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कृषि बिल को काला कानून कहना गलत : मुख्तार अब्बास नकवी - Sabguru News
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कृषि बिल को काला कानून कहना गलत : मुख्तार अब्बास नकवी

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कृषि बिल को काला कानून कहना गलत : मुख्तार अब्बास नकवी

कानपुर। केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि कृषि बिल में ऐसा कुछ भी नहीं है जो इसे काला कानून कहा जाए।

केन्द्र सरकार का पक्ष रखते हुए नकवी ने पत्रकारों से बातचीत में साफ किया कि नए कृषि कानून में न तो एमएसपी खत्म की गई है और न ही मंडिया खत्म की गई है। उन्होंने कहा कि अमरीका की किसी पाॅप स्टार के एक ट्वीट से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता और हमें अपनी ईमानदारी को सिद्ध करने के लिए किसी भी अंतरराष्ट्रीय संस्था के प्रमाण पत्र की जरूरत भी नहीं है।

उन्होंने कहा कि तथाकथित असहिष्णुता पर बवाल तो कभी सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल तो कभी सीएए पर भ्रम तो कोरोना काल में लोगों की सेहत सलामती के लिए किए गए कामों पर पलीते का प्रयास और अब कृषि कानूनों पर किसानों के कंधे पर बन्दूक के जरिये देश को बदनाम करने और किसानों के हितों का अपहरण करने की साजिश की जा रही है। कुछ लोगों का ‘सामंती गुरुर- सत्ता का सुरूर’ अभी भी नहीं उतरा, रस्सी जल गई-बल नहीं गया।

नकवी ने कहा कि तमाम दुष्प्रचारों-पॉलिटिकल पलीते के बावजूद जनता ने 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए पर विश्वास जताया, प्रचंड बहुमत से सरकार बनी 2019 में दोबारा उससे बढकर जनादेश दिया। इस दौरान हुए विधानसभा, पंचायत, स्थानीय निकाय चुनावों में मोदी सरकार की नीतियों पर मुहर लगाई है।

वरिष्ठ भाजपा नेता ने केंद्रीय बजट 2021-22 को लेकर कहा कि बजट में सभी तबकों का सम्मान के साथ सशक्तिकरण सुनिश्चित कर आत्मनिर्भर भारत के सफल सफर का हम सफर है। समाज के सभी जरूरतमंदों के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक सशक्तिकरण और सेहत-सलामती के संकल्प से भरपूर है केंद्रीय बजट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का यह बजट निवेशकों, उद्योग और बनियादी ढांचे के क्षेत्र ने भी सकारात्मक बदलाव लाएगा।

नकवी ने कहा कि यह बजट देश को कोरोना की चुनौतियों से मजबूती से लड़ कर हर क्षेत्र में विकास की नई कहानी लिखने के लिए तैयार करेगा। सभी वर्गो के गरीब, किसानों युवाओं, बुजुर्गो, महिलाओं, मजदूरों, छोटे व्यापारियों की आशा व आकांक्षाओं को पूरा करने वाला बजट है।

आम बजट 2021-22 में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार को आगे बढ़ाया गया है, एमएसएमई सेक्टर को मजबूती प्रदान की गई है। शिक्षा एवं अनुसन्धान पर विशेष ध्यान दिया गया है जो देश में रोजगार सृजन में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा।