मुंबई। शिव सेना ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से हटाए जाने के संबंध में कहा है कि राजग से शिवसेना को हटाने के लिए उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया या नहीं, क्या इस तरह का कदम उठाने से पहले कोई कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
शिव सेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना के आज के संपादकीय में लिखा है कि केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शिव सेना को राजग से बाहर निकालने की घोषणा करते हुए कहा कि शिव सेना का संबंध कांग्रेस के साथ है, इसलिए शिव सेना को राजग से निकाला जाता है और शिव सेना सांसदों को संसद में विपक्षी खेमे में बैठाया गया।
सामना में आगे लिखा है कि जिस राजग से शिव सेना को निकाला गया है उस राजग की स्थापना में दिवंगत बाल ठाकरे, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी आदि का विशेष योगदान है। शिव सेना को राजग से निकालने के पहले क्या राजग में शामिल दलों की बैठक बुलायी गयी, क्या इस पर चर्चा हुयी या फिर मनमाने ढंग से घोषणा कर दी गयी। जिसने भी शिव सेना को राजग से बाहर निकालने की घोषणा की उसे शिव सेना का मर्म और राजग का कर्म-धर्म का पता नहीं है।
राजग की जब नींव रखी गई तब आज के कई नेताओं का जन्म भी नहीं हुआ रहा होगा। शिव सेना को निकालने का किस आधार पर निर्णय लिया गया, जो कुछ भी किया गया, वह उचित नहीं है।