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महिलाओं पर बढ़ती हिंसा के विरोध में भाजपा महिला मोर्चा का अजमेर में प्रदर्शन

अजमेर। राजस्थान के अजमेर में भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा ने प्रदेश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया तथा राज्यपाल के नाम का ज्ञापन सौंप कार्यवाही की मांग की।

शहर भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष भारती श्रीवास्तव के नेतृत्व में भाजपा महिला कार्यकर्ता थाली-चम्मच बजाते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे और राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यह विरोध प्रदर्शन करौली के नादौती थानाक्षेत्र में 18 वर्षीय दलित युवती के साथ बलात्कार के बाद हत्या मामलें में किया गया।

अजमेर भाजपा महिला अध्यक्ष भारती श्रीवास्तव ने कहा कि दलितों एवं महिलाओं पर अत्याचार के मामलें में राजस्थान प्रथम है। संगठन इस अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करेगा। इस अत्याचार के खिलाफ आन्दोलन तेज किया जाएगा।

कोटा : अस्पताल में बिल्ली बच्चों समेत घूमती दिखी, वरिष्ठ नर्सिंग ऑफिसर निलम्बित

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कोटा। राजस्थान में कोटा के प्रमुख मातृ एवं शिशु रोग अस्पताल जेके लोन चिकित्सालय में एक बिल्ली के अपने बच्चों सहित लेबर रूम के आसपास घूमती देखे जाने की मीडिया रिपोर्ट के बाद अस्पताल की वरिष्ठ नर्सिंग ऑफिसर को निलंबित कर दिया गया।

स्थानीय अखबारों में यह खबर सुर्खियों में प्रकाशित होने के बाद कि जेके लोन चिकित्सालय में एक बिल्ली अपने बच्चों के साथ लेबर रूम और उसके आसपास अकसर घूमती देखी जाती है जिससे वहां जच्चा-बच्चाओं को खतरे की हमेशा आशंका बनी रहती है।

यह मामला राज्य सरकार के संज्ञान में आने के बाद जयपुर से मिले निर्देशों के आधार पर जिला कलक्टर ओम प्रकाश बुनकर ने गुरुवार को अस्पताल का दौरा किया और वहां मिली कुछ अनियमितताओं पर गहरी नाराजगी भी जताई। बुनकर ने एक बिल्ली और उसके बच्चों को लेबर रूम के बाहर वार्ड़ में घूमते देखे जाने की मीडिया रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ नर्सिंग ऑफिसर चाहना यादव को निलंबित करने के आदेश दिए गए।

25000 रुपए का इनामी बदमाश गोवा से अरेस्ट

कोटा शहर के नयापुरा थाना पुलिस ने आज 25000 रुपए के इनामी बदमाश को गोवा से गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार बदमाश की पहचान सलमान उर्फ शफीक मोहम्मद निवासी नयापुरा को पुलिस टीम ने गोवा से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ शहर के विभिन्न थानों में तीस अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। आरोपी सलमान की गैंग पर फायरिंग करके दो माह पुराने मामले में पुलिस तलाश कर रही थी। पुलिस ने सलमान को पकड़वाने के लिए 25000 रुपए के इनाम की भी घोषणा की थी। बदमाश को पुलिस टीम कोटा ला रही है।

बेरोजगारी से तंग युवक ने की आत्महत्या

कोटा के गुमानपुरा थाना क्षेत्र में बेरोजगारी से तंग आकर एक युवक ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कोटा के गुमानपुरा थाना क्षेत्र में छावनी इलाके में रहने वाले एक युवक लक्ष्मण सिंह (25) ने गुरुवार को तीसरे पहर अपने ही मकान के चौक में लोहे के जाल से फांसी का फंदा लगा लिया।

घटना के समय उसका भाई नौकरी पर गया हुआ था जबकि मां, भाभी सोए हुए थे। सूत्रों ने बताया कि युवक सेकेंडरी तक पढ़ा लिखा है लेकिन काफी समय से तलाश के बावजूद उसे रोजगार नहीं मिल पा रहा था जिससे वह परेशान था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

ईएसए चंद्रयान-3, आदित्य-एल1 पर नजर रखेगा

चेन्नई। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 पर नज़र रखने में मदद करेगी एवं गगनयान पर बातचीत चल रही है।चन्द्रयान ने चंद्रमा की सटीक कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने के बाद अपनी यात्रा शुरू कर दी है। एलवीएम3-एम4 द्वारा, भारी प्रक्षेपण वाहक वाहन को ‘फैट बॉय’ कहा जाता है।

ईएसए ने शुक्रवार को कहा कि वह इसरो के सूर्य मिशन आदित्य-एल1 पर भी नज़र रखेगा और भारत के पहले मानव उड़ान मिशन गगनयान के लिए बातचीत चल रही है।

