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अरविंद केजरीवाल दोहरे चरित्र वाला व्यक्ति : सीपी जोशी

जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर दिए गए बयान ’अनपढ लोग आज देश चला रहें हैं’ पर पलटवार करते हुए उन्हें दोहरे चरित्र वाला महाभ्रष्ट व्यक्ति बताया है।

जोशी ने अपने बयान में कहा कि केजरीवाल को देश के प्रधानमंत्री के लिए इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उन्हें अपने पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा केजरीवाल के शासन में दिल्ली की जो बदतर स्थिति हुई है वह जनता से छुपी नहीं है। दिल्ली में बड़ा शराब कांड हुआ, चिकित्सा और शिक्षा व्यवस्था, मौलवियों को वेतन दिया जा रहा है, इनके अनेक मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की हवा खा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि केजरीवालजी अपना चेहरा आईने में देखिए आपने किस प्रकार दिल्ली की जनता को लूटने और गुमराह करने का काम और खुद के लिए शीशमहल बनाने का काम किया है, यह दोहरे चरित्र वाला चेहरा अब दुनिया के सामने है।

जोशी ने कहा जब भी राष्ट्रहित में कोई फैसला लिया जाता है तो केजरीवाल की पार्टी देश के खिलाफ खड़ी नजर आती है, चाहे राम मंदिर हो, धारा 370 हो, चाहे तीन तलाक हो। ये वही लोग है जो देश में शांति नही बल्कि आग लगाना चाहते हैं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में देश में जो बदलाव नौ सालों में आया है उसे देश की जनता ने न सिर्फ देखा बल्कि महसूस भी किया है, दुनिया में भारत का वैभव बढ़ा है।

हिमाचल सहित उत्तर भारत में भूकंप के झटके, 5.4 थी तीव्रता

शिमला। हिमाचल प्रदेश सहित उत्तर भारत में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इस बार भी केंद्र जम्मू-कश्मीर ही रहा है। लेकिन यह झटके पांच दिन पहले आए भूकंप से कम थे। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.4 मापी गई।

प्रभावित इलाकों में झटकों के बाद एक बार फिर लोगों में अफरातफरी मची और लोग अपने घरों से बाहर आ गए। इस बार इन झटकों का केंद्र मां वैष्णो देवी मंदिर के पास कटड़ा में रहा। नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी इंडिया के अनुसार यह भूकंप रविवार तड़के 3.50 बजे आया।

रिक्टर स्केल पर इसका कंपन 4.1 मेग्नीट्यूड था। इसका केंद्र कटड़ा से 80 किमी पूर्व धरती में 11 किमी नीचे लेटीट्यूड 42.96 और लांगीट्यूड 75.79 था। जिसका असर जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ पंजाब, हिमाचल और चंडीगढ़ में भी महसूस किया गया।

गत मंगलवार को ही जम्मू-कश्मीर के डोडा में 1ः33 बजे 5.4 तीव्रता का भूकंप आया था। दिल्ली के अलावा पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।

भूकंप विशेषज्ञों का कहना है कि बीते कुछ समय से धरती के नीचे प्लेट्स में हलचल के कारण भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। जब एक बार प्लेट्स अपनी स्थिति बदलती हैं तो बार-बार भूकंप आना स्वाभाविक है।

तीन महीने पहले 21 मार्च को दिल्ली-एनसीआर में रात करीब सवा दस बजे 6.6 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके झटके पंजाब, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, बिहार में भी महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के फैजाबाद से 133 किमी दक्षिण-पूर्व में रहा। भूकंप का केंद्र जमीन से 156 किमी. की गहराई में था।

पुलिस और एजेंसियों ने धोखाधड़ी के मामले में चार लोग अरेस्ट किए

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस, अमरीका की संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) और इंटरपोल के एक संयुक्त अभियान में 60 लाख रुपए से अधिक की धोखाधड़ी के आरोप में चार लोगों को देश के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया है।

