सिरसा। हरियाणा में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम इंसां को सुनारिया जेल प्रशासन की ओर से 30 दिन की पैरोल दी गई है।
डेरा प्रमुख आज देर शाम या कल सुबह जेल से बाहर आएंगे। वे पहले की भांति उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरवाना आश्रम में रहेंगे। इस बार भी उन्हें सिरसा डेरा मुख्यालय में आने की अनुमति नहीं दी गई है। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इंसा का 15 अगस्त को जन्म दिन है। वे पहली बार अनुयायियों संग अपना जन्मदिन मनाएंगे। पिछली बार डेरा प्रमुख को 40 दिन की पैरोल मिली थी।
वहीं जेल मंत्री का कहना है कि डेरा प्रमुख को पैरोल मिलने से संबंधित कोई दस्तावेज अभी उनके पास नहीं आए हैं। उधर, डेरा प्रमुख संत गुरमीत को पैरोल मिलने से डेरा अनुयायियों में खुशी माहौल है। वे पांच वर्ष बाद अपने गुरु संग उनका जन्मदिन मनाएंगे।
उल्लेखनीय है कि संत गुरमीत राम रहीम सिंह वर्ष 2017 से साध्वी यौन शोषण एवं छत्रपति हत्याकांड मामलों में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे हैं।
शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने पैरोल दिए जाने पर जताया ऐतराज
अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने हत्या और दुष्कर्म जैसे संगीन आरोपों के तहत जेल में सजा काट रहे डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर 30 दिन की पैरोल मिलने पर कड़ा एतराज जताया है।
एडवोकेट धामी ने गुरुवार को कहा कि सरकार की इस दोहरी नीति से सिखों में अविश्वास का माहौल पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हत्या और बलात्कार जैसे अपराधों के आरोपी गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल दी जा सकती है तो सरकार बंदी सिंहों की रिहाई के लिए सिख समुदाय द्वारा उठाई जा रही आवाज क्यों नहीं सुन रही है।
शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि सरकारें अपने राजनीतिक हितों के लिए गुरमीत राम रहीम के जघन्य अपराधों पर आंखें मूंद रही हैं और उसे बार-बार जाने दे रही हैं। सरकारों की ऐसी नीति सिखों को अलग-थलग महसूस कराने वाली है, जो देश के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि गुरमीत राम रहीम की पैरोल तुरंत रद्द की जानी चाहिए और उन्हें जेल में बंद किया जाना चाहिए।