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रावलपिंडी में भारी बारिश के कारण दीवार गिरने से 11 लोगों की मौत

इस्लामाबाद। पाकिस्तान पंजाब प्रांत के रावलपिंडी शहर में बुधवार को भारी बारिश के कारण दीवार गिरने की घटना में 11 लोगों की मौत हो गई है।

औद्योगिक क्षेत्र एक-9 के पुलिस अधीक्षक खान जेब के बताया कि घटना की सूचना मिलते हुए बचाव दल मौके पर पहुंच गया और मशीनरी की मदद से 11 लोगों के शव मलबे से निकाले गए है। उन्होंने बताया कि बचाव अभियान जारी है मलबे अभी और लोगों के फंसे होने की आशंका है।

पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पिम्स) के कार्यकारी निदेशक डॉ. इमरान सिकंदर के प्रवक्ता डॉ. मुबाशिर दाहा ने बताया कि मृतकों के शव को (पिम्स) में स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने बताया कि घटना के बाद पिम्स अस्पताल के अधिकारियों ने सभी चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को हाई अलर्ट पर रखा गया हैं।

इस्लामाबाद के उपायुक्त इरफान नवाज मेमन बताया गया कि यह घटना इमारत की दीवार के मजदूरों के तंबू पर गिरने के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचए) के आदेश पर ये मजदूर शहर के ग्रैंड ट्रंक रोड पर एक अंडरपास के निर्माण पर काम कर रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ‘मैरिटल रेप’ मामले में करेगी सुनवाई

नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने बुधवार को कहा कि पत्नी के साथ जबरन शारीरिक संबंध स्थापित करने (मैरिटल रेप) को अपराध घोषित करने की मांग वाली याचिका पर तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई करेगी।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह के शीघ्र सुनवाई के अनुरोध पर कहा कि संविधान पीठ द्वारा पहले से सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई पूरी होने के बाद तीन न्यायाधीशों की पीठ उस याचिका पर सुनवाई करेगी। पीठ ने अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह के विशेष उल्लेख के दौरान इस मामले को उठाने पर कहा कि हमें मैरिटल रेप से संबंधित मामलों को हल करना होगा।

अधिवक्ता जयसिंह दावा किया कि उनका मामला कर्नाटक हाईकोर्ट एक फैसले से जुड़े बाल यौन शोषण मामले से संबंधित है। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 375 के तहत अपवाद के बावजूद हाईकोर्ट ने पति के खिलाफ बलात्कार के मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया था। व्यक्ति के खिलाफ आरोप फॉक्सो अधिनियम के तहत अपराध से भी संबंधित है।

शीर्ष अदालत ने मैरिटल रेप (पत्नी के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाना) को अपराध घोषित करने और आईपीसी के प्रावधान से संबंधित याचिकाओं पर इस साल जनवरी में केंद्र से जवाब मांगा था। ये प्रावधान पत्नी के वयस्क होने पर जबरन यौन संबंध के लिए अभियोजन के खिलाफ पति को सुरक्षा प्रदान करता है।

केंद्र ने इस मुद्दे के सामाजिक प्रभाव का हवाला देते हुए कहा था कि सरकार अपना जवाब दाखिल करेगी। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ कानूनी सवाल से निपटने के लिए 76 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

उच्चतम न्यायालय जिन सवालों पर सुनवाई कर रही है, उनमें ‘क्या हल्के मोटर वाहन (एलएमवी) के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति कानूनी रूप से परिवहन वाहन चलाने का हकदार है’ भी शामिल हैं। इसके अलावा पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 370 को प्रधानों को हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अगस्त में सुनवाई शुरू होनी है।

कर्नाटक सरकार ने शीर्ष अदालत के समक्ष उच्च न्यायालय के 23 मार्च 2022 के फैसले का समर्थन किया था, जिसमें आरोपी व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 के तहत लगाए गए बलात्कार के आरोपों को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने 11 मई 2022 को दंडात्मक कानून के तहत यौन उत्पीड़न के लिए पतियों को छूट के संबंध में खंडित फैसला दिया था।

