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Option of wormwood in lab as Cardiseps militaries Mushroom - कीड़ा जड़ी का विकल्प प्रयोगशाला में कार्डिसेप्स मिलिट्रीज मशरुम के रुप में तैयार - Sabguru News
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कीड़ा जड़ी का विकल्प प्रयोगशाला में कार्डिसेप्स मिलिट्रीज मशरुम के रुप में तैयार

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कीड़ा जड़ी का विकल्प प्रयोगशाला में कार्डिसेप्स मिलिट्रीज मशरुम के रुप में तैयार
कीड़ा जड़ी का विकल्प प्रयोगशाला में कार्डिसेप्स मिलिट्रीज मशरुम के रुप में तैयार
कीड़ा जड़ी का विकल्प प्रयोगशाला में कार्डिसेप्स मिलिट्रीज मशरुम के रुप में तैयार
कीड़ा जड़ी का विकल्प प्रयोगशाला में कार्डिसेप्स मिलिट्रीज मशरुम के रुप में तैयार

नयी दिल्ली । प्राकृतिक रुप से ताक़त बढ़ाने के लिए मशहूर कीड़ा जड़ी का विकल्प अब प्रयोगशालाओं में कार्डिसेप्स मिलिट्रीज मशरुम के रुप में तैयार हो गया है जिसकी दवा उद्योग में अच्छी मांग है।

हरियाणा के करनाल में एक प्रगतिशील किसान दम्पत्ति अपने छोटे से फार्म हाउस में कीड़ा जड़ी के विकल्प कार्डिसेप्स मिलिट्रीज मशरुम से न केवल पैदावार ले रहे हैं बल्कि वे इसका व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं और दूसरे किसानों को इसे उगाने का प्रशिक्षण भी दे रहे हैं। कीड़ा जड़ी का यह विकल्प बाजार में तीन लाख रुपये प्रति किलो की दर से बिक जाता है।

विज्ञान में स्नातकोत्तर करने तथा कालेज में प्राध्यापक रहने के बाद समाज के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना रखने वाली सीमा गुलाटी ने बताया कि कृषि से लगाव के कारण वह आस्ट्रेलिया से भारत वापस आ गयी और जैविक खेती के माध्यम सेे एक नया उदाहरण पेश करने का प्रयास शुरु किया।

प्रकृति से प्रेम करने वाली श्रीमती गुलाटी ने बताया कि उन्होंने लड़ाकू विमान के पायलट रहे अपने पति अमित गुप्ता के साथ मिलकर 2008 से रसायन मुक्त खेती करने और उससे गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार कर उसे बाजार में बेचने का निर्णय किया जिससे वे अपने उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त कर सकें।

उन्होंने सबसे पहले औषधीय गुणों से भरपूर मशरुम की बटन मशरुम ,आस्टर , शीटेक , पोर्टाबेला , कार्डिसेप्स मिलिट्रीज , गेनोडर्मा आदि किस्मों को लगाया। कार्डिसेप्स मिलिट्रीज में ताकत बढाने की अद्भूत क्षमता के कारण चीन और तिब्बत में इसकी भारी मांग है । जबरदस्त ऊर्जा प्रदान करने के कारण यह खिलाड़ियों में बेहद लोकप्रिय है। इसके उपयोग से बढती उम्र के साथ कोशिकाओं के क्षरण की दर कम हो जाती है और श्वसन क्षमता बढ जाती है। गुर्दा रोग में भी इसे लाभदायक माना गया है।

शोध में यह पाया गया है कि मशरूम की यह किस्म जबरदस्त एंटीआक्सीडेंट होने के साथ ही पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है । इसमें वायरल और ट्यूमररोधी गुण भी पाये जाते हैं।

नेशनल सेंटर फार कोल्ड चेन डेवलपमेंट के माध्यम से विदेश में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद श्रीमती गुलाटी ने मशरुम उत्पादन का काम शुरु किया । वह कार्डिसेप्स मिलिट्रीज मशरुम से पाउडर , कैप्सूल , चाय और एनर्जी ड्रिंक्स बनाती है। उन्होंने बताया कि वह 20 फुट लम्बी और 22 फुट चौड़ी जगह में एक माह में तीन से पांच किलो कार्डिसेप्स मिलिट्रीज मशरुम का उत्पादन कर लेती हैं।

मशरुम उत्पादन के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद सोलन इकाई ने उन्हें पुरस्कृत भी किया है। इसके अलावा उन्हें कई बार प्रगतिशील किसान का पुरस्कार भी मिला है। उन्होंने बताया कि इस किस्म के मशरुम उत्पादन और उसके उत्पाद को लेकर उनकी रुस और भूटान के कुछ लोगों के साथ बात चल रही है। किसानों को उच्च आय अर्जित करने के लिए वह किसानों प्रशिक्षित भी कर रही हैं।

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और धारचूला के 3500 मीटर की उंचाई वाले इलाक़ों में बड़े पैमाने पर कीड़ा जड़ी पाया जाता है। स्थानीय लोग इसका दोहन कर रहे हैं क्योंकि चीन में इसकी भारी क़ीमत मिलती है। यह एक तरह का जंगली मशरूम है जो एक ख़ास कीड़े की इल्लियों यानी कैटरपिलर्स को मारकर उस पर पनपता है। इसका वैज्ञानिक नाम है कॉर्डिसेप्स साइनेसिस जो हैपिलस फैब्रिकस कीड़े पर उगता है। स्थानीय लोग इसे कीड़ा-जड़ी कहते हैं क्योंकि ये आधा कीड़ा है और आधा जड़ी। मई से जुलाई में जब बर्फ पिघलती है तो यह पनपने लगता है।

देहरादून स्थित भारतीय वन अनुसंधान संस्थान के अनुसार कीड़ा जड़ी को खोजना कठिन है क्योंकि यह नरम घास के अंदर छुपा होता है। अनुभवी लोग इसे पहचानते हैं। चीन में इसकी भरी मांग है और वहां इसका मूल्य दस लाख रुपये किलो तक मिल जाता है। इस फफूंद में प्रोटीन, पेप्टाइड्स, अमीनो एसिड, विटामिन बी-1, बी-2 और बी-12 जैसे पोषक तत्व बहुतायत में पाए जाते हैं। ये तुरंत शक्ति देते हैं जिसके कारण खिलाड़ी इसे बहुत पसंद करते हैं।