सबगुरु न्यूज-सिरोही। गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी के समर्थकों में उनकी हार की बौखलाहट साफ नजर आ रही है। उनके समर्थकों के जिस कथित उद्दंड व्यवहार के कारण सिरोही विधानसभा में देवासी की हार हुई, वही व्यवहार देवासी के समर्थकों ने सारणेश्वर स्थित देवासी समाज की धर्मशाला देखने को मिला। हार से बौखलाए ओटाराम देवासी के समर्थकों ने यहां कवरेज करने गए मीडियाकर्मी के साथ धक्का मुक्की की।
गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी की हार की समीक्षा के लिए शुक्रवार को सारणेश्वर गांव स्थित रेबारी समाज की धर्मशाला में भाजपा की बैठक हुई। इस बैठक में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ काफी संख्या में ओटाराम देवासी के समाज के समर्थक भी मौजूद थे। बैठक के दौरान मीडियाकर्मी उनका कवरेज कर रहे थे। इस दौरान उनके समर्थकों ने एक मीडियाकर्मी के साथ धक्का मुक्की की।
मशाल न्यूज के संवाददाता को देवासी समर्थकों ने घेर लिया। उनका मोबाइल छीनने की कोशिश की। धक्कामुक्की के दौरान वह हिंसक होने लगे, लेकिन वहां खड़े मीडियाकर्मी और भाजपा कार्यकर्ताओं ने बीच बचाव किया। देवासी समर्थकों की बौखलाहट इसी बात से जानी जा सकती है कि जब मीडियाकर्मी को कमरे में ले जाया गया तो वह उस कमरे का दरवाजा भी पांव से भड़भड़ाते रहे।
उल्लेखनीय है कि ओटाराम देवासी की हार की सबसे प्रमुख वजह देवासी समर्थकों की इसी तरह की उद्दंड गतिविधियों को भी माना जा रहा है। चुनाव के पहले एक ऑडियो आया था, जिसमें जातिवाद की पराकाष्ठा दिखाते हुए उनका एक समर्थक यह कहता सुना गया कि हाथ जोडना ही है तो हम अपनी ही जाति के नेता को क्यों नहीं जोड़े।
इसी तरह चुनाव के ठीक तीन दिन पहले एक पाड़ीव निवासी अमराराम देवासी का वीडियो भी वायरल हुआ। जिसमें वह लट्ठ दिखाते हुए देवासी समाज से इस बात की अपील करता दिखा कि सडक पर किसी को साइड दिए बिना दबंगई से चलना है तो ओटाराम देवासी को ही जिताया जाए।
ग्रामीण क्षेत्रों में इस वीडियो ने खासा असर दिखाया। परिणामस्वरूप इस तरह की उद्दंडता के बढ़ने के डर से 36 कौमों ने भाजपा से मुंह मोड़ा। इतना ही नहीं इस पूर्वाग्रह का असर जालोर जिले की सीट पर भी हुआ। वीडियो वायरल होने के बाद वहां भी कांग्रेस प्रत्याशी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।
ये व्यवहार लोकसभा के सपने ना कर दे चूर-चूर
ओटाराम देवासी और उनके समर्थक अब ओटाराम देवासी को जालोर-सिरोही लोकसभा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी के रूप में देख रहे हैं। ये बात सारणेश्वर भी सामने आई। यदि देवासी समर्थकों की इसी तरह की उद्दंडता जिले में जारी रही तो लोकसभा में भी मतदाताओं में विधानसभा जैसा पूर्वाग्रह आने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।