भीलवाड़ा में 164 किलोग्राम डोडा चूरा बरामद, तीन अरेस्ट

भीलवाड़ा। राजस्थान में भीलवाडा शहर के सदर थाना क्षेत्र में पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान रूपाहेली चौराहे पर 164 किलोग्राम डोडा चूरा बरामद कर एस्कॉर्ट करते दो एवं कार से डोडा-चूरा की तस्करी करते एक युवक को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस के अनुसार आरपीएस प्रशिक्षु मेघा गोयल ने रूपाहेली चौराहे पर नाकाबंदी कर वाहनों की जांच शुरु की। इस दौरान एक बाइक पर दो लोग आते दिखे, जो नाकाबंदी देखकर पीछे मुडकर भागने लगे। जिन्हें कांस्टेबल शिवपाल ने पकड़ा, जो फिसल कर नीचे गिर गया।

शिवपाल को इलाज के लिए अस्पताल भिजवा दिया। वहीं बाइक सवार लोगों से पूछताछ करने पर चालक ने खुद को कुवांलियाखेड़ा गंगरार निवासी अमर सिंह बंजारा, जबकि पीछे बैठे व्यक्ति ने तुंबडिय़ा, गंगरार निवासी कन्हैयालाल बैरवा बताया।

ये आरोपित माफी मांगते हुए छोड़ देने की पुलिस से गुहार लगाने लगे। बाइक पर पीछे बैठे व्यक्ति ने बताया कि उनकी बाइक के पीछे एक स्विफ्ट कार आ रही है, जिसमें डोडा-चूरा भरा है। इसी दौरान एक कार आई, जिसका चालक पुलिस नाकाबंदी देखकर कार को धूमड़ास की ओर भगाकर ले जाने लगा।

पुलिस ने तीनों कोडिटेन कर कार की तलाशी ली तो उसमें दो फर्जी नंबर प्लेटें मिली। इसके अलावा कार में भरा 164 किलो 600 ग्राम डोडा-चूरा मिला, जिसे कार सहित जब्त कर तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर एनडीपीएस एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया। जांच सीआई शिवराज गुर्जर को दी गई है।

भीलवाड़ा : बैंक के बाहर स्कूटर की डिक्की तोडकर 140000 रूपए की लूट

भीलवाड़ा : बैंक के बाहर स्कूटर की डिक्की तोडकर 140000 रूपए की लूट

भीलवाड़ा। राजस्थान में भीलवाडा जिले के गंगापुर में बैंक ऑफ बड़ौदा के बाहर बदमाशों ने खड़ी बाइक की डिक्की तोड़कर 1 लाख 40 हजार रुपए की नकदी उड़ा ली।

जानकारी के अनुसार गलोदिया निवासी 50 वर्षीय मांगीलाल गुर्जर औरंगाबाद महाराष्ट्र में आईस्क्रीम का धंधा करता है। वह अपने गांव के श्यामलाल शर्मा के साथ गांव से गंगापुर आया। दोपहर एक-डेढ़ बजे मांगीलाल ने बैंक ऑफ बड़ौदा से एक लाख चालिस हजार रुपए निकलवाए और बैंक के बाहर खड़ी बाइककी डिक्की में रख दिए। परिवादी का साथी श्यामलाल शर्मा पानी पीने चला गया था, जबकि मांगीलाल अपनी बाइक को बैंक गेट से थोड़ा आगे ले गया।

इसी दौरान किसी बदमाश ने बाइक की डिक्की तोड़कर एक लाख चालीस हजार रुपए की नकदी चुरा ली। मांगीलाल, बैंक से रवाना होकर रोड पर पहुंचा और श्यामलाल के इंतजार के लिए बाइक खडी की तो उसे डिक्की खुली मिली तथा नकदी गायब थी। यह देखकर मांगीलाल सकते में आ गया। उसने आस-पास तलाश की, लेकिन बदमाशों का कहीं कोई पता नहीं चल पाया। मांगीलाल ने गंगापुर थाने में मामला दर्ज करवाया है।

