कोरोना की चपेट में लगभग 170 से अधिक देश आ चुके हैं। कई देशों में तो इस समय लॉकडाउन भी घोषित किया गया है।
आज विकसित हो या विकासशील देश हो सभी कोरोना वायरस से ग्रसित हैं, चाहकर भी एक दूसरे की मदद नहीं कर पा रहे हैं। कोरोना वायरस को लेकर हम और हमारा समाज जितना जागरूक, सचेत, स्वस्थ रहेगा उतना ही हम इस महामारी पर विजय प्राप्त कर सकेंगे। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना को लेकर लगातार बैठक और मॉनिटरिंग कर रहे हैं लेकिन फिर भी अभी स्थिति नियंत्रण में आती हुई नहीं दिख रही है।
कोरोना वायरस के खतरे के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की। पीएम ने कहा कि महामारी का खतरा हर राज्य के लिए एक समान है। प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लोगों और स्थानीय निकायों की भागीदारी पर जोर दिया। करीब ढाई घंटे चली मीटिंग में पीएम ने कहा कि अगले 3-4 हफ्ते बेहद अहम हैं जब वायरस को फैलने से रोकना है।
भारत फिलहाल कोरोना वायरस की दूसरे चरण में
भारत वर्तमान में कोरोना वायरस की दूसरे स्टेज में है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, स्टेज-2 का अर्थ है कि अभी वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन (लोगों के बीच आपस में नहीं फैला है) नहीं हुआ है। भारत कोशिश कर रहा है कि कोरोना वायरस के स्टेज-3 में नहीं पहुंचे। आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि हम कोरोना वायरस के दूसरे चरण में हैं।
हम तीसरे चरण में अभी नहीं पहुंचे हैं, तीसरा चरण कम्युनिटी ट्रांसमिशन है, हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह स्थिति नहीं आये। उन्होंने कहा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम कितनी तत्परता से अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमा को बंद करते हैं, इसी वजह से सरकार ने बहुत सक्रिय रूप से कदम उठाए हैं, लेकिन हम यह नहीं कह सकते हैं कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं होगा।
कोरोना संक्रमण के चार चरण इस प्रकार
स्टेज 1:- इस स्थिति में संक्रमण के मामले वायरस से प्रभावित देशों से आते हैं। इसमें वहीं लोग संक्रमित पाए जाते हैं जिन्होंने विदेश की यात्रा की होती है।
स्टेज 2:- जब संक्रमित लोगों से बीमारी का फैलाव स्थानीय लोगों में होता है। उदाहरण के लिए, जब कोई वायरस प्रभावित देश जाता या लौटता है और अपने रिश्तेदारों या परिचितों के संपर्क में आता है, जिससे वे भी संक्रमित हो जाते हैं। इस स्थिति में स्थानीय ट्रांसमिशन में बहुत कम लोग प्रभावित होते हैं, इस स्थिति में वायरस का सोर्स पता होता है और उसे आसानी से ट्रेस किया जा सकता है।
स्टेज 3:- जब वायरस कम्युनिटी ट्रांसमिशन में पहुंच जाता है तो बहुत बड़ा क्षेत्र इससे प्रभावित होता है। इस स्टेज में यह बीमारी भारत के अंदर मौजूद संक्रमित लोगों से यहीं के दूसरे लोगों में फैलने लगेगी। यह बेहद खतरनाक स्थिति है। इस स्टेज में टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए लोग यह नहीं जानते हैं कि उनमें वायरस कहां से आया है। इटली, ईरान, अमेरिका और स्पेन अभी इसी चरण में हैं।
स्टेज 4:- यह सबसे भयावह स्थिति है, जब बीमारी महामारी को रूप ले लेती है और यह स्पष्ट नहीं होता है कि इसका खात्मा कब होगी, चीन में ऐसा ही हुआ है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार