नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने जम्मू -कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों एवं अनुच्छेद 35 ए को निरस्त किये जाने के बाद राज्य में इंटरनेट पर लगायी गयी पाबंदी की तत्काल समीक्षा का शुक्रवार को आदेश दिया।
न्यायमूर्ति एन वी रमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने ‘कश्मीर टाइम्स’ की सम्पादक अनुराधा भसीन और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की याचिकाआों पर फैसला सुनाते हुए जम्मू-कश्मीर में लगायी गयी अन्य सभी पाबंदियों की समीक्षा एक सप्ताह के भीतर करने का भी आदेश दिया।
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि इंटरनेट पर अनिश्चित काल के लिए पाबंदी लगाया जाना दूरसंचार नियमों का भी उल्लंघन है। उसने इंटरनेट की उपलब्धता को अभिव्यक्ति की आजादी का एक माध्यम बताते हुए कहा कि इस पर लंबे समय तक रोक नहीं लगायी जा सकती।
शीर्ष अदालत ने केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन से कहा कि वह उन सभी आदेशों को पब्लिक डोमेन में डाले, जिनके तहत दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लगायी गयी थी।