ट्रैक्टर की टक्कर से बाइक सवार युवक की मौत

भीलवाडा जिले के शाहपुरा थाना इलाके में ट्रैक्टर की टक्कर से बाइक सवार युवक की मौत हो गई। युवक खेत से घर लौट रहा था। पुलिस ने बताया कि शाहपुरा निवासी मोडूराम नायक ने रिपोर्ट दी कि उसका ब्याई शिवराज 40 निवासी मोहनबाडी शाहपुरा जहाजपुर रोड पर स्थित खेत से घर की तरफ आ रहा था। दोपहर सवा बारह बजे खुलखुल्या भैंरूजी के स्थान के पास शाहपुरा की ओर से आए ट्रैक्टर ने शिवराज की बाइक को टक्कर मार दी।

ट्रैक्टर का टायर शिवराज के सिर से निकल गया। राहगीरों की सहायता से शिवराज को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। उधर, चालक ट्रैक्टर सहित फरार हो गया। पुलिस ने मोडृूराम की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी।

अजमेर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया लोकेश शर्मा का स्वागत

अजमेर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विशेषाधिकारी लोकेश शर्मा का आज अजमेर में कांग्रेसियों ने भव्य स्वागत किया।

अजमेर में स्टेशन रोड स्थित किंग एडवर्ड मेमोरियल पर आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम में युवाओं ने उन्हें फूलों से लाद दिया। उन्होंने सभी का आवाह्न किया कि गहलोत सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और फ्लैगशिप योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचा कर गरीबजन को लाभान्वित करें।

उन्होंने कहा कि सरकार जनता के कल्याण के प्रतिबद्ध है और मुख्यमंत्री जी उनके प्रति हमेशा चिन्तित रहते हैं। अब आप सबका दायित्व है कि इसका लाभ जरूरतरतमंदों तक पहुंचाएं। इस मौके पर वरिष्ठ एवं युवा कांग्रेसजन, छात्र संगठन से जुड़े युवा तथा महाविद्यालय के युवा मौजूद रहे।

इस मौके पर अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी उत्तर ब्लॉक बी के ब्लॉक अध्यक्ष शैलेंद्र अग्रवाल के नेतृत्व में ब्लॉक पदाधिकारियों, मंडल अध्यक्षों व कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण कर व तिरंगा दुपट्टा पहना कर भव्य स्वागत किया। उन्हें स्थानीय गतिविधियों की रिपोर्ट सौंपी तथा युवा संवाद कार्यक्रम में भी शामिल हुए। इससे पहले विशेषाधिकारी लोकेश शर्मा ने दरगाह जियारत भी की।

जोधपुर यूनिवर्सिटी में रेप की घटना के विरोध में एनएसयूआई का विरोध प्रदर्शन

अजमेर के सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के बाहर सड़क पर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं एवं छात्रों ने जोधपुर विश्वविद्यालय में हुई घटना के विरोध में प्रदर्शन कर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को बैन किए जाने की मांग की।

अजमेर एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष अब्दुल फरहान खान के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं व छात्रों ने एबीवीपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जोधपुर विश्वविद्यालय में एक हुई दुष्कर्म की घटना के आरोपियों को गिरफ्तार करने तथा उन्हें फांसी दिलाये जाने की मांग राज्यपाल से की। प्रदर्शन के दौरान उत्तेजना इतनी बढ़ गई कि क्लाक टावर थाना पुलिस को लाठी के दम पर छात्रों को खदेड़ना पड़ा। जिससे माहौल बिगड़ने से बच गया।

संगठन के जिलाध्यक्ष अब्दुल फरहान ने राज्यपाल से ये भी मांग कि जिस संगठन में दुष्कर्म की मानसिकता वाले लोग बैठे हैं, उन्हें आगामी छात्रसंघ चुनावों से दूर रखा जाए और संगठन को प्रतिबंधित किया जाए।

जोधपुर जिले में एक परिवार के 4 लोगों की हत्या, आरोपी अरेस्ट

जोधपुर। राजस्थान में जोधपुर जिले के ओसियां क्षेत्र में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर शव जलाने का मामला सामने आया है।

