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सबके प्रयास से मिली चंद्रयान-3 को सफलता : मोदी

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि चंद्रयान-3 की सफलता देश की सामूहिक सफलता है और यह सफलता देश को सबके प्रयास से मिली है।

मोदी ने रविवार को आकाशवाणी से प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 104वीं कड़ी में कहा कि चंद्रयान तीन की सफलता ने देश का गौरव बढ़ाया है और इस इस सफलता ने उत्सव को कई गुना बढ़ा दिया है इसलिए अभियान की सफलता की जितनी प्रशंसा की जाए उतना कम है।

उन्होंने कहा कि मिशन चंद्रयान-3 नए भारत की पहचान बना है। हम चंद्रमा पर इसलिए पहुंच पाए, क्‍योंकि आज हमारे सपने बड़े हैं और हमारे प्रयास भी बड़े हैं। चंद्रयान-3 की सफलता में हमारे वैज्ञानिकों के साथ ही दूसरे क्षेत्रो की भी अहम भूमिका रही है।

मोदी ने शायराना अंदाज़ में कहा कि 23 अगस्‍त को भारत ने और भारत के चंद्रयान अभियान ने साबित कर दिया है कि संकल्‍प के कुछ सूरज चांद पर भी उगते हैं। मिशन चंद्रयान, नए भारत की उस स्प्रिट का प्रतीक बन गया है, जो हर हाल में जीतना चाहता है और हर हाल में जीतना जानता भी है। भारत का मिशन चंद्रयान, नारीशक्ति का भी जीवंत उदाहरण है।

इस पूरे मिशन में अनेकों महिला वैज्ञानिकों और इंजीनियर सीधे तौर पर जुड़ी रही हैं। उन्होंने अलग-अलग सिस्‍टम के प्रोजेक्‍ट डायरेक्‍टर, प्रोजेक्‍टर मैनेजर ऐसी कई अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं। भारत की बेटियां अब अनंत समझे जाने वाले अंतरिक्ष को भी चुनौती दे रही हैं।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान अपनी एक कविता भी सुनाई। उन्होंने कहा कि जब आज आपसे बात कर रहा हूं तो एक पुरानी मेरी कविता की कुछ पंक्तियां याद आ रही हैं..

आसमान में सिर उठाकर

घने बादलों को चीरकर

रोशनी का संकल्प ले

अभी तो सूरज उगा है।

दृढ़ निश्चय के साथ चलकर

हर मुश्किल को पार कर

घोर अंधेरे को मिटाने

अभी तो सूरज उगा है।

आसमान में सिर उठाकर

घने बादलों को चीरकर

अभी तो सूरज उगा है।

मोदी ने देश की सुंदरता और विविधता देखने के लिए लोगों से किया आह्वान

मुंबई के होटल गैलेक्सी में आग लगने से तीन की मौत

मुंबई। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के बीएमसी कार्यालय विमला गुप्ता रोड के पास होटल गैलेक्सी में रविवार दोपहर आग लगने से तीन लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए।

अग्निशमन के सूत्रों के अनुसार आग कमरा नंबर 103 और 203 की इलेक्ट्रिक वायरिंग में लगी थी। आग ग्राउंड फ्लोर सहित तीन ऊपरी मंजिल तक फ़ैल गई। अग्निशमन कर्मियों द्वारा आग पर काबू पा लिया गया है।

मोदी ने देश की सुंदरता और विविधता देखने के लिए लोगों से किया आह्वान

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि लोगों से आग्रह किया कि जब मौका मिले अपने देश की सुंदरता अपने देश की विविधता को ज़रूर देखने जाना चाहिए।

