नई दिल्ली। लोकसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम और तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस के चार सदस्यों के निलंबन को वापस लेने की अपील करते कहा कि अब वे आसन के सम्मुख नहीं आएंगे।
एक बार के स्थगन के बाद दो बजे कार्यवाही शुरू होने के बाद पीठासीन अधिकारी रमा देवी ने नियम 377 के तहत मामले उठाने के लिए सदस्यों के नाम पुकारना शुरू कर दिया। राकांपा की सुप्रिया सुले ने अपील की कि कांग्रेस के चार सदस्यों को सत्रावधि के लिए निलंबित किया है। उनका निलंबन समाप्त करके सदन में वापस बुलाना चाहिए। सरकार महंगाई पर चर्चा के लिए तैयार है तो हम भी चर्चा में भाग लेना चाहते हैं।
तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय ने और द्रमुक के ए राजा ने भी कहा कि उन्हें खेद है कि कांग्रेस के सदस्यों ने आसन के सम्मुख आ कर अमर्यादित आचरण किया लेकिन उनका निलंबन समाप्त करके सदन में वापस लिया जाना चाहिए।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि निलंबन समाप्त करने का निर्णय लोकसभा अध्यक्ष लेंगे लेकिन सुले, राजा और बंद्योपाध्याय इस बात की गारंटी लेंगे कि उक्त सदस्य दोबारा ऐसा आचरण नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार पहले दिन से कह रही है कि वह महंगाई समेत हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।
लेकिन विपक्ष की ओर से गारंटी वाले मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई और सदन में नियम 377 और फिर शून्य काल में लोक महत्व के महत्वपूर्ण मुद्दों काे उठाया गया।