पुलिस के अनुसार क्षेत्र की एक ढाणी में करीब छह महीने की मासूम सहित पूनाराम परिवार के चार लोगों की हत्या कर दी गई और चारों के शव घर के आंगन में जले हुए मिले। सुबह घर में धुंआ निकलता देख ग्रामीणों के मौके पर पहुंचकर देखने पर घटना का पता चला और पुलिस को इसकी सूचना दी गई।

घटना मंगलवार रात देर रात में किसी समय की गई है। बताया जा रहा है कि परिवार के लोग घर के बाहर सो रहे थे। इनकी पहले हत्या की गई और बाद में इनके शव जलाने का प्रयास किया गया। पुलिस ने बताया कि पूनाराम (55), उनकी पत्नी भंवरी देवी (50), बहू धापू (24) और उसकी करीब छह महीने की पुत्री के शव जले हुए मिले। घटना के बाद प्रशासन एवं पुलिस के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं।

संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल बोले, आरोपी अरेस्ट

जयपुर। जोधपुर जिले के ओसियां क्षेत्र में एक परिवार के चार लोगों की हत्या के मामले को लेकर राज्य सरकार गंभीर है और इस मामले में पुलिसने तत्परता से कार्यवाही करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।

संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने बुधवार को विधानसभा में इस घटना पर दिए वक्तव्य में यह जानकारी दी। उन्होंंने कहा कि राज्य सरकार जोधपुर के ओसियां में हुई घटना को लेकर गंभीर है। इस सम्बन्ध में पुलिस ने तत्परता से कार्यवाही करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिससे गहनता से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस एवं एफएसएल द्वारा घटना के साक्ष्य एकत्रित करने के साथ ही अनुसंधान की कार्यवाही की जा रही है।

उन्होंने बताया कि जोधपुर ग्रामीण में ओसियां के चिराई गांव में हुई घटना की सूचना बुधवार की सुबह पुलिस को मिली थी, जिसके बाद पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची। घटना में पूनाराम जाट (55), उसकी पत्नी भंवरी (50), पुत्रवधु धापू (22) और मनीष (छह माह) के अधजले हुए शव बरामद हुए हैं। इनके शरीर पर धारदार हथियारों के निशान भी मिले हैं।

श्री धारीवाल ने कहा कि प्रारम्भिक जांच में पुलिस को इन हत्याओं के पीछे जमीन विवाद एवं आपसी रंजिश की आशंका नजर आ रही है। ओसियां थाना पुलिस ने प्रकरण में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 458, 459, 302, 201/436 के तहत मामला दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। प्रकरण की जांच ओसियां के वृत्ताधिकारी द्वारा की जा रही है।

उन्होंने बताया कि प्रशासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर घटना की जानकारी ली है। घटना की गंभीरता के मद्देनजर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) को भी मौके पर भेजा गया है। इससे पहले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक पुखराज गर्ग ने इस मामले को विधानसभा में उठाया था।

‘मिस्टर यूनिवर्स’ और 4 बार ‘मिस्टर इंडिया’ रहे आशीष साखरकर का निधन

मुंबई। ‘मिस्टर यूनिवर्स’ और चार बार ‘मिस्टर इंडिया’ के खिताब से नवाजे गए बॉडी बिल्डर आशीष साखरकर का मंगलवार देर रात निधन हो गया। वह 43 वर्ष के थे।

भारतीय बॉडी बिल्डर्स फेडरेशन (आईबीबीएफ) के अधिकारी ने आज बताया कि परेल निवासी सखारकर स्वास्थ्य संबंधित कुछ समस्याओं से पीड़ित थे और उन्हें एक सप्ताह पहले दक्षिण मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