विशेष प्रकोष्ठ, दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त एचजीएस धालीवाल के अनुसार इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) को एफबीआई से इंटरपोल के जरिए कॉल सेंटर चलाने वाले कुछ अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों के बारे में सूचना मिली थी, जो कि स्वयं को यूएस इंटरनल रेवेन्यू सर्विस, सामाजिक सुरक्षा प्रशासन, औषधि प्रवर्तन प्रशासन और अन्य अमेरिकी एजेंसियों का कर्मचारी बता रहे थे।

इन षड्यंत्रकारियों को भारत, अमरीका और युगांडा में स्थित सह-षड्यंत्रकारियों द्वारा मदद और सहायता दी जा रही थी। आरोपियों ने युगांडा में संचालित कॉल सेंटरों के जरिए लोगों से 60 लाख रुपये से अधिक की ठगी की थी। इनके खिलाफ विशेष सेल पुलिस थाना में मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है।

उन्होंने बताया कि समन्वित कार्रवाई के तहत एफबीआई ने 50 से अधिक पीड़ितों से बातचीत की और 20 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के साक्ष्य भी एकत्र किए। इन साक्ष्यों को अदालत में पेश किया जाएगा। धालीवाल ने कहा कि अब तक आईएफएसओ द्वारा वीडियो कॉलिंग के जरिए अमेरिका के दो पीड़ितों की भी जांच की गई है।

उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान पार्थ अरमरकर उर्फ उत्तम ढिल्लों (28), युगांडा में चल रहे कॉल सेंटर के टीम लीडर वत्सल मेहता (29), कथित रूप से क्राइम सिंडिकेट हेड, दीपक अरोड़ा (45) और प्रशांत कुमार (45) के रूप में हुई है।

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में ‘द रैशनलिस्ट मर्डर्स’ पुस्तक का प्रकाशन

पणजी। डॉ. नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पानसरे, एम्.एम्. कलबुर्गी एवं गौरी लंकेश सरीखे नास्तिकवादियों तथा शहरी नक्सलवाद से संबंधितों की हत्याओं की छानबीन में राजनीति शुरू है। ठोस प्रमाण न होते हुए भी हिन्दुत्वनिष्ठों को आरोपी बनाकर कारागृह में डाल दिया गया। उनपर आरोपपत्र भी दाखिल किए गए। तत्पश्चात जांचयंत्रणा ने ही हत्या के पीछे बंदी बनाए गए आरोपियों के स्थान पर नए आरोपी होने का दावा किया। कुल मिलाकर इन सभी प्रकरणों में सतत आरोपी बदलना, शस्त्र बदलना, जैसी गैरकानूनी बातें हुईं।

गौरी लंकेश की हत्या करने वाले ने हेल्मेट पहनकर रात के अंधेरे में हत्या की थी, तब भी संशयितों के अनेक छायाचित्र खींचे गए। अब प्रश्न यह है कि पुलिस को हेल्मेट के अंदर का चेहरा कैसे दिखाई दिया? डॉ. दाभोलकर अभियोग में टुकडे-टुकडे कर समुद्र में फेंकी गई पिस्तौल ढूंढ निकालने का दावा किया गया, परंतु समुद्र से वह उन्हें अखंड स्थिति में कैसे मिली। गहरे समुद्र में उस पिस्तौल को किसने जोडा? कुल मिलाकर यह हत्या किसने और क्यों की, इसकी जांच यंत्रणाओं ने कभी भी प्रामाणिकता से छानबीन की ही नहीं। केवल यही देखा गया कि इन हत्याओं का राजकीय लाभ के लिए कैसे उपयोग होगा, ऐसा प्रतिपादन ‘द रैशनलिस्ट मर्डर्स’ नामक पुस्तक के लेखक डॉ. अमित थडानी ने किया।

वे वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में द रैशनलिस्ट मर्डर्स पुस्तक के प्रकाशन के समय बोल रहे थे। इस अवसर पर व्यासपीठ पर हिन्दू विधिज्ञ परिषद के संस्थापक सदस्य अधिवक्ता (पू.) सुरेश कुलकर्णी, हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर एवं अधिवक्ता पी. कृष्णमूर्ती भी उपस्थित थे।