मोदी ने रविवार को आकाशवाणी से प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 104वीं कड़ी में कहा कि चीजों या स्थानों को साक्षात् खुद देखना, समझना और कुछ पल उनको जीना, एक अलग ही अनुभव देता है। कोई समंदर का कितना ही वर्णन कर दे लेकिन हम समंदर को देखे बिना उसकी विशालता महसूस नहीं कर सकते। कोई हिमालय का कितना ही बखान कर दे, लेकिन हम हिमालय को देखे बिना उसकी सुन्दरता का आकलन नहीं कर सकते इसलिए ही मैं अक्सर आप सभी से ये आग्रह करता हूं कि जब मौका मिले, हमें अपने देश की सुंदरता अपने देश की विविधता ज़रूर देखने जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अक्सर हम एक और बात भी देखते हैं हम भले ही दुनिया का कोना-कोना छान लें लेकिन अपने ही शहर या राज्य की कई बेहतरीन जगहों और चीजों से अनजान होते हैं। कई बार ऐसा होता है कि लोग अपने शहर के ही ऐतिहासिक स्थलों के बारे में ज्यादा नहीं जानते। ऐसा ही कुछ धनपाल जी के साथ हुआ। धनपाल, बेंगलूरु के परिवहन में ड्राइवर का काम करते थे। धनपाल पर्यटकों को शहर के अलग-अलग पर्यटन स्थलों पर ले जाया करते थे।

ऐसी ही एक बार पर किसी पर्यटक ने उनसे पूछ लिया, बेंगलूरु में टैंक को सेंकी टैंक क्यों कहा जाता है। उन्हें बहुत ही ख़राब लगा कि उन्हें इसका जवाब पता नहीं था। अपनी विरासत को जानने के इस जुनून में उन्हें अनेक पत्थर और शिलालेख मिले। इस काम में धनपाल का मन ऐसा रमा कि उन्होंने शिलालेखों से जुड़े विषय में डिप्लोमा भी कर लिया, हालांकि अब वे सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन बेंगलूरु के इतिहास खंगालने का उनका शौक अब भी बरक़रार है।

उन्होंने कहा कि मुझे ब्रायन डी खारप्रन के बारे में बताते हुए बेहद खुशी हो रही है। ये मेघालय के रहने वाले हैं और उनकी गुफाओं का अध्ययन में गज़ब की दिलचस्पी है। वर्ष 1990 में उन्होंने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक संगठन की स्थापना की और इसके जरिए मेघालय की अनजान गुफाओं के बारे में पता लगाना शुरू किया। देखते ही देखते उन्होंने अपनी टीम के साथ मेघालय की 1700 से ज्यादा गुफाओं की खोज कर डाली। भारत की सबसे लंबी और गहरी गुफाओं में से कुछ मेघालय में मौजूद हैं। मेरा यह आग्रह भी है कि आप मेघालय के गुफाओं में घूमने की योजना जरुर बनाएं।

त्योहारों पर ‘वोकल फॉर लोकल’ को महत्व जरुरी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि अब रक्षाबंधन जैसे त्योहार आ रहे हैं इसलिए इन त्योहारों के दौरान ‘वोकल फ़ॉर लोकल’ पर जोर दिया जाना चाहिए। आत्मनिर्भर भारत के लिए वोकल का लोकल आवश्यक है और इसका त्यौहार मनाते समय सभी को ध्यान रखना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अब त्योहारों का मौसम भी आ ही गया है। आप सभी को रक्षाबंधन की भी अग्रिम शुभकामनाएं। पर्व-उल्लास के समय हमें वोकल फ़ॉर लोकल’ के मंत्र को भी याद रखना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान हर देशवासी का अपना अभियान है और जब त्योहार का माहौल है तो हमें अपनी आस्था के स्थलों और उसके आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ तो रखना ही है। अगली बार आपसे फिर ‘मन की बात’ होगी, कुछ नए विषयों के साथ मिलेंगे कुछ नए प्रयासों की सफलता की जी-भर करके चर्चा करेंगे।

‘हर घर तिरंगा’ में बना रिकॉर्ड, मेरी माटी, मेरा देश’ भी होगा सफल

मोदी ने कहा है कि इस बार 15 अगस्त पर घर-घर तिरंगा अभियान में नया रिकॉर्ड बनाया है और पिछले साल की तुलना में दोगुना 10 करोड़ सेल्फीज़ सोशल मीडिया पर पोस्ट हुई हुई है।

मोदी ने कहा कि इस बार 15 अगस्त के दौरान देश ने ‘सबका प्रयास’ का सामर्थ्य देखा। सभी देशवासियों के प्रयास ने ‘हर घर तिरंगा अभियान’ को वास्तव में ‘हर मन तिरंगा अभियान’ बना दिया। अभियान के दौरान कई रिकॉर्ड भी बने।