अधिकारी ने बताया कि 80 किलोग्राम वर्ग में बॉडी-बिल्डर सखारकर ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते थे। उन्हें महाराष्ट्र सरकार के शिव छत्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सखारकर के परिवार में पत्नी और एक बेटा है। उनका आज शाम अंतिम संस्कार कर दिया गया।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने देश को प्रसिद्धि दिलाने वाले साखरकर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन से बॉडी-बिल्डिंग बिरादरी को अपूरणीय क्षति हुई है। शिव सेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने साखरकर के निधन पर दुख व्यक्त किया और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ को दी नियमित जमानत, गुजरात हाईकोर्ट का आदेश रद्द

नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने गुजरात के 2002 दंगों से संबंधित कथित मनगढ़ंत सबूत बनाने और गवाहों को प्रभावित करने की आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को बुधवार को नियमित जमानत दे दी। सीतलवाड़ पर गुजरात सरकार और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को उन दंगों के मामले में कथित तौर पर हाथ होने के लिए बदनाम करने की साजिश रचने के आरोप हैं।

न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका मंजूर की। न्यायमूर्ति गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में सीतलवाड़ के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल होने और हिरासत में पूछताछ पूरी होने के तथ्य पर गौर करते हुए राहत दी।

शीर्ष अदालत ने साथ ही गुजरात हाईकोर्ट के उस आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें सीतलवाड़ को जमानत देने से इनकार करने के साथ ही तत्काल आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया गया था। शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने जमानत याचिका मंजूर करते हुए यह भी कहा कि यदि सीतलवाड़ की ओर से गवाहों को प्रभावित करने का मामला सामने आता है तो अभियोजन पक्ष उनकी जमानत रद्द करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है।

न्यायमूर्ति गवई की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने इससे पहले एक जुलाई को रात करीब 9:15 सुनवाई कर तीस्ता को एक सप्ताह के लिए अंतरिम राहत दी थी। पीठ ने सीतलवाड़ को तत्काल आत्मसमर्पण करने के गुजरात हाईकोर्ट के कुछ घंटे पहले दिए आदेश पर रोक लगा दी थी।

विशेष पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा था कि हमें यह कहते हुए दुख हो रहा है कि (उच्च न्यायालय के) एकल पीठ ने उन्हें (सीतलवाड़ को) एक सप्ताह की भी सुरक्षा न देकर सरासर गलत किया। विशेष पीठ ने सीतलवाड़ की याचिका पर शीघ्र सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया था कि वह मामले के गुण-दोष पर गौर नहीं कर रही है।

विशेष पीठ ने शीर्ष अदालत के न्यायमूर्ति अभय एस ओका और प्रशांत कुमार मिश्रा की दो सदस्यीय पीठ के एक जुलाई को ही याचिकाकर्ता को अंतरिम सुरक्षा देने के मुद्दे पर मतभेद के कारण कुछ समय बाद ही रात करीब 9 बजे सुनवाई की थी। गुजरात उच्च न्यायालय ने एक जुलाई को ही सीतलवाड़ की जमानत याचिका खारिज कर दी।

उच्च न्यायालय ने 30 दिन का समय देने की सीतलवाड़ की याचिका खारिज करते हुए उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण करने को कहा था। शीर्ष अदालत ने एक जुलाई को सीतलवाड़ को दी गई आत्मसमर्पण करने से छूट की अंतरिम राहत पांच जुलाई को अगले आदेश तक बढ़ा दी थी।

पीठ ने उन्हें (सीतलवाड़ को) जमानत देने से इनकार करने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ तीस्ता की याचिका पर गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया था। न्यायमूर्ति गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता और राज्य सरकार को 15 जुलाई तक अपना हलफनामा और जबाव दाखिल करने की अनुमति दी थी।

पीठ ने पांच जुलाई को इस मामले की अंतिम सुनवाई की तारीख 19 जुलाई तय करते हुए कहा था कि हम दोनों पक्षों को एक-एक घंटे का समय देंगे और एक दिन में सुनवाई पूरी करेंगे।याचिकाकर्ता सीतलवाड़ की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अदालत के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की थी।

भाजपा पार्षद ने मॉनिटरिंग कमिटी के अध्यक्ष से किया टोकन व्यवस्था हटाने का अनुरोध

 