इस प्रसंग में अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर बोले कि नास्तिकतावादियों की हत्या के उपरांत हिन्दुत्वनिष्ठों को आतंकवादी ठहराया जाता है, परंतु साम्यवादियों ने कितने लोगों को मारा है यह प्रश्न क्यों नहीं पूछा जाता? साम्यवादियों ने जगभर में 10 करोड लोगों की हत्या की हैं और नक्सलवादियों ने 14 हजार से भी अधिक हत्याएं की हैं। नक्सलवादी ही साम्यवादी हैं और साम्यवादी ही नक्सलवादी हैं; परंतु यह कोई बताता नहीं। यही वैचारिक आतंकवाद है। इसलिए वैचारिक आतंकवाद के विरोध में प्रत्येक को प्रश्न पूछने का साहस दिखाना चाहिए।

अधिवक्ता पी. कृष्णमूर्ती बोले कि मैं पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) नामक जिहादी संगठन के विरोध में अभियोग लड रहा हूं। इसलिए मुझे धमकियां दी गईं। इतना ही नहीं तो मुझ पर प्राणघातक आक्रमण भी हुए परंतु श्रीकृष्ण का स्मरण करने से उससे मेरी रक्षा हुई। इसलिए समाज के हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ताओं को जब भी समय मिले, तब नामस्मरण करना चाहिए। इस प्रसंग में अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने धर्म के लिए बलिदान देने वालों को भुला न देने का आवाहन किया।

इस अधिवेशन का सीधा प्रक्षेपण हिन्दू जनजागृति समिति के जालस्थल HinduJagruti.org द्वारा, इसके साथ ही HinduJagruti नामक यु-ट्यूब चैनल द्वारा भी किया जा रहा है।

मुरैना में प्रेमी जोड़े की हत्या कर शव चंबल नदी में बहाया, शवों की तलाश जारी

मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में एक प्रेमी-प्रेमिका के घर से भाग जाने से गुस्साए लड़की के परिजनों ने दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी और फिर शवों को चंबल नदी में बहा दिया। मामले के खुलासे के बाद पुलिस ने चंबल नदी में शवों को ढूंढने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है।

पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान ने ऑनर किलिंग मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि लड़की के परिवार वालों ने ही दोनों की हत्या करना स्वीकार करने के बाद चंबल में शवों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया है।

अंबाह थाना क्षेत्र के रतनबसई गांव निवासी राजपाल सिंह तोमर की पुत्री शिवानी तोमर और पड़ोसी गांव बालूपुरा के लाखन सिंह तोमर के पुत्र राधेश्याम के बीच काफी समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। लेकिन दोनों के परिवार वाले इसके विरोध में थे। इस बीच तीन जून से प्रेमी और प्रेमिका दोनों गायब थे।

इसके बाद राधेश्याम (प्रेमी युवक) के परिवार ने आरोप लगाया कि लड़की के परिवार वालों द्वारा दोनों की हत्या कर दी गई है। इसके बाद पुलिस ने लड़की पक्ष के लोगों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो लड़की के पिता राजपाल सिंह तोमर ने पूरा राज खोल दिया। उसने बताया कि परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर शिवानी और राधेश्याम तोमर की तीन जून को गोली मारकर हत्या कर रात के समय दोनों के शवों को चंबल नदी के होलाघट में बहा दिया।

बताया गया है कि राधेश्याम का परिवार बीते 10 दिन से अंबाह थाने से लेकर पुलिस अधीक्षक(एसपी) ऑफिस में गुहार लगा रहा था कि दोनों को लड़की पक्ष के लोगों ने मारकर उनके शवों को नष्ट कर दिया है। लेकिन अंबाह पुलिस दोनों के घर से भाग जाने की बात कहकर हत्या की बात को सिरे से खारिज करती आ रही थी। राधेश्याम और शिवानी करीब 20 दिन पहले भी घर से भाग गए थे, इसलिए अंबाह थाना प्रभारी ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को भी यही रिपोर्ट दी कि लड़की और लड़का फिर घर से भागे हैं।