देशवासियों ने करोड़ों की संख्या में तिरंगे खरीदे। डेढ़ लाख पोस्ट आफिस के जरिए करीब डेढ़ करोड़ तिरंगे बेचे गए। इससे हमारे कामगारों की, बुनकरों की, और खासकर महिलाओं की सैकड़ों करोड़ रुपए की आय भी हुई है। तिरंगे के साथ सेल्फीज़ पोस्ट करने में भी इस बार देशवासियों ने रिकॉर्ड बना दिया।

उन्होंने कहा कि पिछले साल 15 अगस्त तक करीब पांच करोड़ देशवासियों ने तिरंगे के साथ सेल्फीजपोड की थी। इस साल ये संख्या 10 करोड़ को भी पार कर गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय देश में ‘मेरी माटी, मेरा देश’ देशभक्ति की भावना को उजागर करने वाला अभियान जोरों पर है। सितंबर के महीने में देश के गाँव-गाँव में, हर घर से मिट्टी जमा करने का अभियान चलेगा। देश की पवित्र मिट्टी हजारों अमृत कलश में जमा की जाएगी। अक्टूबर के अंत में हजारों अमृत कलश यात्रा के साथ देश की राजधानी दिल्ली पहुंचेंगे। इस मिट्टी से ही दिल्ली में अमृत वाटिका का निर्माण होगा। मुझे विश्वास है, हर देशवासी का प्रयास, इस अभियान को भी सफल बनाएगा।

पश्चिम बंगाल में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, 7 की मौत, 7 घायल

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में उत्तर 24 परगना जिले के दत्तपुकुर में रविवार को एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होने से कम से कम सात लोगों की जलकर मौत हो गई तथा सात अन्य लोग बुरी तरह झुलस गए।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक विस्फोट सुबह करीब साढ़े दस बजे दत्तपुकुर थाना क्षेत्र के नीलगंज-मोशपोल के आवासीय इलाके में हुआ। विस्फोट से घर में आग लग गई। घटना में सात लोगों की मौत हो गई। वहीं बुरी तरह झुलसे लोगों को इलाज के लिए बरसात अस्पताल में भर्ती कराया गया। विस्फोट में आसपास के कई घरों को नुकसान पहुंचा है।

डॉक्टरों ने बताया कि जख्मी हुए लोगों को बरसात सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि छह लोगों के शवों को अस्पताल में लगाया था और बाद में इलाज के दौरान जख्मी हुए आठ लोगों में से एक की मौत हो गई।

गंभीर रूप से जख्मी हुए लोगों में से एक की पहचान शम्सुल हक के रूप में हुई है, जिसे गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती कराय गया है। बताया जा रहा है कि हक ने मकान किराए पर लिया था और वह दत्तपुकुर थाना क्षेत्र के घनी आबादी वाले नीलगंज मोशपोल इलाके में बिना लाइसेंस के चल रही पटाखा फैक्ट्री का मालिक है।

वहीं गैर आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस हादसे में आठ लोगों की मौत हुई है, जबकि पांच अन्य लोग झुलस गए हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक विस्फोट दत्तपुकुर थाना क्षेत्र के नीलगंज-मोशपोल के आवासीय इलाके में सुबह करीब साढ़े दस बजे बजे हुआ। इसके कारण दो मंजिला घर जमींदोज हो गया और आसपास के कुछ अन्य आवास क्षतिग्रस्त हो गए।

बताया जा रहा है कि घर का मालिक अज़ुइबुर रहमान गिरफ्तारी से बचने और स्थानीय लोगों के गुस्से से बचने के लिए तुरंत घटनास्थल से भाग गया। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने घने आवासीय इलाके में पटाखा फैक्ट्री को लेकर की गई शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया। सूत्रों ने बताया कि पटाखों से भरे सैकड़ों बोरों में चॉकलेट बम (एक प्रतिबंधित वस्तु) एक अन्य गोदाम में पाए गए हैं। राहत की बात यह है कि इस गोदाम में कोई हादसा नहीं हुआ।

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि विस्फोट से आग की लपटें नहीं उठीं, लेकिन पूरा इलाका घने काले धुएं से ढंक गया। उन्होंने कहा कि विस्फोट तब हुआ होगा, जब अवैध फैक्ट्री के कर्मचारी छत पर पटाखे सुखा रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकांश श्रमिक मुर्शिदाबाद जिले के थे।

