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डेरा सच्चा सौदा प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम को मिली एक माह की पैरोल

सिरसा। हरियाणा में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम इंसां को सुनारिया जेल प्रशासन की ओर से 30 दिन की पैरोल दी गई है।

डेरा प्रमुख आज देर शाम या कल सुबह जेल से बाहर आएंगे। वे पहले की भांति उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरवाना आश्रम में रहेंगे। इस बार भी उन्हें सिरसा डेरा मुख्यालय में आने की अनुमति नहीं दी गई है। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इंसा का 15 अगस्त को जन्म दिन है। वे पहली बार अनुयायियों संग अपना जन्मदिन मनाएंगे। पिछली बार डेरा प्रमुख को 40 दिन की पैरोल मिली थी।

वहीं जेल मंत्री का कहना है कि डेरा प्रमुख को पैरोल मिलने से संबंधित कोई दस्तावेज अभी उनके पास नहीं आए हैं। उधर, डेरा प्रमुख संत गुरमीत को पैरोल मिलने से डेरा अनुयायियों में खुशी माहौल है। वे पांच वर्ष बाद अपने गुरु संग उनका जन्मदिन मनाएंगे।

उल्लेखनीय है कि संत गुरमीत राम रहीम सिंह वर्ष 2017 से साध्वी यौन शोषण एवं छत्रपति हत्याकांड मामलों में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे हैं।

शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने पैरोल दिए जाने पर जताया ऐतराज

अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने हत्या और दुष्कर्म जैसे संगीन आरोपों के तहत जेल में सजा काट रहे डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर 30 दिन की पैरोल मिलने पर कड़ा एतराज जताया है।

एडवोकेट धामी ने गुरुवार को कहा कि सरकार की इस दोहरी नीति से सिखों में अविश्वास का माहौल पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हत्या और बलात्कार जैसे अपराधों के आरोपी गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल दी जा सकती है तो सरकार बंदी सिंहों की रिहाई के लिए सिख समुदाय द्वारा उठाई जा रही आवाज क्यों नहीं सुन रही है।

शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि सरकारें अपने राजनीतिक हितों के लिए गुरमीत राम रहीम के जघन्य अपराधों पर आंखें मूंद रही हैं और उसे बार-बार जाने दे रही हैं। सरकारों की ऐसी नीति सिखों को अलग-थलग महसूस कराने वाली है, जो देश के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि गुरमीत राम रहीम की पैरोल तुरंत रद्द की जानी चाहिए और उन्हें जेल में बंद किया जाना चाहिए।

श्रीसर्वेश्वर मित्र मंडल ने लाडली घर संस्थान में किए सेवा कार्य

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अजमेर। श्री सर्वेश्वर मित्र मंडल व श्रीराम असहाय सेवा ट्रस्ट ने कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए निर्णयानुसार संस्था की ओर से आज लाडली घर संस्थान में गुरुवार को सेवा कार्य किए।

संस्था अध्यक्ष शैलेंद्र अग्रवाल व महासचिव प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि श्री सर्वेश्वर मित्र मंडल व श्रीराम असहाय सेवा ट्रस्ट की और से सेवा कार्य के तहत राष्ट्रीय संत डॉ श्री कृष्णानंद गुरुदेव द्वारा संचालित दृष्टि बाधित आवासीय विद्यालय, लाडली घर शास्त्री नगर में दोपहर के भोजन की व्यवस्था कर सेवा कार्य किया गया। संस्था सदस्य अगम प्रसाद मित्तल की और से एक पंखा भी भेंट किया।

इस अवसर पर गुरुदेव डॉ कृष्णानंद ने उपस्थित पदाधिकारियों व सदस्यों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि असहाय व जरूरतमंद प्राणी की सेवा करने में अदभुत आनंद की प्राप्ति होती है। हमें ऐसे सेवाकार्यों में जुटे रहकर अपने मानव जीवन को सफल व धन्य बनाना चाहिए।

