नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-राकांपा नेता शरद पवार के घर मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नेतृत्व वाले राष्ट्र मंच की बैठक हुई, जिसमें तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल, नेशनल कॉन्फ्रेंस एवं वाम दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया।
राकांपा नेता माजिद मेनन ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि बैठक राजनीतिक विकल्प तलाशने के लिए नहीं बुलाई गई थी, बल्कि इसमें विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार- विमर्श किया गया। बैठक राष्ट्र मंच के प्रमुख यशवंत सिन्हा ने बुलाई थी जिसमें मंच के संस्थापक सदस्य तथा समान विचारधारा के नेताओंने हिस्सा लिया।
कांग्रेस नेताओं का बैठक में नही आने और इसका बहिष्कार करने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि यह ठीक नहीं है, उन्होंने बैठक का बहिष्कार किया है। बैठक में राष्ट्र मंच की विचारधारा से जुड़े सभी नेताओं को बुलाया गया था, जिसमें कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी, विवेक तंखा, शत्रुघ्न सिन्हा, कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी सहित कई अन्य नेताओं को भी आमंत्रित किया गया था।
सपा नेता घनश्याम तिवारी ने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि राष्ट्र मंच की बैठक भारतीय जनता पार्टी विरोधी शक्तियों को एकत्रित करने के लिए नहीं बुलाई गई थी और ना ही इस बैठक का आयोजन कांग्रेस को अलग रखने की मंशा से किया गया था। उनका कहना था कि बैठक महंगाई, बिगड़ती अर्थव्यवस्था, किसानों की समस्या, कोरोना महामारी से उत्पन्न संकट जैसे विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए बुलाए गई थी।
बैठक में पवार और सिन्हा के अलावा समाजवादी पार्टी के घनश्याम तिवारी, राष्ट्रीय राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विश्वान, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की नीलोत्पल बसु, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्लाह, कांग्रेस के पूर्व नेता संजय झा तथा जनता दल यू के पूर्व नेता पवन वर्मा सहित कई लोग मौजूद थे।