इस घटना के बाद जब सैकड़ों स्थानीय लोग एकत्र हुए और अवैध पटाखा फैक्ट्री के के बारे में उनकी शिकायतों पर ध्यान न देने के लिए तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं और प्रशासन की कथित विफलता के खिलाफ आंदोलन शुरू किया, तो मौके पर पुलिस बल को भेजा गया।

मलबे के कंक्रीट से हेलमेट, रासायनिक बोतलें, मापने के उपकरण और विस्फोटक बरामद किए गए। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी नेता समिक भट्टाचार्य ने विस्फोट की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी से कराने की मांग की है।

मदुरै में ट्रेन कोच में आग हादसे के बाद अलर्ट हुआ रेलवे अजमेर मंडल

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अजमेर। तमिलनाडु के मदुरै में हाल ही में हुई रेल कोच में आगजनी की घटना के मद्देनजर रेलवे बोर्ड के निर्देश पर अजमेर मंडल पर आगजनी संबंधित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 15 दिन का विशेष संरक्षा अभियान चलाया जाएगा। वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी विजेंदर कुमार ने इस बारे में संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं।

मंडल के सभी स्टेशन अधीक्षक, स्टेशन मास्टर, यातायात निरीक्षक, संरक्षा सलाहकार, मुख्य लोको निरीक्षक, वरि खण्ड अभियन्ता रेलपथ (विद्युत, सिगनल, सवमा, कर्षण) आदि को अभियान के लिए सूचित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

मंडल रेल प्रबंधक राजीव धनखड़ ने इस अभियान को तत्काल प्रभाव से प्रारंभ किए जाने के आदेश देते हुए कहा है कि इस संरक्षा अभियान में मंडल के सभी अधिकारियो व पर्यवेक्षकों को सम्मिलित करते हुए ट्रेनों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी रुप से चलाया जाए।जिनमें इन बिन्दुओं पर विशेष जोर दिया जाना है –

1. यात्रियों द्वारा ट्रेनों में अनाधिकृत परिवहन ज्वलनशील विस्फोटक सामग्री जैसे गैस सिलेण्डर, पटाखे और अन्य वस्तुएं जिनकी अनुमति नहीं है, की गहनता से जांच की जाएगी। इनकी प्राइवेट पार्टियों द्वारा बुक कराई गई यात्री ट्रेनों व कोचों में भी की जाएगी।

2. पेन्ट्रीकार स्टाफ सहित सभी ऑनबोर्ड ठेकेदार स्टाफ को अग्निशमन यन्त्र के संचालन, प्रशिक्षण, ज्ञान एवं कौशल की जांच की भी पुनः जांच की जाएगी। इन स्टाफ को त्वरित कार्यवाही करने के लिए परामर्श दिया जाएगा ताकि किसी भी ऐसी दुर्घटना के प्रति सतर्क रहें जिसका परिणाम आग हो।

3. कोच, पावर कार और पेंट्रीकार की जांच कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई लटकता हुआ वायर या लूज वायर ना हो एवं कोई बिजली का फ्यूज बायपास नहीं किया गया हो।

4. सभी कोचों एवं उनके शौचालयों मे धूप्रपान निषेध चिन्ह का प्रमुखता से डिस्प्ले किए जाने के निर्देश दिए हैं।

5. फायर डिटेक्शन एवं सपरेशन सिस्टम तथा स्मोक एवं फायर अलार्म सिस्टम के उचित प्रकार से कार्यशील होने की जांच भी पुनः की जाएगी।

5. रेलवे अधिकारियों द्वारा आरपीएफ अथवा जीआरपी के साथ के संयुक्त रुप से ट्रेनों एवं स्टेशनों पर लगेज एवं पार्सलों में ज्वलनशील पदार्थों के लगेजवान में लोड करने पूर्व जांच की जाएगी।

6. आवधिक मरम्मत के दौरान कोचो व लोको के गुणवत्ता पूर्ण कार्य बायरिंग लुब्रिकेटिंग/ऑयल सिस्टम एवं अन्य कार्य जैसे कि इलेक्ट्रिक जंक्शन बॉक्स, लुब्रिकेटिंग, डेशपॉट एवं एक्सल बॉक्स आदि की जांच भी की जाएगी।

