जयपुर। राजस्थान में पक्षियों की संक्रामक की बीमारी बर्ड फ्लू से अब तक करीब 530 पक्षियों की मौत हो चुकी है जिसमें 475 से अधिक कौएं शामिल हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रदेश के सवाई माधोपुर और झालावाड़ छह जिलों में पिछले चौबीस घंटे के दौरान 140 कौओं ने दम तोड़ा है।
इनमें सवाई माधोपुर में 35, बीकानेर में 53, झालावाड़ में 22, बारां में 17, पाली में नौ और बांसवाड़ा में सात कौऔ की मौत हो चुकी है। बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिए हैं।
विशेषज्ञों की टीम को प्रभावित जिलों में रवाना कर दिया गया है। प्रदेश में प्रवासी पक्षियों के आगमन को देखते हुए सभी वेटलैंड्स से 10-10 सैंपल लिए जाने के निर्देश भी दिए हैं।
इससे पूर्व कल ही राज्य के बारां और दौसा से बया, कौआ और बगुलों के 13 सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं। दरअसल, बर्ड फ्लू की जांच के लिए देश की एकमात्र लैब भोपाल में है।
पशुपालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य में मरे पक्षियों में सिर्फ एच 5 इन्फ्लूएंजा ही मिला है, जो ज्यादा घातक नहीं है। इसका सबसे घातक स्ट्रेन एच 5 एन 1 है। अगर पक्षियों से यह वायरस इंसानों में चला जाए तो महामारी का रूप ले सकता है।
गनीमत ये है अब तक सिर्फ एच 5 एविएन इन्फ्लूएंजा की ही पुष्टि हुई है जो ज्यादा घातक नहीं पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीना ने बताया प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों का आवागमन होता है।
उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए यहां वेटनरी आरटी पीसीआर लैब की बेहद जरूरत है। एक लैब स्थापित करने के लिए करीब 80 लाख रुपए तक का खर्च आता है।