नई दिल्ली। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में चल रही अदालत की अवमानना के मामले की सुनवाई सोमवार को नहीं हो सकी और इसे दो नवम्बर तक के लिए टाल दिया गया।
अदालत की अवमानना के मामले में माल्या को आज न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष पेश होना था, लेकिन वह नहीं पेश हो सका। इस पर न्यायमूर्ति भूषण ने हैरानी जताई कि ब्रिटेन की अदालत में प्रत्यर्पण की कानूनी लड़ाई हार जाने के बाद भी माल्या अब तक वहां कैसे जमा है।
उन्होंने माल्या की अनुपस्थिति को लेकर उसके वकील अंकुर सहगल से स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन उनसे भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला, उसके बाद न्यायमूर्ति भूषण ने सहगल को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि आप किसी के लिए पेश हुए हैं और उसकी तरफ से सवाल का जवाब नहीं दे पा रहे?
इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से न्यायालय को यह बताया गया कि ब्रिटेन में प्रत्यर्पण की सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। वहां की शीर्ष अदालत ने भी माल्या की अपील खारिज कर दी थी, लेकिन अब वहां कोई गुप्त प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसमें हम पक्षकार नहीं हैं। इसलिए, बता नहीं सकते कि यह कब तक चलेगी। शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए दो नवम्बर की तारीख मुकर्रर की।