एजेंसी ने कहा कि गहरे अंतरिक्ष स्टेशनों के अपने वैश्विक एस्ट्रैक नेटवर्क के लिए धन्यवाद, ईएसए अपने साझेदारों को जर्मनी के डार्मस्टेड में अपने ईएसओसी मिशन नियंत्रण केंद्र के माध्यम से सौर मंडल में लगभग कहीं भी अंतरिक्ष यान को ट्रैक करने, कमांड करने और डेटा प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

फ्रेंच गुयाना के कौरौ में ईएसए के 15 मीटर एंटीना का उपयोग प्रक्षेपण के बाद के दिनों में चंद्रयान -3 पर नजर रखने के लिए किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सके कि अंतरिक्ष यान लिफ्ट की कठिनाइयों से बच गया है और चंद्रमा पर अपनी यात्रा शुरू करते समय अच्छी स्थिति में है।

आईटी ने कहा कि जैसे ही अंतरिक्ष यान पृथ्वी से पीछे हटेगा, ईएसए ब्रिटेन में गोनहिली अर्थ स्टेशन लिमिटेड द्वारा संचालित 32-मीटर एंटीना से ट्रैकिंग समर्थन का समन्वय करेगा। गोनहिली चंद्रयान-3 के प्रणोदन और लैंडर मॉड्यूल का समर्थन करेगा। महत्वपूर्ण रूप से, यह चंद्र सतह संचालन के पूरे चरण के दौरान लैंडर का समर्थन करेगा, जिससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि रोवर द्वारा प्राप्त विज्ञान डेटा भारत में इसरो के पास सुरक्षित रूप से पहुंचे।

ईएसए ने कहा कि कौरौ और गोनहिली के माध्यम से आने वाले चंद्रयान -3 द्वारा वापस भेजे गए डेटा और टेलीमेट्री को पहले ईएसओसी को भेजा जाएगा। वहां से उन्हें विश्लेषण के लिए इसरो भेजा जाएगा।

ईएसए ने कहा कि चंद्रयान-3 इसरो के दो मिशनों में से एक है जिसे ईएसए इस गर्मी में समर्थन देगा। इसरो की आदित्य-एल1 सौर वेधशाला अगस्त के अंत में लॉन्च होने वाली है। आदित्य-एल1 का नाम हिंदू सूर्य देवता और अंतरिक्ष यान के भविष्य के घर पृथ्वी सूर्य प्रणाली का पहला बिन्दु लैग्रेंज एल1 के नाम पर रखा गया है।

चंद्रयान-3 बढ़ा चांद की ओर, उठाएगा रहस्यों का पट

चंद्रयान-3 बढ़ा चांद की ओर, उठाएगा रहस्यों का पट

श्री हरिकोटा (आंध्रप्रदेश)। चांद पर रहस्यों के घूंघट को हटाने के भारत के प्रयास के तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने शुक्रवार को अपना नया उपग्रह चंद्रयान-3 धरती के उस कक्षा में पहुंचाने की बड़ी सफलता हासिल कर ली, जहां से इस यान ने खोजी उपकरणों के साथ चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है।

चंद्रमा पर खोजी यंत्र उतारने के प्रयास में सफल होने पर भारत अमरीका, रूस और चीन के बाद इस तरह की उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश होगा। इसरो के रॉकेट से चंद्रयान-3 को धरती से ऊपर 179 किलोमीटर ऊंची कक्षा में छोड़ा गया। इस पर लगे लैंडर और रोवर को (चांद की सतह पर उतरने वाले यंत्र और उसमें से निकल कर सतह पर चलकर उसका निरीक्षण करने वाली मशीन) तीन लाख किलोमीटर की यात्रा कर 23-24 अगस्त के बीच चांद पर उतारे जाने की संभावना है।

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 को धरती की अंतरणकारी कक्षा में स्थापित करने के अभियान की सफलता की घोषणा की। इस अंडाकार भू-अंतरणकारी कक्षा में चक्कर लगाते हुए यह यान धरती से 170 किलोमीटर से लेकर 36500 किलोमीटर की दूरी पर परिक्रमा करते हुए चांद की कक्षा में प्रवेश करेगा और क्रमश: उसकी निकटवर्ती कक्षाओं की ओर बढ़ेगा। सोमनाथ यह घोषणा करते हुए इतने आह्लादित थे कि उन्हें शब्द नहीं सूझ रहे थे। उन्होंने बस इतना कहा कि मैं मिशन के सभी अधिकारियों को इस सफलता के लिए धन्यवाद करता हूं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार के कई मंत्रियों ने इस सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसरो के वैज्ञानिकों और तकनीशियनों को बधाई दी है। राष्ट्रपति ने चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक और उपलब्धि बताया है। उन्होंने इस अभियान में लगी इसरो की टीम और इस काम में निरन्तर लगे सभी लोगों को बधाई दी है और कहा है कि यह अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति करने की देश की अडिग प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मोदी ने कहा कि चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ा है। उन्होंने कहा कि यह सफलता हर भारतवासी के सपनों और आकांक्षाओं को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने वाली है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अनथक समर्पण की कथा है। उन्होंने कहा कि मैं उनके उत्साह और उनकी प्रतिभा को प्रणाम करता हूं।