माउंट आबू में बंद पड़ी नौकायान।
माउंट आबू

सबगुरु न्यूज-माउंट आबू। भाजपा पार्षद सौरभ गांगाडिया ने इको सेंसेटिव ज़ोन माउंट आबू की मॉनिटरिंग कमिटी के अध्यक्ष को पत्र लिखकर माउंट आबू की मॉनिटरिंग कमिटी की बैठक शीघ्र बुलवाने का अनुरोध करते हुए गुलामी का प्रतीक बन चुकी टोकन व्यवस्था को हटाने का अनुरोध किया है।
गंगड़िया ने लिखा कि उच्च न्यायालय के आदेश के उपरांत यह तो स्पष्ट हो गया है कि मॉनिटरिंग समिति के कार्य करने पर व निर्णय लेने पर कोई रोक नही है ।
अतः अतिशीघ्र मॉनिटरिंग समिति की बैठक का आह्वान कर, आबू के जन हित व पर्यावरण संरक्षण के गंभीर मुद्दों पर चिंतन कर समाधान हेतु मार्गदर्शन व आदेश करावें ।
इस पत्र में बैठक मेंलिए जा सकने वाले प्रस्तावों के सुझाव भी उन्हें दिए हैं।

इसमें बिपरजोय चक्रवात में हुए नुकसान व घरों की मरम्मत हेतु किए गए आवेदनों पर त्वरित कार्यवाही व repairs हेतु निर्माण सामग्री का आबू पर्वत पर ही उपलब्ध करवाने का निर्णय व प्रयोजन करवाने का अनुरोध किया है।

गांगडिया ने लिखा कि आबू पर्वत पर स्थापित निर्माण सामग्री हेतु टोकन व्यवस्था का सरलीकरण करना या फिर टोकन व्यवस्था को निरस्त करना चाहिए । उन्होंने लिखा कि यह व्यवस्था पूर्व में मॉनिटरिंग समिति द्वारा ही स्थापित की गई थी व इसे निरस्त करने का या फिर सरलीकरण करने का अधिकार भी मॉनिटरिंग समिति के पास ही है । उन्होंने लिखा कि यह व्यवस्था उस समय लागू की गई थी जब मास्टर प्लान पर असमंजस की स्तिथि थी व विभिन्न न्यायालयों में आबू पर्वत पर निर्माण संबंधित वाद लंबित थे ।
उन्होंने लिखा कि अब स्थिति बहुत हद तक क्लियर हो चुकी है । यह एक अस्थाई व्यवस्था थी पर समय के साथ इसको कानून का रूप दे दिया गया जो कि गलत है।
इस जटिल प्रक्रिया की वजह से आम जन बेहद परेशान है त्रस्त है ।
उन्होंने इसे अव्यवहारिक प्रक्रिया बताते हुए आबू पर्वत पर निर्माण सामग्री के काला बज़ारी के माफिया को जन्म देने वाला बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि टोकन व्यवस्था से गरीबों व सामान्य परिवारों का शोषण होता गया व बड़े लोगो ने मनमाने दाम पर उपलब्ध निर्माण सामग्री का उपयोग कर अपना कार्य पूर्ण किया  ।

उन्होंने लिखा कि जब कानून के तहत ( बिल्डिंग बाय लॉज़ 2019 ) बिंदु संख्या 5 के तहत प्लास्टर करने हेतु , पुनः फर्श बनाने हेतु व अपने मालिकी के भूखण्ड पर छज्जा निर्माण हेतु किसी भी स्वीकृति की आवश्यकता नही है तो फिर इन कार्यों के लिए निर्माण सामग्री हेतु टोकन लेना कहाँ तक न्यायसंगत है ,यह एक विचारणीय विषय है ।
इन छोटे छोटे कार्य हेतु आबू पर्वत के आमजन को परेशानी में डालना , धक्के खिलाना ,मानसिक रूप से व आर्थिक रूप से प्रताड़ित करना कहाँ का न्याय है ?
टोकन व्यस्था एक ग़ुलामी का प्रतीक बन कर रह गया है व आबू वासी आज़ाद भारत में अब और ग़ुलाम बन कर नही रहना चाहते । इस पीड़ा से हमे मुक्त करवाने हेतु कोई ठोष निर्णय करावे और आबू वासियों को ग़ुलामी की बेड़ियो से मुक्त कराने का अनुरोध किया है ।

