नई दिल्ली। सरकार ने महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्वच्छता अभियान के तहत आक्सी-बायोडिग्रेडेबल सैनेट्री नैपकिन जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से मात्र ढाई रुपए में उपलब्ध कराने की घोषणा की है।
रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सैनेट्री नैपकिन ‘सुविधा’ जारी करते हुए यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चार सैनेट्री नैपकिन का एक सेट दस रुपये में उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार इसे गरीब महिलाओं को कम कीमत में आसानी से उपलब्ध कराना चाहती है। देश में सभी 3200 जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से ये सैनेट्री नैपकिन 28 मई से पहले उपलब्ध कराए जाएंगे।
कुमार ने कहा कि सस्ते दर पर इस सुविधा को उपलब्ध कराने का उद्देश्य मुख्य रुप से ग्रामीण क्षेत्र में सभी महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है। अभी तक देश में बायो डिग्रेडेबल सैनेट्री नैपकिन उपलब्ध नहीं हैं। बाजार में जो सैनेट्री नैपकिन उपलब्ध हैं उनके चार नेपकिन के एक सेट का औसत मूल्य 32 रुपए है।
नाॅन बायो डिग्रेडेबल सैनेट्री नैपकिन इस्तेमाल के बाद कूड़े या नालों में चले जाते हैं जो नष्ट नहीं होने के कारण प्रदूषण फैलाते हैं और नालों को जाम कर देते हैं। देश में सालाना करीब 12 अरब 30 करोड़ सैनेट्री नेैपकिन का उपयोग किया जाता है जो कूड़ा फैलाता है।
बायो डिग्रेडेबल सैनेट्री नेपकिन रसायन, जेल और प्लास्टिक सीट से बना है जिसमें सोखने की क्षमता अधिक है और यह लीक प्रूफ है। यह नैपकिन खुले स्थान या पानी में आक्सीजन के सम्पर्क में आने के बाद नष्ट हो जाता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015.16 के अनुसार 15 से 24 साल की 58 प्रतिशत लड़कियां स्थानीय स्तर पर बने नेपकिन का उपयोग करती हैं। शहरों में रहने वाली 78 प्रतिशत महिलाएं मासिक धर्म के दौरान सुरक्षित साफ सफाई का तरीका अपनाती है। ग्रामीण क्षेत्र में यह सिर्फ 48 प्रतिशत है।
मासिक धर्म के दौरान ठीक से साफ सफाई नहीं होने से कई प्रकार के संक्रमण, सरवाईकल कैंसर तथा प्रजनन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।