7. पावर कार एवं इंजन रुम में ऑयल बिखरा हुआ ना हो, ना ही किसी प्रकार का ज्वलनशील शीट पदार्थ कॉटन आदि हो इसे हेतु भी उचित निर्देश दिए गए हैं।

8. यह जांच की जाएगी कि ट्रेनों की पेन्ट्री कारों में खाना केवल ज्वाला रहित (flamless) से ही पकाने व आग सुरक्षा से सम्बन्धित सभी नियमों का कड़ाई से अनु पालना किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

भारत के साथ दोस्ती जितनी गहरी होगी समृद्धि उतनी अधिक होगी : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारत के युवा प्रतिभा समुदाय और डिजिटल क्रांति का हवाला देते हुए वैश्विक व्यापार समुदाय से कहा कि भारत के साथ आपकी दोस्ती जितनी गहरी होगी दोनों के लिए समृद्धि उतनी ही अधिक होगी।

मोदी ने यहां तीन दिवसीय बी 20 शिखर सम्मेलन को अंतिम दिन संबोधित करते हुए कहा कि व्यवसाय संभावनाओं को समृद्धि में, बाधाओं को अवसरों में, आकांक्षाओं को उपलब्धियों में बदल सकता है। चाहे वे छोटे हों या बड़े, वैश्विक हों या स्थानीय, व्यवसाय सभी के लिए प्रगति सुनिश्चित कर सकता है। इसलिए वैश्विक विकास का भविष्य व्यापार के भविष्य पर निर्भर है।

बी20 थीम आरएआईएसई के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही आई नवाचार का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन वह समावेशिता के एक और आई की तस्वीर पेश करता है। उन्होंने कहा कि जी20 में स्थायी सीटों के लिए अफ्रीकी संघ को आमंत्रित करते समय भी यही दृष्टिकोण लागू किया गया है। बी20 में भी प्रधानमंत्री ने कहा कि अफ्रीका के आर्थिक विकास को फोकस क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का मानना है कि इस मंच के समावेशी दृष्टिकोण का इस समूह पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यहां लिए गए निर्णयों की सफलताओं का वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से निपटने और सतत विकास पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।

कोविड-19 महामारी से सीखे गए सबक के बारे में मोदी ने कहा कि महामारी ने हमें सिखाया कि जिस चीज में हमारे निवेश की सबसे ज्यादा जरूरत है, वह है आपसी विश्वास। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब महामारी ने आपसी विश्वास की इमारत को ध्वस्त कर दिया, तो भारत आपसी विश्वास का झंडा बुलंद करते हुए आत्मविश्वास और विनम्रता के साथ खड़ा रहा। भारत ने दुनिया की फार्मेसी के रूप में अपनी स्थिति को कायम रखते हुए 150 से अधिक देशों को दवाएं उपलब्ध कराईं। इसी तरह करोड़ों लोगों की जान बचाने के लिए वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाया गया। भारत के लोकतांत्रिक मूल्य उसकी कार्रवाई और उसकी प्रतिक्रिया में दिखते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के 50 से अधिक शहरों में जी20 बैठकों में भारत के लोकतांत्रिक मूल्य दिखते हैं।

कोविड-19 महामारी की शुरुआत के साथ जीवन में हुए परिवर्तनों का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों के अपरिवर्तनीय परिवर्तन हुआ। जब दुनिया को इसकी सबसे अधिक आवश्यकता थी, तो इसका अस्तित्व समाप्त हो गया। उन्होंने कहा कि भारत उन व्यवधानों का समाधान है, जिनसे आज दुनिया निपट रही है। उन्होंने आज दुनिया में एक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला बनाने में भारत की स्थिति पर प्रकाश डाला और वैश्विक व्यवसायों के योगदान पर जोर दिया।