प्रक्षेपण के समय इसरो की टीम के अलावा केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेन्द्र सिंह भी सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र में मौजूद थे। उन्होंने इसे भारत के लिए गौरव का क्षण बताया और इसके लिए इसरो की टीम को धन्यवाद दिया।

श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र पर इसरो के सबसे बड़े और 642 टन भार के साथ 43.5 मीटर लंबे एलवीएम-3 रॉकेट ने कल से शुरू हुई उल्टी गिनती पूरी होते ही अपराह्न दो बजकर 35 मिनट 17 सेकंड पर प्रक्षेपण स्थल पर धुएं के बादल को छोड़ता हुआ पूर्ण संतुलन के साथ अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरी। इस पर करीब 3900 किलोग्राम का चंद्रयान-3 अपने सभी माड्यूल के साथ मिशन पर रवाना किया गया।

इसरो अध्यक्ष ने पहले कहा था कि यदि 23 या 24 अगस्त को योजना के अनुसार चन्द्रयान की लैंडिंग नहीं होती है, तो इसरो सितंबर में लैंडिंग का प्रयास करने के लिए एक और महीने तक इंतजार करेगा। इससे पहले चंद्रयान-2 का लैंडर चांद की सतह पर उतरते हुए नियंत्रण से बाहर होकर क्षतिग्रस्त हो गया था। ऐसी स्थिति से बचने के लिए चंद्रयान-3 में अनेक महत्वपूर्ण सुधार किये गये हैं और इसकी डिजाइन में सावधानियां बरती गई हैं।

चंद्रयान-3: इसरो परिवार की 73 दिनों की तपस्या का फल मिला

वरिष्ठ वैज्ञानिक और भारत के तीसरे चंद्रमा खोजी मिशन चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक एस.मोहन कुमार ने शुक्रवार को सटीक कक्षा में अंतरिक्ष यान का सफल प्रक्षेपण को इसरो परिवार की 73 दिनों की तपस्या का इनाम बताया है।

इसरो के सबसे भारी और हेवी लिफ्ट रॉकेट एलवीएम3-एम4 द्वारा दूसरे लॉन्च पैड से शानदार उड़ान भरने के बाद अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित करके चंद्रमा की ओर चंद्रयान -3 की 42-दिवसीय यात्रा शुरू करने के बाद मिशन नियंत्रण केंद्र में अपने संबोधन में कुमार ने कहा कि यह इसरो परिवार के लिए 73 दिन की तपस्या फल है।

उन्होंने कहा कि अंततः इसे सटीक कक्षा में अंतरिक्ष यान के सफल प्रक्षेपण से पुरस्कृत किया गया है। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस.उन्नीकृष्णन ने कहा कि यह एलवीएम3 रॉकेट का सातवां सफल मिशन है। एलवीएम3 को इसरो का ‘फैट बॉय’ प्रक्षेपण वाहन कहा जाता है।

उन्होंने कहा कि रॉकेट को पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के लिए आदर्श वाहन बनाने के लिए इसमें कई बदलाव किए गए हैं। कई वैज्ञानिकों ने कहा कि ‘फैट बॉय’ ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यह भविष्य के प्रक्षेपण मिशनों के लिए सबसे भरोसेमंद भारी वाहन है।

जनप्रतिनिधि मेरा देश, मेरी जनता की सोच के साथ करे काम: द्रौपदी मुर्मू

जयपुर। राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि जनप्रतिनिधियों को मैं, मेरा के स्थान पर मेरा देश, मेरी जनता एवं मेरा समाज की सोच के साथ कार्य करना चाहिए।

श्रीमती मुर्मू 15वीं राजस्‍थान विधानसभा के आठवें सत्र के पुन: आरम्‍भ होने पर शुक्रवार को यहां आजादी के अमृत महोत्सव के तहत विशेष रूप से सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने विधायकों से समावेशी विकास और जनहित की परम्परा को मजबूत बनाते हुए विधानसभा के जरिए संसदीय गरिमा को बढ़ाने और राजस्थान के समग्र विकास के लिए कार्य करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को जनता बहुत प्यार से चुनकर भेजती है, ऐसे में उनका चाल-चलन, व्यवहार, आचार-विचार सब जनता के हित को ध्यान में रखते हुए ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि कानून बनाते समय जनता की वर्तमान जरूरतों और व्यापक जनहित का ध्यान रखें। उन्होंने स्वाधीनता संग्राम के आदर्शों को अपनाते हुए सामाजिक न्याय और बंधुत्व की भावना के लिए कार्य किए जाने का आह्वान किया।

