Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
बाड़मेर में एक साल में 200 से अधिक बच्चों की मौत - Sabguru News
होम Rajasthan Barmer बाड़मेर में एक साल में 200 से अधिक बच्चों की मौत

बाड़मेर में एक साल में 200 से अधिक बच्चों की मौत

0
बाड़मेर में एक साल में 200 से अधिक बच्चों की मौत

बाड़मेर। राजस्थान के कोटा में जेके लोन अस्पताल में 34 दिनों में 106 शिशुओं की मौत पर सियासी पारा गर्म है। जबकि बडी खबर यह है कि सीमांत बाड़मेर अस्पताल में एक साल में दो सौ से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। बाडमेर अस्पताल में शिशु मृत्यु दर कोटा से कही ज्यादा है।

बाड़मेर जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी बीएल मंसुरिया ने बताया कि अस्पताल के आईसीयू में जनवरी से दिसंबर 2019 तक 2966 बच्चे भर्ती हुए, जिसमें 202 बच्चों की मौत हो गई। गत दिसंबर में 620 भर्ती बच्चों में 29 बच्चों की मृत्यु हुई। बाड़मेर में मृत्यु दर 6.81 प्रतिशत है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गत पांच वर्ष में शिशु मृत्यु दर में 14 गुणा ज्यादा इजाफा हुआ है जो अब तक की सबसे ज्यादा शिशु मृत्यु दर है। बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में बच्चों के वार्ड में अव्यवस्थाएं हावी है, सर्दी के मौसम में खिड़कियों के कांच टूटे हैं। बच्चों के सामान्य वार्ड में वॉर्मर नहीं है, इससे बच्चों के बीमार होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती है।

जिला अस्पताल के एमसीए सेंटर में वार्ड की खिड़कियों से शीशे गायब हैं, कागज के गत्ते लगाकर उन्हें बंद कर रखा है। तेज सर्दी एवं शीत लहर में मासूम बच्चे और परिजन ठंड से ठिठुर रहे हैं।

बच्चों का वार्ड तीसरी मंजिल पर है, ऐसे में शीत लहर का भी इन वार्डों में असर तेज है। अस्पताल में सिर्फ एक छोटी कंबल दी जा रही है, ऐसे में गांव से आने वाले परिजन कंबल-रजाई किराए पर या खरीद कर लाने के लिए मजबूर है।

एमसीए सेंटर में बच्चों के वार्ड में बैड पर्याप्त नहीं है, इसी वजह से तीन-तीन बच्चों को एक-एक बैड पर भर्ती कर रखा है जबकि बच्चों में अलग-अलग तरह की बीमारियां है, इससे एक ही वार्ड पर भर्ती बच्चों में संक्रमण फैलने का भी खतरा है।

बच्चों के साथ आने वाले परिजन भी बैड नहीं होने से परेशान होते हैं। कई दिनों तक बैड की चदर भी नहीं बदली होती। तेज ठंड से बच्चों के बीमार पढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।