मथुरा। जन्माष्टमी के पावन पर्व पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मन्दिरों में नंदगोपाल का अभिषेक देखने के लिए दूर दराज से आए कृष्णभक्तों का सैलाब जन्मस्थान परिसर के साथ साथ समूचे ब्रज में उमड़ पड़ा।
वृन्दावन के बांकेबिहारी मन्दिर में मंगला आरती के दर्शन करने के लिए दोपहर से ही कतारें लंबी होने लगी थीं। प्रशासन ने मन्दिर के सेवायत आचार्यों समेत 500 लोगों को ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर दर्शन करने की अनुमति दी है।
मन्दिर के सेवायत आचार्य ज्ञानेन्द्र गोस्वामी ने जिला प्रशासन के कम संख्या में दर्शन देने की अनुमति को सही ठहराया वहीं यह भी कहा है कि अच्छा होता प्रशासन मन्दिर के सेवायतों को उनके कुछ शिष्यों के साथ मन्दिर के अन्दर जाने की अनुमति दे देता।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि भागवत भवन मन्दिर में ठाकुर के श्रीचरणों में चन्द्रयान-3 और रोवर का कट आउट रखकर ठाकुर से प्रार्थना की गई है कि वह इसरो के वैज्ञानिकों को वह शक्ति दे कि वे सूर्य पर जाने के मिशन में भी उसी प्रकार पहले सफल हो जिस प्रकार चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जाने के मिशन को उन्होंने सबसे पहले पूरा कर विश्व रिकार्ड बनाया है।
उन्होंने बताया कि जिस भव्य पुष्प बंगले में मन्दिर के श्रीविगृह स्थापित किए गए उसका नाम इसरो के प्रमुख वैज्ञानिक एस सोमनाथ के नाम रखा गया है तथा ठाकुर की पोशाक का नाम प्रज्ञान प्रभास रखा गया है। उन्होंने बताया कि कई कुंतल प्रसाद सामग्री होने के कारण अभिषेक की सामग्री को अभिषेक स्थल पर शुचिता के साथ भेजा गया।
पुलिस अधीक्षक नगर एमपी सिंह के अनुसार श्रीकृष्ण जन्मस्थान में अभिषेक देखने के लिए लोगों को लाइन में खडा़ किया गया तथा वही लोग अभिषेक का दर्शन कर सके जो उस समय गर्भगृह के सामने से गुजरें। राजा ठाकुर मन्दिर के सेवायत आचार्य भीखू जी महराज के अनुसार गोकुल में आज आधी रात बाद कान्हा के आगमन को लेकर गोकुल को नई नवेली दुल्हन की तरह सजाया गया। यहां शुक्रवार को दधिकाना होगा।
उधर, वृन्दावन के जिन चार मन्दिरों में गुरुवार सुबह अभिषेक किया गया था उन्हें छोड़कर वृन्दावन के बाकी मन्दिरों, मथुरा के मन्दिरों, गोवर्धन और नन्दगांव के मन्दिरों में अभिषेक के दर्शन के लिए मन्दिरों के सामने श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा। कुल मिलाकर समूची ब्रजभूमि कृष्णमय हो गई।