राष्‍ट्रपति ने कहा कि वर्तमान संसद के दोनों सदनों के अध्यक्ष राजस्थान से आते हैं, यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 168 के तहत प्रदेश में विधानसभाओं के गठन का प्रावधान लागू हुआ। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पहली विधानसभा 1952 में अस्तित्व में आई, लेकिन 1956 में प्रदेश के एकीकरण के साथ विधानसभा का वर्तमान स्वरूप निर्धारित होने लगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में गणतंत्र की परम्परा प्राचीन काल से ही देखने को मिलती हैं, यहां उत्तरी राजस्थान के भूभाग में पांचवीं शताब्दी तक यौधेय जनजाति का गणराज्य था।

मुर्मू ने राजस्थानी भाषा में सभी के अभिनंदन से अपने उद्बोधन की शुरुआत की। उन्होंने राजस्थान विधानसभा के निर्माण और उसकी ऐतिहासिक यात्रा को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि राजस्थान अपनी गौरवमय परम्पराओं, स्थापत्य और शिल्प धरोहर में अनूठा है। उन्होंने जयपुर को यूनेस्को द्वारा एतिहासिक नगरी का दर्जा दिए जाने के लिए बधाई भी दी। उन्होंने अपने सम्बोधन में राजस्थान के गौरवशाली इतिहास, शूर-वीरता, सभ्यता, संस्कृति, साहित्य और पधारो म्हारे देस के आतिथ्य सत्कार सहित सभी आयामों की चर्चा की।

उन्होंने महाकवि माघ, चन्दवरदाई, मीरांबाई के साहित्यिक अवदान एवं पृथ्वीराज चौहान, राणा सांगा और महाराणा प्रताप के साथ-साथ उनके सहयोगी रहे राणा पूंजा को भी याद किया। उन्होंने डूंगरपुर की आदिवासी बालिका कालीबाई के आजादी में रहे योगदान को याद करते हुए गोविंद गुरु को महान स्वतंत्रता सेनानी बताते हुए कहा कि स्वाभिमान की भावना राजस्थान के लोगों में कूट-कूट कर भरी है।

राष्ट्रपति ने पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिया से लेकर पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत द्वारा राजस्थान के विकास के लिए किए गए कार्यों को याद किया। उन्होंने बाल विवाह निरोधक कानून (शारदा एक्ट) को महत्वपूर्ण बताते हुए सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए प्रदेश में किए गए कार्यों की भी चर्चा की।

इस अवसर पर राजस्थान के राज्‍यपाल कलराज मिश्र ने विधायकों से सदन की मर्यादा को कायम रखते लोकतंत्र के सशक्तीकरण के लिए कार्य करने का आह्वान किया। श्री मिश्र ने कहा कि विधायिका यदि प्रभावी रूप में कार्य करती है तो उसका सीधा असर कार्यपालिका पर पड़ता है और कालान्तर में इससे जनता के हित से जुड़े मुद्दों, विकास कार्यों, जनकल्याण योजनाओं को धरातल पर लाते हुए उनका बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि भारतीय परंपराओं में आरम्भ से ही लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था रही है। उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र के लम्बे अनुभव के आधार पर वह यह कह सकते हैं कि लोकतंत्र की वास्तविक शक्ति जनता में ही निहित है जो जनप्रतिनिधियों को चुनकर भेजती है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं में बैठे प्रतिनिधियों का यह कर्तव्य है कि जन विश्वास पर खरा उतरते हुए उनके सर्वांगीण विकास के लिए काम करें।

मिश्र ने विधायी दायित्वों की चर्चा करते हुए कहा कि संविधान में लोकसभा, राज्यसभा, विधानमंडलों के तहत चुने हुए प्रतिनिधियों को बहुत सारे अधिकार और विशेषाधिकार दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सदस्य प्रयास करें कि सदन निरर्थक बहस और आरोप प्रत्यारोप लगाने का स्थान नहीं बने और वे अपने अधिकारों, विशेषाधिकारों का उपयोग करते हुए यहां जनकल्याण से जुड़े मुद्दों को सार्थक रूप से उठाने का कार्य करें। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए सदन की बैठकें समय पर आहूत होनी चाहिए। एक ही सत्र को लम्बा नहीं चलाया जाए बल्कि सत्रावसान की कार्यवाही समुचित ढंग से यथासमय होनी चाहिए।

इस मौके राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र की ही विशेषता है कि एक साधारण परिवार से आकर कोई देश के राष्ट्रपति के सर्वोच्च पर पर पहुंचता है। उन्होंने पहली बार राज्य विधानसभा में राष्ट्रपति के आगमन को ऐतिहासिक बताते हुए श्रीमती मुर्मू का स्वागत किया। उन्होंने आजादी के बाद संसदीय लोकतंत्र के माध्यम से देश और राज्य में हुए विकास की चर्चा करते हुए कहा कि लोकतंत्र जनता को समता और न्याय के लिए कार्य करने को प्रेरित करता है। उन्होंने सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए सभी को मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।