इससे पूर्व संस्था अध्यक्ष शैलेंद्र अग्रवाल व महासचिव प्रवीण अग्रवाल ने संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी तथा उपस्थित सदस्यों ने कृष्णानंद गुरुदेव का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया। गुरुदेव ने संस्था पदाधिकारियों को पीतांबरी पहनाकर आशीर्वाद प्रदान किया।

इस अवसर पर संस्था की और से सेवा कार्य करने के लिए संस्था अध्यक्ष शैलेंद्र अग्रवाल, उपाध्यक्ष जेपी शर्मा, महासचिव प्रवीण अग्रवाल, कोषाध्यक्ष चंद्र नारायण अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य सत्यनारायण मंगल, कमल किशोर गर्ग, विशेष आमन्त्रित सदस्य राजेंद्र अग्रवाल, आजीवन सदस्य हनुमान प्रसाद छीपा, अगम प्रसाद मित्तल, सीताराम खंडेलवाल व एसके अग्रवाल उपस्थित थे।

डीईआरसी अध्यक्ष पद पर दिल्ली सरकार-उपराज्यपाल के बीच नहीं बनी सहमति, होगी तदर्थ नियुक्ति

नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के अध्यक्ष पद पर एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नाम पर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच सहमति नहीं होने के कारण अदालत इस मामले में अंतिम निर्णय आने तक अध्यक्ष पद पर तदर्थ (एडहॉक) नियुक्ति करेगा।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने स्पष्ट किया कि यह अंतरिम व्यवस्था होगी। वह नियुक्ति संबंधी इस विवाद पर अंतिम फैसला आने तक तदर्थ व्यवस्था के तौर पर अध्यक्ष पद के लिए एक व्यक्ति को नियुक्त करेगी।

पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह दुखद है कि दोनों पक्ष (दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल) आपस में लड़ रहे हैं, जबकि संस्था (डीईआरसी) नेतृत्वहीन हो गई है। पीठ ने कहा कि हम किसी को नियुक्त कर सकते हैं। किसी को उस कार्यालय के कर्तव्य निभाने के लिए कह सकते हैं। मामले के निपटारे तक किसी को तदर्थ नियुक्त करते हैं।

पीठ ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं अधिवक्ताओं को दिल्ली उच्च न्यायालय के पांच न्यायाधीशों के नाम देने का सुझाव दिया। पीठ ने कहा कि हम एक नाम का चयन करेंगे। इससे पहले उसे कुछ होमवर्क करना होगा। शीर्ष अदालत मामले की अगली सुनवाई अगस्त के पहले सप्ताह में करेगी।

सुप्रीमकोर्ट ने 17 जुलाई को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राजनीतिक विवाद से ऊपर उठकर डीईआरसी के अध्यक्ष पद के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश का नाम चुनने का सुझाव देते हुए कहा था वह इस मामले में अगली सुनवाई 20 जुलाई को करेगा।

दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति उमेश कुमार को डीईआरसी अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के निर्णय को एकतरफा करार देते हुए इसका विरोध किया था।

दिल्ली सरकार ने न्यायमूर्ति कुमार की नियुक्ति सवाल उठाते हुए इसके फैसले को चुनौती दी थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश शबीहुल हसनैन के 65 वर्ष के होने के पर नौ जनवरी 2023 सेवानिवृत्त होने के बाद से डीईआरसी अध्यक्ष का पद खाली पड़ा है।

भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को मिली नियमित जमानत

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी सांसद एवं भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को छह जानीमानी महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न की शिकायत पर दर्ज मामलों में गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत ने कुछ शर्तों के साथ नियमित जमानत दे दी।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल की अदालत ने बृजभूषण के अलावा उनके असिस्टेंट सेक्रेटरी रहे सह आरोपी विनोद तोमर की भी जमानत मंजूर की।

अदालत ने दोनों अभियुक्तों पर अलग-अलग 25000 रुपए के बांड भरने सहित कई शर्तें लगाई हैं। पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने और सीधे या परोक्ष रूप से शिकायतकर्ताओं या गवाहों को धमकाने या प्रलोभन नहीं देने की भी शर्तें लगाई गई हैं। अदालत ने सभी शर्तों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