इसमें लिखा कि आबू पर्वत पर स्थित गरीब बस्तियो का मास्टर प्लान 2030 के तहत तीन श्रेणियों में वर्गीकरण किया गया है । उत्थान ( अम्बेडकर कॉलोनी ) पुनर्विकास ( अन्य बस्ती ) और पुनर्वास ( सीतावन बस्ती) प्रावधानों के तहत इन बस्तियों के विकास हेतु कोई ठोस योजना बनाई जावे ताकि इन गरीब बस्तियों में रहने वाले लोगो को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर मिले । इन बस्तियों में हर घर में बिजली ,पानी व शौचालय की मूल भूत सुविधाओं को उपलब्ध करवाना हमारा दायित्व बनता है । सरकार की योजना के तहत इन गरीब बस्तियों में योग्य परिवारों को पट्टे आवंटन हो। सीतावन में बसने वाले परिवारों को किसी अन्य जगह सम्मानपूर्वक विस्थापित किया जाना चाहिए ।
आबू पर्वत पर पुराने बोरवेल को रिपेयर , डिसिल्टिंग व फ्लशिंग की अनुमति प्रदान करावे । ईएसजेड नोटिफिकेशन 2009 के तहत ठोस कचरा प्रबंधन  नीति  लागू करवाना अतिआवश्यक है ।
आबू पर्वत स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट अभी पूर्ण रूप से कार्यरत नही है । ईको सेंसेटिव ज़ोन में एक प्रभावी एसटीपी का होना बहुत आवश्यक है । सीएनजी और एंड इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन की व्यवस्था हो ।
आबू पर्वत पर सोलर प्लांट स्थापित करने हेतु एक योजना को लागू करना चाहिए । जो भी व्यक्ति सोलर प्लांट स्थापित करना चाहे उसे प्रोत्साहन मिलना चाहिए व आवश्यक सुविधा भी मिलनी चाहिए ।

उत्तर प्रदेश के रामपुर में गड्ढे के पानी में डूबकर 5 बच्चों की मौत

रामपुर। उत्तर प्रदेश में रामपुर जिले के ढकिया क्षेत्र में बुधवार को बकरी चराने गए पांच बच्चों की पानी भरे गड्ढे में डूबने से मौत हो गई।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि ढकिया क्षेत्र में चार लड़कियां और एक लड़का बकरियां चराने गए थे। इस दौरान ईंट भट्ठे किनारे के गड्ढे में भरे पानी में नहाने लगे। इस दौरान पांचों की पानी में डूबकर मौत हो गई। पुलिस और स्थानीय निवासियों ने कड़ी मशक्कत के बाद पांचों के शव बरामद कर लिए हैं।

उन्होंने बताया कि थाना ढकिया की ग्राम पंचायत गदमर पट्टी के पास ग्राम गहनी में ईंट भट्टा बना हुआ है। ईंट भट्टा शरीफ निवासी ग्राम ढकिया थाना शाहबाद का है। ईंट भट्ठे किनारे मिट्टी खोदने के कारण गहरे गड्ढे हो गए हैं।

बरसात के कारण इन गड्ढों में बड़ी मात्रा में पानी जमा है। आज दोपहर गदमर पट्टी के चार लड़कियां चंचल (10), सना (10), अलीना (10), गुलफ्शा (9) और आकिल (12) बकरियां चरा रहे थे। इस दौरान बच्चे गढ्ढे में जमा पानी में नहाने लगे। पांचों इस पानी में डूब गए।

सूत्रों ने बताया कि डूबे गये बच्चों की करीब तलाश की गई और करीब आधे घंटे के प्रयास में पांचों को बाहर निकाला गया मगर तब तक सभी की सांसे थम चुकी थी। पांचों मृतक मासूम ग्राम गदमर पट्टी के रहने वाले थे।