डॉ. जोशी ने कहा कि संविधान में संसदीय लोकतंत्र के माध्यम से केंद्र सरकार और राज्य सरकार को कानून बनाने का अधिकार दिया गया है उनके अनुसार हमें ऐसे कानून बनाने चाहिए जो देश और प्रदेश को आगे बढ़ाने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि इस सदन के सदस्यों ने संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करते हुए राजस्थान के नव निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 75 वर्ष में देश में राजनीतिक न्याय तो सुनिश्चित हुआ है, लेकिन आर्थिक और सामाजिक स्तर पर बहुत कुछ किया जाना बाकी है। उन्होंने इन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए

सामाजिक विषमता कम करने और सौहार्द बढ़ाने के लिए साथ मिलकर कार्य करने पर बल दिया। आरम्भ में मिश्र ने मुर्मू को हरियाली और खुशहाली के प्रतीक के रूप में पौधा और डॉ. जोशी ने स्मृति चिह्न भेंट किया। इस मौके राज्यमंत्रिपरिषद् के सदस्य, विधायक एवं अन्य गणमान्‍य लोग मौजूद थे।

माउंट आबू: HC के आदेश की गलत व्याख्या से लोग थे परेशान, मुख्य न्यायाधीश ने दिया ये आदेश

अनुमति होने के बावजूद माउंट आबू उपखण्ड अधिकारी द्वारा निर्माण सामग्री जारी नहीं करने के कारण गिरी सीलिंग का प्लास्टर।

परीक्षित मिश्रा
माउंट आबू (सिरोही)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आबूरोड प्रवास के दौरान माउंट आबू के लोग अपनी निर्माण मरम्मत की समस्या के लिए मिले थे। उस दौरान मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढ़ा ने कहा था कि माउंट आबू में अधिकारी अपना एकाधिकार समाप्त नहीं करने को लेकर वहां का काम अटका रहे हैं। राजस्थान हाईकोर्ट ने भी ये माना कि उनके आदेश की गलत व्याख्या और गलत प्रस्तुतीकरण किया गया है।

जिले और माउंट आबू के अधिकारी मोनिटरिंग कमिटी को लेकर 24 जनवरी 2023 के हाइकोर्ट के आदेश की ये व्याख्या कर रहे थे कि राजस्थान हाइकोर्ट ने माउंट आबू की मॉनिटरिंग कमिटी की 14 दिसम्बर 2023 की बैठक की प्रोसिडिंग और उसकी पालना पर रोक लगा दी है। राज्य के लीगल एडवाइज़र की राय का हवाला देते हुए मोनिटरिंग कमिटी के सचिव द्वारा अध्यक्ष के आह्वान के बाद भी बैठक नहीं आहूत हो रही थी और न ही उस बैठक में लिए गए निर्णयों की पालना हो रही थी।

इसी को लेकर राज्य सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल संदीप शाह ने हाईकोर्ट से अपने आदेश को स्पष्ट करने का अनुरोध किया। इस पर मुख्य न्यायाधीश ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह और न्यायाधीश विनीत कुमार की खंडपीठ ने माना कि 24 जनवरी 2023 के आदेश को गलत तरीके से पढ़ा और व्याख्यायित किया जा रहा है। खंडपीठ ने कहा कि ऑर्डर को इस रूप में लिया जा रहा है की बैठक बुलाने पर कोर्ट की रोक है। इससे बैठक नहीं हो रही है।

बैठक बुला कर NGT के आदेश पर ज़ोनल मास्टर प्लान फाइनल करना, नोटिफिकेशन की बराबर पालना हो वो देखना, आम जन को रिपेयर आदि स्वीकृति जल्द मिले, पर्यावरण हित के फ़ैसले करने जैसे कई मामलो को देखना है जो नहीं हो पा रहे है।

इस पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की बेंच ने आदेश दिया की बैठक बुलाने, उस में फ़ैसले लेने, उनकी क्रियान्विति कर अमल में लाने पर कोई रोक नहीं है। जो भी फ़ैसला करना है वो मुख्य रीट का अन्तिम फ़ैसला करेंगे जब होगा।

अब मिल सकेगी राहत

राज्य सरकार के हस्तक्षेप से राजस्थान हाइकोर्ट के आदेश की पुनर्व्याख्या करवा लेने से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा बामनवाड़ जी में 2019 में उठाए गए कदम की पालना हो सकेगी। विधानसभा चुनावों से पहले राज्य सरकार माउंट आबू के लोगों को चार दशकों से रुकी राहत को दे पाएगी।

उल्लेखनीय है कि मंजू गुरबानी ने राजस्थान हाइकोर्ट में मॉनिटरिंग कमिटी के फॉर्मेशन को चैलेंज किया था। बाद में मोनिटरिंग कमिटी की बैठक हो गई तो उसमें माउंट आबू को राहत देने के लिए भी वो निर्णयों पर रोक के लिए भी वो हाइकोर्ट गईं। उसके बाद दिए सप्लीमेंट्री निर्णय को गलत ढंग से व्याख्यायित करने के कारण लोगों को राहत नहीं मिल पाई।