यौन उत्पीड़न के दोनों आरोपियों को इससे पहले इसी अदालत ने 18 जुलाई को अंतरिम जमानत देकर दो दिनों की राहत दी थी। यौन उत्पीड़न का ये कथित मामला वर्ष 2016 से 2019 के के दौरान का है। दिल्ली पुलिस ने 15 जून 2023 को आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354, 354-ए, 354-डी और 506 (1) के तहत आरोप पत्र अदालत में दायर किया था।

इससे पहले काफी दिनों तक महिला पहलवानों ने बृजभूषण और तोमर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग को लेकर जंतर मंतर पर धरना-प्रदर्शन किया था। इस आंदोलन में अनेक जानेमाने खिलाड़ियों के अलावा प्रमुख विपक्षी दलों के कई नेता और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए थे।

कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा के लिए गठित की चुनाव समिति

जयपुर/नई दिल्ली। कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में 29 सदस्यीय चुनाव समिति का गठन किया है।

कांंग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आज बताया कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने समिति में शामिल सदस्यों के नामों को अनुमोदित किया है और सभी सदस्यों को तत्काल प्रभाव से अपना काम शुरु करने के लिए कहा है।

उन्होंने बताया कि समिति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जितेंद्र सिंह, सचिन पायलट, रघवीर मीणा, रामेश्वर डूढी, मोहन प्रकाश, डाॅ. रघु शर्मा, लालचंद कटारिया, प्रमोद जैन भाया, प्रताप सिंह खाचरियावास, ममता भूपेश, भजनलाल जाटवा, गोविंद राम मेघवाल, शकुंतला रावत सहित 29 नेता शामिल हैं।

राजस्थान मृत शरीर का सम्मान विधेयक-2023 ध्वनिमत से पारित

जयपुर। राज्य विधानसभा में राजस्थान मृत शरीर का सम्मान विधेयक-2023 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इस विधेयक के पारित होने से अब धरना-प्रदर्शन में शवों के दुरूपयोग पर रोक लग सकेगी।

इससे पहले संसदीय कार्यमंत्री शांति कुमार धारीवाल ने विधेयक को सदन में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया और जिसमें पक्ष विपक्ष के सदस्यों ने भाग लिया। चर्चा का जवाब देते हुए धारीवाल ने कहा कि राजस्थान मृत शरीर का सम्मान विधेयक -2023 मृत शरीरों की गरिमा को सुनिश्चित करते हुए इनके धरना-प्रदर्शन में किए जाने वाले दुरूपयोग पर प्रभावी रोक लगाएगा। इस विधेयक से लावारिस शवों की डीएनए एवं जेनेटिक प्रोफाइलिंग कर डाटा संरक्षित भी किया जाएगा ताकि भविष्य में उनकी पहचान हो सके।

उन्होंने कहा कि मृत शवों को रखकर धरना-प्रदर्शन की प्रवृत्ति दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। वर्ष 2014 से 2018 तक इस तरह की 82 एवं वर्ष 2019 से अब तक 306 घटनाएं हुई हैं। वर्तमान में ऐसी घटनाओं पर प्रभावी रूप से रोक लगाने के लिए विधिक में प्रावधान नहीं हैं, इसीलिए यह विधेयक लाया गया है।

उन्होंने बताया कि परिजन द्वारा मृत व्यक्ति का शव नहीं लेने की स्थिति में विधेयक में एक वर्ष तक की सजा एवं जुर्माने का प्रावधान किया गया है। साथ ही परिजन द्वारा धरना-प्रदर्शन में शव का उपयोग करने पर भी दो वर्ष तक की सजा एवं जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार, परिजन से भिन्न अन्य व्यक्ति द्वारा शव का विरोध के लिए इस्तेमाल करने पर छह माह से पांच वर्ष तक की सजा एवं जुर्माने से दण्डित करने का प्रावधान किया गया है।

