नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित विभिन्न पार्टी के नेताओं ने रविवार को हुए घटनाक्रम के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से फोन पर बात की।
गांधी ने ट्विटर पर लिखा कि मैंने आज रात ममता दी से बात की और उनसे कहा कि हम उनके साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़े हैं। बंगाल में होने वाली घटनाएं मोदी और भाजपा द्वारा भारत की लोकतांत्रिक संस्थानों पर किए गए निरंतर हमले का एक हिस्सा हैं। पूरा विपक्ष एक साथ खड़ा होगा और इन फासीवादी ताकतों को परास्त करेगा।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने ट्वीट किया कि केंद्र सरकार ने विपक्ष को डराने के लिए पश्चिम बंगाल में केंद्रीय जांच ब्यूरो का जबरदस्त उपयोग किया है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि जम्मू-कश्मीर ने किस तरह से केंद्रीय एजेंसियों की प्रताड़ना का सामना किया है। यह निराशाजनक है कि राजनीतिक विरोधियों को अपमानित करने के लिए लोकतांत्रिक संस्थानों का कैसे इस्तेमाल किया जा रहा है? यह केंद्र और राज्य संबंध के लिए अच्छा नहीं है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि भाजपा हर हाल में सत्ता में बने रहना चाहती है। वे लोग हारने से इतना डर गए हैं कि सीबीआई का उपयोग चुनाव एजेंट के रूप में कर रहे हैं। यह अलोकतांत्रिक और संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। हम उचित प्रक्रिया का पालन करने की मांग करते हैं ताकि सीबीआई का इस्तेमाल राजनीतिक औजार के रूप में न किया जाए।
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया कि मोदी जी ने लोकतंत्र और संघीय ढांचे का पूरी तरह से मखौल बनाया है। कुछ साल पहले मोदी जी ने अर्धसैनिक बलों को भेजकर दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा पर कब्जा कर लिया था। अब मोदी-शाह की जोड़ी भारत और लोकतंत्र के लिए खतरा बन गई हैं। हम इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं।
द्रविण मुनेत्र कषगम (द्रमुक) अध्यक्ष एमके स्टालिन ने ट्वीट कर कहा कि इस फासीवादी भाजपा सरकार के शासनकाल में हर लोकतांत्रिक संस्थानओं की स्वतंत्रता से समझौता किया गया है। वह ममता बनर्जी के साथ खड़े हैं। उनका संघर्ष देश के संघीय ढांचे और लोकतंत्र बचाने के लिए है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना भी बनर्जी के समर्थ में उतर आई है। एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने ट्वीट कर कहा कि हम केंद्र सरकार की तानाशाही और उत्पीड़न के खिलाफ उठाए गए ममता बनर्जी के कदम की सराहना करते हैं और उसका समर्थन करते हैं। एमएनएस पूरी मजबूती से उसके साथ खड़ी है और इस अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है।
उधर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने इस मुद्दे पर ट्विटर पर लिखा कि तृणमूल सरकार का चिट फंड घोटाला वर्षों से सर्वविदित हैं, लेकिन मोदी सरकार ने चुप रहना बेहतर समझा क्योंकि इस घोटाले के शीर्ष साजिशकर्ता भाजपा में शामिल हो गए हैं। अब वह पांच साल बाद इस मामले नाटक कर रही है और तृणमूल अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए नाटक कर रही है।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि कोलकाता में भाजपा और तृणमूल की लड़ाई सैद्धांतिक नहीं, बल्कि सिर्फ अपने भ्रष्टाचारी नेताओं को बचाने और अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए है। माकपा ने केंद्र और राज्य की अलोकतांत्रिक, भ्रष्ट, सांप्रदायिक और तानाशाही शासकों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और आगे भी लड़ती रहेगी।