मुख्य न्यायाधीश के द्वारा अपने आदेश की स्पष्ट व्याख्या कर देने के बाद 14 दिसम्बर 2022 की बैठक में लिए गए निर्णयों की पालना हो सकेगी। मॉनिटेरिंग कमेटी पूर्व में बैठक में हुए फ़ैसले के अनुसार टोकन की सरलता व समय पर बिना परेशानी मिले, जर्जर भवन को अनुमति, पतरे बदलने, पतरो की जगह छत डालनी, निर्माण सामग्री स्थानीय वेंडर से यही मिल जाये ऐसे जनहित के फ़ैसले अमल में ला सकती है। बैठक होने से आमजन को परेशान नहीं होना पड़े उसका मार्ग खुला है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिला फ्रांस का सर्वोच्च सम्मान

पेरिस। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक एवं सैन्य सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया है। फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार देर रात पेरिस के एलिसी पैलेस में एक समारोह में मोदी को इस सम्मान से अलंकृत किया। भारतीय प्रधानमंत्री को पहली बार फ्रांस का सर्वोच्च सैन्य नागरिक सम्मान प्रदान किया गया है।

प्रधानमंत्री ने भारत के लोगों की ओर से इस अद्वितीय सम्मान के लिए मैक्रोन को धन्यवाद दिया। पूर्व में, लीजन ऑफ ऑनर का ग्रैंड क्रॉस दुनिया भर के चुनिंदा नेताओं और प्रतिष्ठित हस्तियों को प्रदान किया गया है। इनमें दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, वेल्स के तत्कालीन राजकुमार एवं ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स, जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बुतरस बुतरस घाली समेत कई हस्तियां शामिल हैं।

फ्रांस द्वारा दिया गया यह सम्मान मोदी को विभिन्न देशों द्वारा दिए गए शीर्ष अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों और सम्मानों की श्रृंखला में एक और सम्मान है। इनमें जून 2023 में मिस्र द्वारा ऑर्डर ऑफ द नाइल, मई 2023 में पापुआ न्यू गिनी द्वारा कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू, मई 2023 में फिजी द्वारा कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी, मई 2023 में पलाऊ गणराज्य द्वारा एबाकल अवार्ड शामिल हैं।

वर्ष 2021 में भूटान द्वारा ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो, 2020 में अमरीकी सरकार द्वारा लीजन ऑफ मेरिट, 2019 में बहरीन द्वारा किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां, 2019 में मालदीव द्वारा ऑर्डर ऑफ द डिस्टिंग्विश्ड रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन, 2019 में रूस द्वारा ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू’ पुरस्कार, 2019 में यूएई द्वारा ऑर्डर ऑफ जायद अवॉर्ड, 2018 में ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन अवॉर्ड, 2016 में अफगानिस्तान द्वारा स्टेट ऑर्डर ऑफ गाजी अमीर अमानुल्लाह खान और 2016 में सउदी अरब द्वारा ऑर्डर ऑफ अब्दुलअजीज अल सऊद शामिल हैं।

मोहर्रम की तैयारियों को लेकर बैठक, कायड़ विश्राम स्थली पर रहेगी व्यवस्थाएं

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अजमेर। कलक्टर डॉ. भारती दीक्षित ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि आगामी दिनों में आयोजित होने वाले मोहर्रम से पूर्व तैयारियां पूरी कर लें। पानी, बिजली, सफाई, सड़क सुरक्षा एवं अन्य व्यवस्थाएं चाकचौबंद की जाए। आगामी दिनों में जिला स्तरीय अधिकारियों का दौरा कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की जाएगी। पुलिस भी 24 घण्टे मुस्तैद रहकर सुरक्षा एवं अन्य व्यवस्थाओं पर नजर रखेगी।

कलक्टर डॉ. भारती दीक्षित ने गुरूवार को बैठक में मोहर्रम की तैयारी पर पूर्व आयोजित बैठकों के निर्देशों पर की गई प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अजमेर विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम को निर्देश दिए कि कायड़ विश्राम स्थली एवं दरगाह क्षेत्र में सफाई एवं अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। चांद रात से ही चौकी धुलाई, ताजिया जुलूस, फरीद बाबा का चिल्ला खुलने, अलम का जुलूस, हाईदौस एवं बयान शहादत जैसे कार्यक्रम में सभी विभाग अपने से संबंधित कार्यवाही को पूरी गम्भीरता से अमल में लाए।