मोदी ने कहा कि जी20 देशों के व्यवसायों के बीच बी20 एक मजबूत मंच के रूप में उभरा है। उन्होंने वैश्विक व्यापार को आगे बढ़ने पर जोर देते हुए कहा कि स्थिरता अपने आप में एक अवसर के साथ-साथ एक बिजनेस मॉडल भी है। उन्होंने इसे बाजरे का उदाहरण देकर विस्तार से बताया जो एक सुपरफूड है, पर्यावरण के अनुकूल है और छोटे किसानों के लिए भी अच्छा है, जो इसे अर्थव्यवस्था और जीवनशैली दोनों के दृष्टिकोण से एक जीत वाला मॉडल बनाता है। उन्होंने सर्कुलर इकोनॉमी और हरित ऊर्जा का भी उल्लेख किया। दुनिया को साथ लेकर चलने का भारत का दृष्टिकोण अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसे कदमों में दिखाई देता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के बाद की दुनिया में हर व्यक्ति अपने स्वास्थ्य के प्रति अतिरिक्त जागरूक हो गया है और इसका प्रभाव रोजमर्रा की गतिविधियों पर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। लोग ऐसी किसी भी गतिविधि के भविष्य के प्रभाव की आशा कर रहे हैं। प्रधान मंत्री ने कहा कि व्यवसायों और समाज को पृथ्वी के प्रति समान दृष्टिकोण रखना चाहिए और पृथ्वी पर उनके निर्णयों के प्रभाव का विश्लेषण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पृथ्वी की भलाई भी हमारी जिम्मेदारी है।

मिशन लाइफ के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मिशन का उद्देश्य प्रो प्लैनेट पीपल का एक समूह या सामूहिक निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि आधी समस्यायें तब कम हो जाएंगी जब जीवनशैली और व्यवसाय दोनों ही पृथ्वी के अनुकूल होंगे। उन्होंने जीवन और व्यापार को पर्यावरण के अनुरूप ढालने पर जोर दिया और भारत द्वारा व्यापार के लिए हरित ऋण की रूपरेखा तैयार करने की जानकारी दी, जिसमें पृथ्वी के अनुरूप सकारात्मक कार्यों पर जोर दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने व्यापार के पारंपरिक दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने को कहा। ब्रांड और विक्रय से आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा किएक व्यवसाय के रूप में, हमें एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा जो हमें दीर्घकालिक रूप से लाभान्वित करेगा। अब, पिछले कुछ वर्षों में भारत द्वारा लागू की गई नीतियों के कारण, केवल 5 वर्षों में 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ गए हैं। ये लोग नये उपभोक्ता हैं। यही नव मध्यम वर्ग भारत के विकास को भी गति दे रहा है। यानी सरकार द्वारा गरीबों के लिए किए गए काम का शुद्ध लाभार्थी हमारा मध्यम वर्ग भी है और हमारे एमएसएमई भी हैं।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि व्यवसायों को अधिक से अधिक लोगों की क्रय शक्ति में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि आत्म-केंद्रित दृष्टिकोण सभी को नुकसान पहुंचाएगा। महत्वपूर्ण सामग्री और दुर्लभ धातुओं में असमान उपलब्धता और सार्वभौमिक आवश्यकता की समान चुनौती का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि जिनके पास ये हैं वे इन्हें वैश्विक जिम्मेदारी के रूप में नहीं देखते हैं तो यह उपनिवेशवाद के एक नए मॉडल को बढ़ावा देगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक लाभदायक बाजार तभी कायम रह सकता है जब उत्पादकों और उपभोक्ताओं के हितों में संतुलन हो और यह राष्ट्रों पर भी लागू होता है। दूसरे देशों को केवल बाजार मानने से काम नहीं चलेगा बल्कि देर-सबेर उत्पादक देशों को भी नुकसान होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आगे बढ़ने का रास्ता इस प्रगति में सभी को समान भागीदार बनाना है।

उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित व्यापारिक नेताओं से आग्रह किया कि वे व्यवसायों को अधिक उपभोक्ता-केंद्रित बनाने पर विचार करें जहां ये उपभोक्ता व्यक्ति या देश हो सकते हैं। उनके हितों का ध्यान रखने की जरूरत है और इसके लिए एक वार्षिक अभियान चलाने का सुझाव देते हुये उन्होंने सवाल किया कि क्या हर साल, वैश्विक व्यवसाय उपभोक्ताओं और उनके बाजारों की भलाई के लिए खुद को प्रतिबद्ध करने के लिए एक साथ आ सकते हैं।