धारीवाल ने बताया कि कार्यपालक मजिस्ट्रेट को मृतक का अंतिम संस्कार 24 घंटे में कराने की शक्ति प्रदान की गई है। यह अवधि विशेष परिस्थितियों में बढ़ाई भी जा सकेगी। साथ ही परिजन द्वारा शव का अंतिम संस्कार नहीं करने की स्थिति में लोक प्राधिकारी द्वारा अंतिम संस्कार किया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि सिविल रिट पिटीशन आश्रय अधिकार अभियान बनाम यूनियन ऑफ इंडिया में उच्चतम न्यायालय ने मृत शरीरों के शिष्टतापूर्वक अंतिम संस्कार के निर्देश प्रदान किए थे। इस निर्देशों की पालना में इस विधेयक में लावारिस शवों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार करना और इन शवों की डीएनए प्रोफाइलिंग और डिजिटाइजेशन के माध्यम से आनुवंशिक जेनेटिक डाटा सूचना का संरक्षण और सूचना की गोपनीयता रखने जैसे महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 तक प्रदेश में 3216 लावारिस शव मिले हैं। सदन ने जनमत जानने के लिए विधेयक को परिचालित करने का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया।

अहमदाबाद : सड़क हादसे में पुलिसकर्मी समेत 9 की मौत, 13 घायल

अहमदाबाद। गुजरात में अहमदाबाद शहर के एसजी-2 ट्रैफिक क्षेत्र में गुरुवार को हुए सड़क हादसे में पुलिस कर्मी सहित नौ लोगों की मौत हो गई तथा 13 अन्य लोग घायल हो गए।

पुलिस ने यहां बताया कि एसजी (सरखेज-गांधीनगर) राजमार्ग पर इस्कॉन पुल पर मध्य रात्रि में एक कार आगे जा रहे डंपर से जा टकारा गई। इसी बीच, इस हादसे को देखने वहां इकट्ठे हुए लोगों की भीड़ को अन्य एक तेज रफ्तार जगुआर कार ने 22 लोगों को कुचल दिया। घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने पुलिस कर्मी समेत नौ लोगों को मृत घोषित कर दिया। तेरह घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मृतकों की पहचान पुलिस कांस्टेबल धर्मेंन्द्र ना परमार (35), होमगार्ड जवान निलेशभाई मो खटिक, दो सुरेन्द्रनगर निवासी अमनभाई अ कच्छी (21), अरमानभाई अ वढ़वाणीया (21), चांदलोडिया निवासी निरवभाई अ रामानंद (22), तीन बोटाद निवासी रोनक रा विहलपरा (23), अक्षर अ पटेल (21) और कुणाल न डोडिया (23) के रूप में की गई है। अन्य एक की पहचान अभी नहीं हो सकी है। पुलिस ने मामला दर्ज कार्रवाई शुरू कर दी है।

जैन मुनि की हत्या के विरोध में अजमेर में जैन समाज ने बंद रखे प्रतिष्ठान

अजमेर। कर्नाटक के बेलगावं चिकौड़ी में दिगम्बर जैनाचार्य कामकुमार नंदी महाराज की हत्या से आक्रोशित सकल जैन समाज के राजस्थान बंद आवाह्न के तहत आज अजमेर शहर सहित जिले के अनेक स्थानों पर व्यापारिक बंद रहा।

अजमेर में दिगम्बर एवं श्वेतांबर जैन समाज ने संयुक्तरुप से दौलतबाग के सामने छोटे धड़े की जैन नसियांजी से मौन जुलूस निकाला। समाज के सैकड़ों महिला-पुरूष, बच्चे हाथों में जैनध्वज पताकाएं, मांग सम्बन्धित पट्टिकाएं, बैनर लिए चल रहे थे। मौन जुलूस में जैन समाज के लोग हाथों में कालीपट्टी बांध कर चल रहे थे। जुलूस शहर के विभिन्न बाजारों से होता हुआ नयाबाजार चौपड़ पहुंचा, जहां जन आक्रोश सभा का आयोजन किया गया।

