पटना। बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र कोरोना वैश्विक महामारी के कारण एक दिन की कार्यवाही के बाद ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों की बैठक पहले चार दिन 03 अगस्त से छह अगस्त तक होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में सत्र की बैठक एक दिन के लिए ही आहूत करने का फैसला लिया गया। विधानमंडल की बैठक में हिस्सा लेने वाले सदस्यों के बीच शारीरिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए दोनों सदनों की बैठक पहली बार विधानमंडल परिसर से दूर ज्ञान भवन में बुलाई गई।
इस एक दिवसीय मानसून सत्र में आज बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार संशोधन विधेयक 2020, बिहार माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2020, बिहार माल एवं सेवा कर द्वितीय संशोधन विधेयक 2020, बिहार कराधान विधि संशोधन विधेयक 2020, बिहार कराधान विधि समय सीमा प्रावधानों का शिथिलीकरण विधेयक 2020, बिहार मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक 2020, बिहार लोक कार्य संविदा विवाद मध्यस्थ न्यायाधिकरण संशोधन विधेयक 2020,
बिहार कृषि भूमि गैर कृषि प्रयोजन के लिए समपरिवर्तन संशोधन विधेयक 2020, बिहार नगरपालिका संशोधन विधेयक 2020, ठेका श्रम विनियमन और उत्पादन संशोधन विधेयक 2020, औद्योगिक विवाद बिहार संशोधन विधेयक 2020 तथा कारखाना बिहार संशोधन विधेयक 2020 के साथ ही प्रथम अनुपूरक बजट और संबंधित विनियोग विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
इसके अलावा कुछ अन्य विधायी कार्यो का निपटारा किया गया और उसके बाद कोरोना और बाढ़ पर दो घंटे का विशेष वाद-विवाद हुआ, जिसका उत्तर मुख्यमंत्री ने दिया। इसके बाद बिहार के पूर्व राज्यपाल देवानंद कुंवर, लालजी टंडन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व विधायक सत्यनारायण सिंह के निधन और कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी गई। विधानसभा में सभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी और बिहार विधान परिषद में सभापति अवधेश नारायण सिंह ने इसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित किए जाने की घोषणा की।