पुलिस ने दोनों की गुमशुदगी का केस दर्ज किया था, लेकिन दोनाें को गांव से बाहर जाते किसी ने नहीं देखा। हालांकि बाद में शक होने पर पुलिस ने लड़की पक्ष के लोगाें से सख्ती से पूछताछ की तो पूरा खुलासा हो गया। इस मामले में अम्बाह अनुभाग के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) परमाल सिंह मेहरा का कहना है कि लड़की के पिता ने पूछताछ में बताया है कि तीन जून को ही राधेश्याम और शिवानी को गोली मारी फिर उनकी लाशें नदी में फेंकी है।
एसडीआरएफ की टीम और गोताखोर चंबल नदी में शव तलाश रहे हैं। जब तक शव नहीं मिल जाते तब तक हत्या की बात को पूरी तरह से पुष्टि नहीं की जा सकती है।

आईसीसी आचार-संहिता के उल्लंघन के लिए मोईन अली पर लगा जुर्माना

बर्मिंघम। इंग्लैंड के हरफनमौला खिलाड़ी मोईन अली को ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध पहले टेस्ट के दौरान आईसीसी की आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाए जाने के कारण उनपर मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने रविवार को यह जानकारी दी।

मोईन अली को खिलाड़ियों और खिलाड़ी सहयोगी कर्मियों के लिए आईसीसी की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.20 का उल्लंघन करते पाया गया। यह अनुच्छेद खेल भावना के विपरीत आचरण प्रदर्शित करने से संबंधित है।

आईसीसी आचार संहिता के स्तर एक के उल्लंघन के लिये मोईन के अनुशासनात्मक रिकॉर्ड में एक डिमेरिट अंक जोड़ा गया है। पिछले 24 महीनों में यह इंग्लैंड के हरफनमौला खिलाड़ी का पहला अपराध था।

यह घटना एजबेस्टन में ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के 89वें ओवर के दौरान हुई जब बाउंड्री के पास फील्डिंग के लिए खड़े मोईन अपनी उंगली पर मरहम लगाते हुए नज़र आए। मोईन ने अपना अपराध मानते हुए मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट द्वारा प्रस्तावित सजा को स्वीकार कर लिया।

आईसीसी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार पाइक्रोफ्ट इस बात से संतुष्ट थे कि मोईन ने वह क्रीम सिर्फ अपना हाथ सुखाने के लिए लगाई थी। वह क्रीम गेंद पर मलने के लिए हाथ में नहीं ली गई थी, इसलिए मोईन पर आईसीसी आचार संहिता के अनुच्छेद 41.3 (अनुचित खेल, गेंद के साथ छेड़छाड़) के उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया।

मैदानी अंपायर अहसान रजा और मराइस इरास्मस, तीसरे अंपायर क्रिस गैफनी और चौथे अंपायर माइक बर्न्स ने मोईन पर यह आरोप लगाया। स्तर एक के उल्लंघन पर कम से कम आधिकारिक फटकार, खिलाड़ी की मैच फीस का अधिकतम 50 फीसदी जुर्माना और एक या दो डिमेरिट अंक का प्रावधान है।

‘आदिपुरुष’ फिल्म के संवादों में बदलाव

नई दिल्ली। ‘आदिपुरुष’ फिल्म के निर्माताओं फिल्म ने रविवार को घोषणा किया कि जनता और दर्शकों की राय को ध्यान में रखते हुए फिल्म के कुछ संवादों में बदलाव करने का निर्णय लिया गया है।