जन आक्रोश सभा में दिगम्बर जैन मुनि आचार्य विवेक सागर, मुनि संकल्प सागर, मुनि सदभाव सागर एवं श्वेतांबर साधुओं ने अपना उदबोधन एवं आशीर्वाद दिया। आचार्य विवेक सागर महाराज ने दिगम्बर मुनि की हत्या को दुखद बताते हुए कहा कि अहिंसक समाज के मुनियों के साथ हिंसा निश्चितरूप से स्तब्ध करने वाली है। सरकार को इसकी उच्चस्तरीय जांच करानी चाहिए। उन्होंने मुनि कामकुमार नंदी महाराज के हत्यारों को सजा दिलाने तथा भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगे, इसके लिए राष्ट्रीय जैन आयोग गठित किए जाने पर जोर दिया।

जैन समाज की इस सभा में दिगम्बर समाज के अलावा श्वेतांबर समाज के लोग भी उपस्थित रहे। सभी लोग जैन साधुओं की सुरक्षा को लेकर चिन्तित नजर आए और अन्याय नहीं सहने की बात कही गई।

सभा के बाद अजमेर सकल जैन समाज की ओर से कलक्टर डा. भारती दीक्षित को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारैम्या, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपा। जिसमें जैन आयोग गठन के साथ जैन मुनि हत्या मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।

इधर, अजमेर जिले के किशनगढ़, नसीराबाद, पीसांगन, ब्यावर, सावर आदि जगहों से भी बंद के समाचार मिले हैं। अजमेर के बंद को शहर भाजपा, विश्व हिन्दू परिषद, राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन महासंघ, विप्र सेना, सिंधी समाज तथा विभिन्न व्यापारिक संगठनों का समर्थन रहा। बंद दिन में 2 बजे तक रखा गया। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारैम्या ने जैन मुनि हत्या मामलें की जांच सीआईडी पुलिस से कराने की विधानसभा में घोषणा की है।

मुस्लिम एकता मंच ने की कार्यवाही करने की मांग

अजमेर में मुस्लिम पंचायतों और बिरादरियों की संस्था मुस्लिम एकता मंच ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कर्नाटक में जैन संत की हत्या को इंसानियत विरोधी कृत्य बताते हुए हत्यारों पर कार्यवाही की मांग की है।

अजमेर से जारी बयान में मंच सदस्यों ने कहा है कि यह एक जघन्य इंसानियत विरोधी अपराध है, इसकी मुस्लिम समाज निन्दा करता है। जैन संतों में अहिंसा, करूणा, दया एवं विनम्रता होती है। उनका किसी से कोई बैर नहीं होता, वे क्षमा की मूर्ति होते हैं। हत्यारों का कृत्य अहिंसा की भावना के विपरीत, पूरी इंसानियत की हत्या के बराबर है।

बयान में दोषियों को पकड़ने तथा कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की गई है। पत्र भेजने वालों में दरगाह अन्जुमन सचिव सरवर चिश्ती, काजी मुन्नवर अली, नवाब हिदायतुल्लाह, अब्दुल बारी चिश्ती, पीर नफीस मियां चिश्ती, अब्दुल नईम खान, सरवर सिद्की, आसीफ अली तथा अहसान मिर्जा हैं।

अजमेर में भाजपा ने गांधी भवन पर किया धरना प्रदर्शन

अजमेर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी अजमेर शहर की ओर से राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ आज गांधी भवन पर धरना प्रदर्शन किया गया।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के प्रति आक्रोशित भाजपाईयों ने सरकार विरोधी नारे लगाकर रोष का इजहार किया। पूर्व मंत्री एवं विधायक वासूदेव देवनानी ने सरकार को महाभ्रष्टाचारी, युवा विरोधी तथा अकर्मण्यता से लबरेज सरकार करार दिया और कहा कि आने वाले चुनाव में जनता अपने आप सबक सिखा देगी।

शहर अध्यक्ष रमेश सोनी ने कहा का भाजपा ने भ्रष्टाचार और पेपरलीक जैसी गम्भीर मसले को भरपूर तरीके से उठाया, जिससे सरकार बौखला गई। भाजपा का राजस्थान लोकसेवा आयोग पर महाघेराव प्रशासन एवं पुलिस की जानकारी में लाकर किया गया। बावजूद इसके युवाओं पर लाठीचार्ज कर दमनकारी तरीका अपनाया गया। जिन वादों के दम पर कांग्रेस सरकार में आई , वह एक भी पूरा नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि सभी वर्गों के साथ कांग्रेसराज में छलावा हुआ है, जिससे जनता त्रस्त है। भाजपा जनता के साथ है और जबतक कांग्रेस को सत्ता से हटा नहीं देते, हमारा संघर्ष जारी रहेगा। धरने पर अनेक भाजपाई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