उन्होंने मेला क्षेत्र में प्रशासनिक कैम्प और नियंत्रण कक्ष स्थापित कर व्यवस्थाओं को नियंत्रित करने के निर्देश दिए। अजमेर विकास प्राधिकरण व नगर निगम को सिवर लाइन सफाई, बेसहारा पशुओं की रोकथाम, वैरिकेटिंग, सफाई एवं निर्माण कायोर्ं पर रोकथाम के निर्देश दिए। दुकान से बाहर भट्टिया तथा अन्य सामग्री रखने वालों को समझाइश की जाएगी। समझाइश नहीं से नहीं मानने वालों का सामान जब्त कर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

उन्होंने जलदाय विभाग को निर्देश दिए कि मेला क्षेत्र में पर्याप्त जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए। मोहर्रम की समस्त रस्मों के दौरान दरगाह क्षेत्र में प्रतिदिन दो बार जलापूर्ति होनी चाहिए। समस्त हैण्डपम्पों की मरम्मत की जाए। समस्त लीकेज ठीक हो तथा ताजीया मार्ग पर लीकेज खत्म करने के लिए अलग दल का गठन किया जाए। दरगाह क्षेत्र में पूरे प्रेशर से सप्लाई होनी चाहिए। जुम्मे की नमाज के दिन अतिरिक्त सप्लाई दी जाए।

बिजली, टेलिफोन तथा केवल के झूलते तारों को टाटा पॉवर सही करें एवं आपूर्ति को सुचारू रखा जाए। टाटा पावर द्वारा समस्त प्रकार की तारे उपर की जाएगी। क्षेत्र के दुकानदार व्यापारियों से आग्रह किया गया कि वे प्रशासन दुवारा बनवाईजाने वाली सफेद लाइन से आगे अपनी दुकानों का सामान नहीं रखें। चिकित्सा विभाग को मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं फोगिंग के निर्देश दिए गए।

चिकित्सा विभाग द्वारा 9 स्थाई डिस्पेन्सरी लगाई जाएगी तथा 2 एम्बुलेंस भी लगाई जाएगी। रसद एवं चिकित्सा विभाग को खाने पीने की वस्तुओं एवं बर्फ की लगातार जांच कर सैंपल लेने के लिए निर्देशित किया गया। भारतीय रेलवे द्वारा 9 रेलगाड़ी चलाई जाएगी साथ ही अतिरिक्त बुकिंग काउंटर भी खोले जाएंगे। कूली दर निर्धारित की जाएगी। इसके साथ ही परिवहन विभाग द्वारा ऑटो रिक्शा की दरे निर्धारित कर चस्पा करवाई जाएगी।

पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट ने यातायात विभाग को निर्देश दिए कि ओवरलोड यात्री वाहनों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। इसके अलावा मेले में प्रतिबंधित इलाकों में वाहनों के प्रवेश पर भी नजर रखी जाए। पुलिस अधिकारी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम करेंगे। रोडवेज द्वारा पर्याप्त बसों की व्यवस्था की जाएगी। दरगाह कमेटी को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए।

इस अवसर पर नगर निगम की महापौर, नगर निगम के आयुक्त सुशील कुमार, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ललित गोयल, प्रशिक्षु आईएएस श्रद्धा गोमे, अतिरिक्त कलक्टर देविका तोमर, जिला रसद अधिकारी विनय कुमार शर्मा, अंजुमन अध्यक्ष गुलाम किबरिया, सदस्य मुनव्वर चिश्ती, यादगार अंजुमन के अध्यक्ष मोहम्मद सुब्हान चिश्ती, अन्दर कोट पंचायत के कार्यवाहक अध्यक्ष मुख्तार बख्श, सचिव निसार मोहम्मद, दरगाह कमेटी के सहायक नाजिम डॉ. मोहम्मद आदिल, मोहम्मद शादाब, अंजुमन उपाध्यक्ष सैयद कलीमुद्दीन चिश्ती, एसएम अकबर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

अब सामान्य श्रेणी कोच के यात्रियों को भी किफायती भोजन उपलब्ध हो सकेगा

अजमेर मण्डल मे अजमेर, आबूरोड व उदयपुर स्टेशनों पर सुविधा शुरू
अजमेर। रेलवे बोर्ड और उत्तर पश्चिम रेलवे मुख्यालय के आदेशो के अंतर्गत सामान्य श्रेणी के डिब्बों के यात्रियों को किफायती भोजन (इकोनोमी मील) आसानी से उपलब्ध कराने हेतु अजमेर मण्डल के अजमेर, आबूरोड व उदयपुर स्टेशनों पर व्यवस्था की गई है।

इस व्यवस्था के अंतर्गत इन स्टेशनों के प्लेटफॉर्म 1 पर गाड़ी के सामान्य श्रेणी कोचों के रुकने के स्थान को चिन्हित कर वहां काउन्टर/स्टॉल की स्थापना की गई है ताकि इस श्रेणी के रेल यात्रियों को किफायती भोजन (इकोनोमी मील) आसानी से उपलब्ध हो सके। अजमेर स्टेशन पर मदार स्टेशन छोर तथा दौराई स्टेशन छोर की ओर प्लेटफार्म नंबर एक पर जहां गाड़ी के सामान्य श्रेणी कोच आकर रुकते है वहां इकोनामी मिल स्टॉल स्थापित की गई है।

