सबगुरु न्यूज-गंगापुर सिटी ।स्थानीय अग्रवाल कन्या महाविद्यालय एवं सुखाडिया विश्वविद्यालय उदयपुर ने अन्य 36 सहयोगी संस्थाओं के साथ मिलकर विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम ऑनलाईन माध्यम से आयोजित किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर गंगाराम जाखड पूर्व कुलपति महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर तथा विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर बी.आर. बामनिया पृथ्वी विज्ञान विभाग मोहन लाल सुखाडिया विश्वविद्यालय उदयपुर, अग्रवाल शिक्षण संस्थान अध्यक्ष ओम प्रकाश गुप्ता धर्मकांटा एवं प्रोफेसर एल.एन. हर्ष जोधपुर ने इस संबंध मे उद्बोधन दिया।
मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन मे बताया कि पर्यावरण प्रतिदिन नष्ट होते जा रहा है तथा वन्य क्षेत्र सिमटते जा रहे हैं उन्होने कार्बनिक प्लास्टिक द्वारा वातावरण पर पडने वाले दुष्प्रभावों के बारे में चिन्ता व्यक्त की।
संस्थान अध्यक्ष ने सभी जुडे हुए सदस्यों का स्वागत करते हुए पर्यावरण की सुरक्षा को जीवन के लिए महत्वपूर्ण बताया तथा प्रदूषण को पर्यावरण के लिए खतरा बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. स्वाति सम्वत्सर निदेशक जलाश्री जल गॉव महाराष्ट्र ने किया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. जयन्त चौधरी आसाम ने अन्तराष्ट्रीय पर्यावरणविदों को मंच साझा करने के लिए मिश्र, बांग्लादेश, सूडान, इण्डिनेशिया, मलेशिया, नेपाल, दक्षिण अफ्रिका व अन्य कई देशों से आमंत्रित किया।
कार्यक्रम मे राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय पर्यावरणविदों ने अपने बहुमूल्य विचार विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में उपस्थित सभी सदस्यों का अग्रवाल शिक्षण संस्थान महामंत्री पंकज कुमार गुप्ता मंगलम ने कार्यक्रम के द्वारा महाविद्यालय की छात्राओं को पर्यावरण संबंधित जानकारी देने के लिए मंचासीन सदस्यांं का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में लगभग 25 से 30 वक्ताओं ने पर्यावरण संबंधी अपने विचार व्यक्त किये तथा देश के विभिन्न भागो से लगभग 2000 प्रतिभागी भाग लेकर इस आयोजन से लाभान्वित हुए। सभी पर्यावरणविदों ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वैश्विक तापमान, कार्बनिक प्लास्टिक, प्रदूषण तथा बढती हुई जनसंख्या को उत्तरदायी माना तथा पृथ्वी पर जीवन को कायम रखने के लिए पर्यावरण की सुरक्षा को महत्वपूर्ण बताया।
कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सत्य प्रकाश मेहरा ने सभी ऑनलाईन माध्यम से जुडे हुए सदस्यों तथा प्रतिभागियों का अभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया तथा इन सभी चर्चाओं को समग्र रूप से एक पुस्तक के माध्यम से प्रकाशित करने की घोषणा की। कार्यक्रम के संचालन में तकनीकि रूप से डॉ. संजय चौबे, प्रकाश चन्द शर्मा, दिनेश कुमार गुप्ता ने सहयोग किया।