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one year old child rescued successfully from borewell in hisar after two days-48 घंटे की कड़ी मेहनत, डेढ साल के नदीम को बोरवेल से सुरक्षित निकाला - Sabguru News
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48 घंटे की कड़ी मेहनत, डेढ साल के नदीम को बोरवेल से सुरक्षित निकाला

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48 घंटे की कड़ी मेहनत, डेढ साल के नदीम को बोरवेल से सुरक्षित निकाला

हिसार। हरियाणा के हिसार जिले के बालसमंद गांव में बुधवार की शाम एक डेढ़ वर्षीय बच्चे के बोरवेल में गिरने के 48 घंटे बाद भारतीय सेना, एनडीआरएफ ने जिला प्रशासन व ग्रामीणों की मदद व समन्वय से बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

बिना रुके लगातार चले इस जटिल बचाव अभियान के बाद बाहर निकाले गए नदीम को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया जहां उसके स्वास्थ्य की सघन जांच की जाएगी और जरूरत के अनुसार उपचार के बाद उसे उसके परिजनों को सौंपा जाएगा। अभियान के दौरान बच्चे की वास्तविक लोकेशन की पहचान करने में आ रही मुश्किल को दूर करने में एचडीडी ट्रैकर ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने अभियान की सफलता के लिए भारतीय सेना, एनडीआरएफ, विभिन्न विभागों और ग्रामीणों के सहयोग तथा सभी की टीम भावना की सराहना करते हुए उन्हें अभियान की सफलता के लिए बधाई दी।

बुधवार को नदीम खेतों में बने अपने घर के पास एक 54 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस अधीक्षक शिवचरण व श्री मीणा सहित पुलिस व प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और तुरंत भारतीय सेना और एनडीआरएफ को भी बुलाया गया।

घटना के लगभग तुरंत बाद जिला प्रशासन ने भारतीय सेना और एनडीआरएफ के साथ विचार-विमर्श के बाद संयुक्त बचाव अभियान शुरू करवाया। अभियान के लिए 7 जेसीबी, 8 ट्रैक्टर, सेना के वाहनों सहित जरूरत के हर उपकरण का प्रबंध किया गया जिनकी मदद से बोरवेल से लगभग 20 फुट दूर तक 52 फुट गहराई तक खुदाई की गई। इसके बाद यहां से बोरवेल तक सुरंग बनाई गई जिसके माध्यम से नदीम को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

सुरंग से बोरवेल तक पहुंचने के दौरान बच्चे की वास्तविक स्थिति की पहचान करने के काम में आ रही बाधा को एचडीडी ट्रैकर ने ताले की चाबी खोलने का काम किया। इसी ट्रैकर की मदद से बचाव टीम बच्चे तक पहुंच पाई।

अभियान के दौरान सेना, एनडीआरएफ और प्रशासनिक टीमों के कर्मचारियों व अधिकारियों ने बिना आराम किए अथवा शिफ्टों में ड्यूटी बदलते हुए काम किया और शुक्रवार को शाम 5.30 बजे नदीम को सुरंग के रास्ते बाहर निकालकर इस अभियान को सफल बनाया।

जब खुदाई गहरी चली गई और जेसीबी मशीनों की पहुंच भी नहीं रहीं तो 300 से अधिक ग्रामीणों ने बचाव टीमों के साथ मिलकर खुदाई करने और मिट्टी बाहर निकालने के लिए पूरी मेेहनत से काम किया।

प्रशासन ने बोरवेल में नाइट विजन कैमरा पहुंचाकर लगातार नदीम की गतिविधियों की निगरानी की। नदीम तक बोरवेल में एक ऑक्सीजन पाइप पहुंचाई गई वहीं रोशनी पहुंचाने के लिए लाइट्स भी नीचे भिजवाई गईं ताकि बच्चे को सांस लेने में दिक्कत न हो और वह घबराए नहीं।

इसके अलावा बीच-बीच में बिस्कुट और फ्रूटी आदि भी नीचे भिजवाई गईं जिससे नदीम को ताकत मिलती रही। इन सभी कार्यों की निगरानी तथा नदीम तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की दो एंबुलेंस बोरवेल के पास ही तैनात की गई थीं।

मीणा ने बताया कि बच्चे को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया है जहां स्पेशलिस्ट डॉक्टर उसके स्वास्थ्य की जांच तथा जरूरत के अनुसार उसे उपचार देंगे। उपायुक्त ने कहा कि इस अभियान में जिन लोगों ने अच्छा काम किया, उन्हें प्रशासन द्वारा समानित किया जाएगा।

शिवचरण ने आमजन से आह्वान किया है कि वे इस प्रकार के अनाधिकृत व असुरक्षित बोरवेल बनाने जैसी गतिविधियां न करें जिनसे दूसरों का जीवन खतरों में पड़ता हो। उन्होंने कहा कि लोग अपनी जिमेदारी समझें और दूसरों को भी इस प्रकार की गतिविधियां न करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि जिला में ऐसे असुरक्षित बोरवेल चिह्नित किए जाएंगे और असुरक्षित व अवैध बोरवेल करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।