फिल्म की टीम ने एक वक्तव्य में कहा कि निर्माता कुछ संवादों में बदलाव करने पर विचार कर रहे हैं, जिससे फिल्म का मूल सार बना रहे और अगले कुछ दिनों में सिनेमाघरों में भी ऐसा ही दिखाई देगा। यह निर्णय इस बात का प्रमाण है कि बॉक्स ऑफिस पर अबाध कमाई करने के बावजूद, टीम अपने दर्शकों के लिए प्रतिबद्ध है और कुछ भी दर्शकों की भावनाओं और सामाजिक सद्भाव से परे नहीं है।

इस फिल्म ने अपनी रिलीज के पहले ही दिन बंपर कमाई की और यह कमाई लगातार जारी है और इसने वैश्विक रूप से दो दिनों में कुल 240 करोड़ रुपए की कमाई की है। ‘आदिपुरुष’ फिल्म का निर्देशन ओम राउत ने किया है। इस फिल्म में प्रभास ने राम, कृति सेनन ने सीता, सैफ अली खान ने रावण और देवदत्त नागा ने हनुमान की भूमिका निभाई है।

उद्धव ठाकरे गुट के शिशिर शिंदे ने पार्टी से इस्तीफा दिया

मुंबई। शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) को रविवार को उस समय बड़ा झटका लगा जब पार्टी के उपनेता शिशिर शिंदे ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

शिंदे ने अपने पत्र में इस्तीफे का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें पार्टी में काम करने का अवसर नहीं मिलने का मलाल है और न हीं पिछले चार साल तक कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई और फिर उन्हें एक अलंकारिक पद दे दिया गया। उन्होंने यह भी कहा है कि उनके किसी भी कृत्य से शिवसेना की बदनामी नहीं हुई है।

गौरतलब है कि राज ठाकरे के शिवसेना छोड़ने के बाद शिंदे ने उनका समर्थन किया और शिवसेना छोड़ दी लेकिन बाद में फिर से शिवसेना में शामिल हो गए। एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद वह शिवसेना(यूबीटी) के उपनेता बने। वह 2009 में भांडुप विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे लेकिन उसके बाद 2014 में हुए चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

पौलैंड में एलजीबीटी के अधिकार को लेकर हजारों लोगों ने निकाला जुलूस

वारसॉ। पोलैंड में चुनावों से पहले एलजीबीटी (लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर / ट्रांससेक्सुअल, क्वीर और पैनसेक्सुआ) लोगों के लिए समानता की मांग को लेकर वारसॉ की प्राइड परेड में हजारों लोगों ने मार्च किया।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक एलजीबीटी लोगों के लिए समानता की मांग को लेकर शनिवार को वारसॉ की प्राइड परेड में हजारों लोगों ने मार्च किया। पोलैंड की दक्षिणपंथी सरकार (जो फिर से चुनाव की मांग कर रही है) ने पिछले चुनावों में एलजीबीटी विचारधारा का विरोध करने पर ध्यान केंद्रित किया था।

वारसॉ के मेयर ने कहा कि एलजीबीटीक्यू समुदाय हमेशा सुरक्षित रहेगा। लिबरल विपक्षी पार्टी के रफ़ाल ट्रेज़ाकोवस्की ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आप सभी पोलैंड में सुरक्षित होंगे। उन्होंने मार्च से पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम दिखाना चाहते हैं कि आज विविधता, अल्पसंख्यक अधिकारों का मतलब यूरोप है जो खुला है, यूरोप जो सहिष्णु है।

पोलैंड में समान-लिंग संबंधों को कानूनी रूप से मान्यता नहीं दी गई है। पोलैंड ने और देश पहले से ही समान-लिंग वाले जोड़ों को बच्चों को गोद लेने से प्रतिबंधित कर दिया है। ऐसे सरकार को ट्रांसजेंडर लोगों का भी सामना करना पड़ता है जो अपने संक्रमण को औपचारिक रूप देना चाहते हैं।

