जयपुर। राजस्थान के पूर्व कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने राज्य की गहलोत सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी इस मानसिकता के चलते प्रदेश में किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सहायता पाने से वंचित हो रहे है।
सैनी ने रविवार को अपने बयान कहा कि प्रदेश में अनुमानित पचास लाख से अधिक लघु सीमान्त किसान है, जो इस योजना के तहत पात्र हैं। इन किसानों को योजना के तहत सालाना छह हजार रूपये की सहायता मिलनी थी, लेकिन गहलोत सरकार की किसान विरोधी मानसिकता के चलते किसान इस सहायता से वंचित हो रहे है।
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भी किसानों का प्रमाणीकरण करने में टालमटोल करने की स्थिति बरकरार है। अधिकारी कार्यालय में बैठकर आवेदनों को निरस्त करने में जुटे हैं, जो कि सरकार की ओछी मानसिकता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि किसानों के लिए भाजपा द्वारा की गई घोषणा पर करीब 32 लाख किसानों ने ई-मित्र के माध्यम से आवेदन किया था और सरकार की उदासीनता के चलते हाल यह है कि यह आवेदन जिला कलेक्टर कार्यालयों में अटके हुए हैं, जिसके चलते प्रदेश के एक भी किसान को अभी तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।
कांग्रेस सरकार ने खानापूर्ति करते हुए 32 हजार किसानों के आवेदनों की तस्दीक कराई, लेकिन उनमें भी जानबूझकर खामियां छोड़ी गई। कांग्रेस सरकार के निर्देशों के कारण सरकारी कर्मचारी प्रक्रिया को रोक कर बैठे है और सभी कलेक्टर कार्यालयों में सत्यापन के लिए आई फाइलों का अम्बार लगा हुआ है।
सैनी ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा चलायी गई योजनाओं का किसानों को लाभ नहीं मिल जाये, के चक्कर में राज्य के 50 लाख किसान परिवारों के साथ में गहलोत सरकार अन्याय कर उन्हें उनके हक से वंचित रख रही है।
उन्होंने कहा कि गत विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनावी सभा में किसानों की कर्जमाफी की घोषणा करते हुए कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनते ही दस दिन में किसानों का कर्जा माफ कर दिया जाएगा। लेकिन सरकार ने वादा खिलाफी करते हुए किसानों का नाममात्र का ही कर्जा माफ किया गया है। अब किसान अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहा है।