जयपुर। सीएएआर-एनआरसी के विरोध में विपक्ष ने आज केंद्र सरकार को घेरने के लिए गांधीगिरी का रास्ता अख्तियार किया है। गांधीगिरी का तात्पर्य है कि विपक्ष के नेताओं ने अब ‘गांधीयात्रा’ शुरू कर दी है। सीएए और एनआरसी के विरोध में हो रही इस यात्रा को मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से आज हरी झंडी दिखाई गई। मुंबई के गेट ऑफ इंडिया से शुरू होकर यह यात्रा इसी माह की 30 तारीख को दिल्ली के राजघाट पर खत्म की जाएगी। विपक्ष को अब लगने लगा है कि शायद इस यात्रा से हम केंद्र सरकार को घेरने में सफल हो जाएंगे।
मुंबई में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के विरोध में विपक्ष ‘गांधी यात्रा’ निकाल रहा है। इस विरोध मार्च में एनसीपी प्रमुख शरद पवार, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, बीजेपी के पूर्व नेता शत्रुघ्न सिन्हा और कांग्रेस के पृथ्वीराज चौहान, नवाब मलिक, प्रकाश आंबेडकर जैसे कई बड़े नेता शामिल हुए। इस मार्च को संबोधित करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा है कि हम एक बार फिस से महात्मा गांधी की हत्या नहीं होने देंगे। इस यात्रा में किसान के मुद्दों को उठाया जाएगा। वहीं, देश की चरमराती अर्थव्यवस्था पर भी सरकार पर सवाल उठाए जाएंगे।
इन राज्यों से होकर निकलेगी विपक्ष की गांधी यात्रा
मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से यात्रा शुरू हो गई और कई राज्यों से होते हुए दिल्ली में खत्म होगी। गांधी शांति यात्रा के दौरान सरकार से मांग की जाएगी कि वह संसद में घोषणा करे कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) नहीं कराई जाएगी। यात्रा महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा से होकर 30 जनवरी को दिल्ली के राजघाट पर खत्म होगी। इस गांधी यात्रा के दौरान विपक्षी नेता सीएए, एनआरसी और जज लोया की मौत का भी मुद्दा उठाएंगे। आपको बता दें कि विपक्ष के नेता सीएए के मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहते हैं। अब देखना होगा कि विपक्ष को इस गांधी यात्रा से कितना फायदा पहुंचता है।
भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा केंद्र का कर रहे हैं विरोध
भारतीय जनता पार्टी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने अभी हाल में नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला किया था। दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया पहुंचे यशवंत सिन्हा ने कहा था कि केंद्र सरकार ने कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों जैसा बनाने का दावा किया था, लेकिन हालात ऐसे बन गए हैं कि अब पूरा देश ही कश्मीर बन गया है। ये दोनों नागरिकता संशोधन कानून,एनआरसी और जज लोया की संदिग्ध मौत का मुद्दे अपनी यात्रा के दौरान उठाएंगे। दोनों नेता मोदी सरकार के कटु आलोचक रहे हैं। यशवंत सिन्हा भाजपा में रहे हैं लेकिन मौजूदा सरकार की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। दूसरी ओर पिछले लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने से नाराज शत्रुघ्न सिन्हा ने बीजेपी छोड़ कांग्रेस जॉइन कर ली थी।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार