पटना। राष्ट्रीय जनता दल में मचे घमासान के बीच आज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने बड़े भाई तेजप्रताप यादव को नसीहत देते हुए कहा कि हम सबको माता-पिता ने सिखाया है कि बड़ों का सम्मान करो और अनुशासन में रहो।
नेता प्रतिपक्ष से शुक्रवार को दिल्ली रवाना होने से पहले पत्रकारों ने जब उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव की नाराजगी के संबंध में सवाल किया तब उन्होंने कहा कि जो बातें हैं वह ठीक है। बड़े भाई हैं तो वह अलग बात है लेकिन पार्टी में और माता-पिता ने हम सबको एक बात तो जरूर सिखाई है और यह संस्कार दिया है कि बड़ों का सम्मान करो और थोड़ा अनुशासन में भी रहो।
यादव ने तेजप्रताप यादव के संबंध में कहा कि हां वह आज आए थे और उनसे मुलाकात हुई थी लेकिन ज्यादा बात नहीं हो पाई। आप सबको पता है कि आज शाम साढ़े चार बजे सोनिया गांधी की अध्यक्षता में 20 विपक्षी दलों की बैठक हुई और जब वर्चुअल मीटिंग शुरू हो गई तो वह उसमें हिस्सा लेंगे ही न। उन्होंने कहा कि पार्टी में नाराजगी चलती रहती है। कोई चिंता की बात नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष ने अपनी दिल्ली यात्रा के संबंध में कहा कि उनकी छह बहनें दिल्ली और एनसीआर में रहती है और वह उनसे राखी बंधवाने के लिए दिल्ली जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 23 अगस्त को दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ जातिगत जनगणना के मुद्दे पर बिहार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात भी होनी है और वह उसमें भी शामिल होंगे।
गौरतलब है कि आज श्री तेजप्रताप यादव अपने छोटे भाई तेजस्वी प्रसाद यादव से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर मिलने गए थे लेकिन कुछ देर बाद ही श्री यादव आवास से बाहर निकल आए और प्रतिपक्ष के नेता के बेहद करीबी संजय यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह दो भाइयों के बीच में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब हम दोनों भाइयों के बीच बातचीत हो रही थी तभी संजय यादव आ गए और प्रतिपक्ष के नेता को लेकर चले गए।
पूर्व मंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि संजय यादव उनको रोकने वाले कौन होते हैं। यह संजय ही है जो नेताओं को न तो तेजस्वी से मिलने दे रहे हैं और नहीं बात करने दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी सच्चाई होगी उसे वह मीडिया के सामने रखेंगे। वह प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ कार्रवाई होने तक पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेने की अपनी बात पर अभी भी कायम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह कल से पार्टी के प्रदेश कार्यालय में बैठकर जनता का दरबार लगाएंगे और ऐसा करने से उन्हें कोई रोक नहीं सकता है।
दरअसल राजद में आंतरिक कलह कल उस समय खुलकर सामने आ गई जब तेजप्रताप यादव ने जगदानंद सिंह के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर पार्टी की किसी भी गतिविधि में भाग नहीं लेने की खुलेआम धमकी दी थी। वह सिंह द्वारा अपने करीबी सहयोगी आकाश यादव को पार्टी के छात्र इकाई के अध्यक्ष पद से हटाने से नाराज थे। सिंह ने आकाश यादव के स्थान पर गगन यादव को छात्र राजद का अध्यक्ष नियुक्त किया है। इससे पहले भी पार्टी समारोह के दौरान तेज प्रताप ने सिंह की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए उन्हें ‘हिटलर’ बताया था।