पोलैंड की सत्तारूढ़ रूढ़िवादी राष्ट्रवादी लॉ एंड जस्टिस पार्टी (पीआईएस) का कहना है कि समलैंगिक जोड़ों के लिए विवाह और गोद लेने का विस्तार पारंपरिक पारिवारिक संरचनाओं को खतरे में डालता है और बच्चों के लिए हानिकारक है। प्रदर्शनकारियों को आशंका है कि इस साल अक्टूबर या नवंबर में होने वाले चुनावों के दौरान कैथोलिक बहुल देश में रूढ़िवादी मतदाताओं को लामबंद करने के लिए पार्टी द्वारा इन मुद्दों का इस्तेमाल किया जाएगा।

जुलूस में शामिल होने वाले पोलैंड में अमरीका के राजदूत मार्क ब्रेज़िंस्की और पेरिस के मेयर ऐनी हिडाल्गो भी थे। हिडाल्गो ने कहा कि हम लोगों को प्रभावित नहीं होने देंगे जो महिलाओं के अधिकारों, अल्पसंख्यक अधिकारों, एलजीबीटी अधिकारों और आज, मैं आपसे कहना चाहता हूं कि पेरिस में वारसॉ की तरह ही हम भी पूरी तरह से एकजुट हैं और ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों के लिए आपके साथ जुड़े हुए हैं।

बिपरजॉय तूफान के असर से राजस्थान के एक दर्जन जिलों में अच्छी वर्षा

जयपुर। बिपरजॉय तूफान के असर से राजस्थान के एक दर्जन जिलों में अच्छी बरसात हो चुकी है एवं अब तक बाड़मेर, जालोर, सिरोही, जोधपुर सहित आठ जिलों में असामान्य वर्षा रिकॉर्ड की गई और प्रदेश में अभी बरसात का दौर जारी है।

मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को प्रदेश के करौली, सवाईमाधोपुर एवं बारां जिले में अति भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई वहीं अजमेर, बासंवाड़ा एवं भरतपुर जिले में भारी बरसात होने की संभावना जताई गई हैं।

राज्य में पिछले दो-तीन दिन से वर्षा का दौर जारी है और बाड़मेर, सिरोही , जालोर, पाली, जोधपुर, गंगानगर सहित कई जिलों में भारी बरसात के बाद पिछले चौबीस घंटों में जोधपुर में 91 मिलीमीटर, बाडमेर में 47, बीकानेर में 30, उदयपुर में 20 एवं अजमेर में 11 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसी तरह अनय जिलों में भी बरसात हुई।

जल संसाधन विभाग के अनुसार भारी बरसात के कारण अब तक आठ जिलों बाड़मेर, जोधपुर, जालोर, नागौर, पाली, सिरोही एवं चुरु में असामान्य वर्षा हो चुकी है। इनमें बाड़मेर में सामान्य से 38.83 प्रतिशत, जालोर में 38.43, सिरोही में 21.26, गंगानगर में 17.21, जोधपुर में 16.91 एवं नागौर में 107.7 प्रतिशत अधिक बरसात हुई। इसी तरह बीकानेर, चित्तौड़गढ़, सीकर एवं उदयपुर में सामान्य से अधिक वर्षा हो चुकी है जबकि हनुमानगढ़ एवं राजसमंद में अब तक सामान्य वर्षा हुई है।

राज्य में अभी शेष 19 जिलों में बारिश की कमी है। हालांकि अभी मानसून आना बाकी हैं। राज्य में 17 जून तक औसत सामान्य वर्षा 2.205 मिलीमीटर की तुलना में 2.330 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है जो सामान्य से .57 प्रतिशत अधिक है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष इस दौरान 1.1 54 मिलीमीटर बारिश हुई।

इस बरसात के कारण राज्य के बांधों में पानी की आवक बढ़ गई और पिछले चौबीस घंटों में 3़ 82 एमक्यूएम पानी आया। राज्य के बांधों में 17 जून तक 556.539 एमक्यूएम पानी पहुंच गया। इसके पिछले दो दिनों के मुकाबले में इसमें .256 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस कारण इस वर्ष अब तक तीन बांध लबालब हो चुके हैं।