एक मैदान में आयोजित मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सभा में उपस्थित लोग।
पिण्डवाड़ा में आमली रोड स्थित एक मैदान में आयोजित मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सभा में उपस्थित लोग।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शनिवार को पिण्डवाड़ा पहुंची। यहां उन्होंने कांग्रेस को जमकर कोसा। इतना ही नहीं बजरी, बिजली जैसी अपने शासन की समस्याओं के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराने की कोशिश की। वसुंधरा की रैली में लोगों को जुटाने के लिए आसपास के कारखानों में तीन घंटे की छुट्टी भी की गई। कई कारखानों का समय एक बजे के बाद रखा गया।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भाजपा के प्रत्याशी को संबल प्रदान करने के लिए शनिवार को पिण्डवाडा के आमली रोड पर आमसभा को संबोधित करने के लिए पहुंची। अमित शाह के सामने झुकने के अशोक गहलोत की टिप्पणी का दर्द वसुंधरा राजे की जुबान से यहां भी छलका। ये बात अलग है कि यहां पर मौजूद सत्तर प्रतिशत लोगांे को यह जानकारी नहीं थी कि आखिर राजे के भाषण में इस तथ्य के उल्लेख का संदर्भ क्या है।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि वो लोग सिर्फ सोनिया माता के आगे साष्टांग होते हैं। हम लोग अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष या प्रदेश अध्यक्ष के आगे झुकते हैं तो यह हमारे संस्कार है। बजरी के मामले में अपनी सरकार की विफलता का ठीकरा उन्होंने कांग्रेस सरकार पर फोड़ा।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार ने अपने चुनावी खर्च के लिए बड़े-बड़े ठेकेदारों को पांच साल का बजरी ठेका दे दिया। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार के प्रयासों से शाॅर्ट टर्म लीज की अनुमति मिल गई है और शीघ्र ही चुनाव आयोग के अनुमति मिलने के बाद यह समस्या खतम हो जाएगा।

चुनाव प्रचार खतम होने को चार दिन बचे हैं फिर भी राजे ने कांग्रेस को चेताया कि यदि वह अब भी इस मुद्दे को उठाने से बाज नहीं आए तो वह दस्तावेजों के साथ उनकी करतूत को उजाकर करेंगी। पिण्डवाडा क्षेत्र में चिनाई के पत्थरों पर पाबंदी के बारे में वह कुछ नहीं बोली। इसके अलावा आदिवासियों के सामने वह डूंगरपुर, बांसवाड़ा और अन्य क्षेत्रों के अंग्रेजी नामों की वो योजनाएं गिनाती रहीं जिनका जनसमुह में उपस्थित लोगों को कोई सरोकार था नहीं।
-पर्चियां मिलने पर बोली यह
वसुध्ंारा राजे राज्य में करवाए गए कामों को बदस्तूर गिनाए जा रही थी। इस बीच लुम्बाराम चैधरी ने एक पर्ची दी। जिसमें बत्तीसा नाला परियोजना पूरी करवाने का जिक्र था। इस पर राजे ने कहा कि उन्होंने बत्तीसा नाला परियोजना को पूर्ण करवाने का काम किया।

इसी तरह आबू-पिण्डवाड़ा विधायक और भाजपा के प्रत्याशी समाराम गरासिया की पर्ची पर वह बोलीं कि माउण्ट आबू के बिल्डिंग बायलाॅज का काम होना है, यह पत्रावलियां चल रही है। लेकिन, यह काम कब होगा इसकी कोई समय सीमा देने से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे यहां बचती नजर आई। इनकी पर्ची पर ही पूर्व चुनाव में किए वादे के अनुसार इस बार भी सेई बांध के पानी को पिण्डवाड़ा में लाने के काम की डीपीआर बनाए जाने की बात कही।

यह बात अलग है कि पिछली चुनावी सभा में इसी तरह से डीपीआर बना लेने की बात उन्होंने सिरोही विधानसभा में नर्मदा का पानी लाने के लिए कही थी और सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार की जलदाय मंत्री किरण माहेश्वरी, जालोर सांसद देवजी पटेल और जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी ने भी इसकी फिजीबलीटी से इनकार किया और बत्तीसा नाले को इसके विकल्प के रूप में लाने की बात कही।
-कारखानों की तीन घंटों की छुट्टी
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के आने के कारण पिण्डवाड़ा और इसके आसपास के कारखानों की छुट्टी गई। झाड़ोली की पुलिया के पास स्थित एक कारखाने के कार्मिक ने बताया वसुंधरा राजे के आने के कारण तीन घंटे छुट्टी की। एक बजे बाद कारखाने फिर से शुरू किए जाएंगे।

इधर, कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पहुंचने के बाद भी बिनानी सीमेंट की तरफ से बीएमएस के झंडे लगे तीन ट्रोलों में महिलाओं को लाने का क्रम जारी था।
-ढाई हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था
कार्यक्रम स्थल पर सिर्फ लोगों के बैठने के लिए ही 15 गुणा 15 के 45 टेंट लगाए गए थे, डी और मंच के लिए अलग टेंट लगे थे।। एक टेट का क्षेत्रफल 225 वर्ग फीट है। जमीन पर बैठने पर एक व्यक्ति को 4 वर्ग फुट जगह की जरूरत होती है। ऐसे में एक टेंट के नीचे 56 लोगों के बैठने की व्यवस्था थी। ऐसे में 45 टेंट के नीचे दो हजार पांच सौ बीस लोगों के बैठने की व्यवस्था थी। ऐसे में सभा स्थल पर लगभग तीन हजार के आसपास लोग थे।