महाराष्ट्र के वरिष्ठ एनसीपी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। करोड़ों रुपये के महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रही जांच रोकने वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने पुलिस से कहा है कि इस मामले ‘निष्पक्ष और स्वतंत्र’ जांच की जाए।
आपको जानकारी में बता दें, इस मामले में पुलिस ने अजीत पवार के अलावा विजय सिंह मोहिते पाटील, आनंदराव अडसूल, शिवाजी नलावडे समेत बैंकों के तत्कालीन संचालकों, अधिकारियों के खिलाफ धारा 420, 409, 406, 465, 467, 468, 34, 120 (बी) के साथ भ्रष्टाचार निरोधक कानून की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है।
ये है मामला
दरअसल, अजित पवार समेत दूसरे नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने कॉपरेटिव बैंक को 1000 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया। यह मामला 2007 से 2011 के बीच का है। नाबार्ड ने अपनी ऑडिट में पाया कि चीनी फैक्ट्रियों और बुनाई मिलों को लोन देने में बैंकिंग नियमों और रिजर्व बैंकों के नियमों और दिशानिर्देशों की अवहेलना की गई थी।