इसी प्रकार आबू रोड स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर एक पर अहमदाबाद छोर तथा अजमेर छोर पर जहां गाड़ी के सामान्य कोच रुकते हैं वहां इकोनामी मील के लिए स्टॉल लगाई गई है। इसी प्रकार उदयपुर स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर एक पर राणा प्रताप नगर छोर तथा हिम्मतनगर छोर पर जहां गाड़ी के सामान्य श्रेणी के कोच रुकते हैं वहां इकोनामी मिल स्टॉल स्थापित की गई है।

वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक सुनील कुमार महला के अनुसार लंबी दूरी में सफर कर रहे सामान्य श्रेणी कोच के यात्रियों की परेशानी को देखते हुए रेलवे प्रशासन द्वारा सामान्य श्रेणी कोच के सामने ही सस्ता खाना (इकोनोमी मील) उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है ताकि भीड़ भाड़ की स्थिति मे सामान्य श्रेणी के यात्री आसानी से खाना ले सके। इससे यात्रियों को गाड़ी छूटने का भय नहीं रहेगा, प्लेटफॉर्म पर खाना लेने की वजह से हड़बड़ाहट मे ट्रेन मे चढ़ते व उतरते समय होने वाली रेल दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा।

रेलवे बोर्ड द्वारा हाल ही मे सामान्य श्रेणी के कोचों के यात्रियों के किफायती भोजन की पर्याप्त सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दृष्टि से समीक्षा की गई और यह निर्णय लिया गया की जनरल कोचों में किफायती भोजन की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्टेशन के प्लेटफॉर्म जहां ट्रेन के सामान्य कोच के डिब्बे आकार रुके वहां किफायती खाना (इकोनोमी मील) के काउंटर लगाए जाए।

काउंटरों का उपयोग अधिकृत प्लेटफ़ॉर्म विक्रेताओं द्वारा किया जाएगा जिन्हें प्लेटफ़ॉर्म वेंडिंग की मौजूदा नीति के तहत इकोनॉमी भोजन बिक्री के लिए अनुमति दी गई है। फिलहाल यह योजना 6 महीने की अवधि के लिए प्रयोगात्मक आधार पर लागू की गई है जिसे सफल होने पर आगे बढ़ाया भी जा सकता है।

पीसीसी में राजस्थान के ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों की कार्यशाला संपन्न

अजमेर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की और से गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय इंदिरा गांधी भवन जयपुर में राजस्थान के नवनिर्वाचित ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें अजमेर उत्तर के ब्लॉक अध्यक्ष शैलेंद्र अग्रवाल व वाहिद मोहमद तथा अजमेर दक्षिण के ब्लॉक अध्यक्ष निर्मल बैरवाल व पवन ओड भी शामिल हुए।

इस कार्यशाला में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी वीसी के जरिए शामिल हुए तथा ब्लॉक अध्यक्षों को संबोधित किया। राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, एआईसीसी महासचिव मोहन प्रकाश, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, सह प्रभारी अमृता धवन व वीरेंद्र सिंह राठौड़, पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी व पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने ब्लॉक अध्यक्षों को संबोधित किया।

इन नेताओं ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव तक अपना संपूर्ण समय कांग्रेस पार्टी को देना है तथा आमजन के बीच जाकर कांग्रेस पार्टी की रीति निति व राजस्थान सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार कर वास्तविक जरूरतमंद लोगों को लाभ पहुंचाना है। वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस संगठन में ब्लॉक अध्यक्ष पद सबसे महत्वपूर्ण व जिम्मेदारी वाला पद होता है क्योंकि वो आमजन, कांग्रेस कार्यकर्ताओ व संगठन के नेताओं के मध्य महत्वपूर्ण कड़ी होता है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उपस्थित ब्लॉक अध्यक्षों को आगामी चुनाव व संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए कई कार्य योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। कार्यशाला का संचालन प्रदेश कांग्रेस के संगठन महामन्त्री ललित तूनवाल ने किया।

अजमेर से गए चारों ब्लॉक अध्यक्षों ने रंधावा, डोटासरा, मोहन प्रकाश, पायलट, राठौड़, अमृता धवन, चौधरी व कल्ला का तिरंगा दुपट्टा व सूत की माला पहनाकर स्वागत किया। कार्यशाला संपन्न होने के पश्चात चारों ब्लॉक अध्यक्षों ने आरटीडीसी चेयरमेन धर्मेंद्र राठौड़ व कांग्रेस सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष हेमसिंह शेखावत से मुलाकात की तथा दुपट्टा व सूत की माला पहनाकर उनका भी स्वागत किया।