अजमेर में आनासागर झील के पानी की सीलन से तीन मकान ढहे

अजमेर। राजस्थान में अजमेर के ऐतिहासिक आनासागर झील से छोड़े जा रहे पानी की लगातार सीलन से आज सुन्दरविलास क्षेत्र में एस्कैप चैनल के समीप तीन मकान भरभरा कर धराशायी हो गए। गनीमत ये रही की कोई जनहानि नहीं हुई।

अजमेर नगर निगम की क्षेत्रीय पार्षद अनीता चौरसिया ने क्लक्टर तथा नगर निगम आयुक्त पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि इन जरजर मकानों की शिकायत वे पिछले छह महिने से कर रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।

मकान गिरने की सूचना पर दलबल के साथ मौके पर पहुंची निगम आयुक्त दिव्या चौधरी ने पोकलेन मशीन एवं जेसीबी को बुलवाकर मलबे को हटाने का काम शुरू किया। उन्होंने बताया कि शहर में तूफानी बरसात होने के बाद से शहर के जर्जर मकानों पर निगरानी रखने के साथ निगम की ओर से मकान मालिकों को चेतावनी दी गई।

आज हुए हादसे के बाद निगम का दल मौके पर रहकर क्षेत्र के अन्य जर्जर मकान को खाली कराने का काम करेगा। उन्होंने बताया कि आनासागर एस्केप चैनल से पानी निकासी के काम को भी रुकवा दिया गया है। अजमेर के ही कायस्थ मोहल्ले में भी एक अन्य मकान धराशायी हुआ है। यहां भी कोई जनहानि नहीं हुई है।

उल्लेखनीय है कि अजमेर के लाखनकोटड़ी, सरावगी मौहल्ला, कायस्थ मौहल्ला, पुरानी मंडी और दरगाह क्षेत्र में अनेक जर्जर मकान हैं और कभी भी गिर सकते है। निगम प्रशासन हर साल सार्वजनिक सूचना के जरिये चेतावनी दे चुप रहता आया है।

आनासागर झील के स्कैप चैनल निर्माण में भ्रष्टाचार

अजमेर नगर निगम के उपमहापौर नीरज जैन ने ऐतिहासिक आनासागर के स्कैप चैनल निर्माण में भ्रष्टाचार की जांच और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है। अजमेर में आज सुंदर विलास में एस्केप चौनल के पास बने मकान धाराशाही हो कर गिर गए। जिसे उपमहापौर जैन ने प्रशासनिक लापरवाही माना और मीडिया के समक्ष रोष का इजहार किया।

उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी में एस्केप चैनल के निर्माण हेतु 16 करोड़ रुपए से ज़्यादा की राशि स्वीकृत हुई और 2021 लेकर 2023 तक ना तो इसका निर्माण पूरा हुआ ना ही एस्केप चौनल का जीर्णाेद्धार हुआ। आज भी जगह जगह नाले की दीवार टूटी पड़ी है। एस्केप चैनल में मलबा भरा पड़ा है।

इसकी सफ़ाई करने की और इसके निर्माण की ज़िम्मेदारी स्रमार्ट सिटी और सिंचाई विभाग की थी लेकिन अधिकारियों और ठेकेदारों की मिली भक्ति से 16 करोड़ रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए जिसका दुष्परिणाम ये रहा कि स्कैप चैनल के पास में बसी कॉलोनियों के निवासियों को लगातार भुगतना पड़ रहा है और आज तीन मकान भरभरा कर धराशायी हो गए।

जैन ने जिला प्रशासन से आग्रह किया कि स्मार्ट सिटी प्रयोग प्रोजेक्ट में बनने वाले एस्केप चैनल के ठेकेदारों और अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और क्षतिग्रस्त मकानों को गिरा करके आमजन की जानमाल की रक्षा करे।