मोदी ने वैश्विक कारोबार जगत से उपभोक्ता के हित के बारे में बात करने के लिए एक दिन तय करने की अपील करते हुए कहा कि जब हम उपभोक्ता अधिकारों के बारे में बात करते हैं, तो क्या हमें उपभोक्ता देखभाल के बारे में भी ध्यान नहीं रखना चाहिए क्योंकि यह स्वचालित रूप से कई उपभोक्ता अधिकारों के मुद्दों का ख्याल रखेगा हमें ‘अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता देखभाल दिवस’ के लिए एक व्यवस्था के बारे में अवश्य सोचना चाहिए।

इससे व्यवसायों और उपभोक्ताओं के बीच विश्वास मजबूत करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता सिर्फ खुदरा उपभोक्ताओं तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि वे राष्ट्र भी हैं जो वैश्विक व्यापार, वैश्विक वस्तुओं और सेवाओं के उपभोक्ता हैं।

दुनिया के कारोबारी नेताओं की मौजूदगी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने अहम सवाल उठाए और कहा कि इन सवालों के जवाब से ही कारोबार और मानवता का भविष्य तय होगा। जवाबों के संबंध में मोदी ने कहा कि इनका जवाब देने के लिए आपसी सहयोग जरूरी है। जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा क्षेत्र संकट, खाद्य आपूर्ति श्रृंखला असंतुलन, जल सुरक्षा, साइबर सुरक्षा आदि जैसे मुद्दों का व्यापार पर बड़ा प्रभाव पड़ता है और उन्होंने इससे निपटने के प्रयासों को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने उन मुद्दों पर भी बात की जिनके बारे में 10-15 साल पहले कोई नहीं सोच सकता था।

क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी चुनौतियों का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने इस मामले में अधिक एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया और एक वैश्विक ढांचा बनाने का सुझाव दिया जहां सभी हितधारकों के मुद्दों को संबोधित किया जा सके। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के संबंध में भी इसी तरह के दृष्टिकोण की आवश्यकता बताई। एआई के बारे में चर्चा और उत्साह के बारे में उन्होंने ने कौशल और पुन: कौशल के संबंध में कुछ नैतिक विचारों और समाज पर इसके प्रभाव के बारे में चिंताओं पर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे मुद्दों को मिलकर हल करना होगा। वैश्विक व्यापार समुदायों और सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना होगा कि एथिकल एआई का विस्तार हो।

प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यवसाय सफलतापूर्वक सीमाओं और सीमाओं से परे चले गए हैं, लेकिन अब व्यवसायों को निचले स्तर से परे ले जाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि इसे आपूर्ति श्रृंखला लचीलेपन और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करके किया जा सकता है। मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि बी20 शिखर सम्मेलन ने सामूहिक परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त किया है।

उन्होंने कहा कि आइए याद रखें कि एक कनेक्टेड दुनिया सिर्फ प्रौद्योगिकी के माध्यम से जुड़ने के बारे में नहीं है। यह न केवल साझा सामाजिक मंचों के बारे में है, बल्कि साझा उद्देश्य, साझा ग्रह, साझा समृद्धि और साझा भविष्य के बारे में भी है।

कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

जयपुर। कांग्रेस के नेता एवं राजस्थान कृषि उद्योग विकास बोर्ड के अध्यक्ष रामेश्वर डूडी की आज सुबह अचानक तबीयत बिगड़ जाने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार डूडी की सुबह अचानक तबीयत बिगड़ गई और वह अचेत हो गए। उन्हें तुरंत मानसरोवर के मंगलम प्लस मेडिसिटी अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ है।

इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अस्पताल पहुंचकर डूडी की कुशलक्षेम पूछी। गहलोत ने चिकित्सकों और परिजनो से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए कामना की।

उन्होंने मंगलम अस्पताल में सवाई मान सिंह अस्पताल के अधीक्षक एवं न्यूरो विशेषज्ञ डा अंचल शर्मा एवं अन्य चिकित्सकों से बातचीत की। इसके बाद उन्हें एसएमएस अस्पताल में शिफ्ट किया गया जहां उनका ऑपरेशन किया जायेगा। डूडी अभी वेंटीलेटर पर है।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे डूडी की अध्यक्षता में सोमवार को यहां राज्य कृषि प्रबंध संस्थान दुर्गापुरा में प्रगतिशील किसान, कृषि व्यवसायी एवं कृषि निर्यातकों का राज्य स्तरीय सम्मेलन होना था लेकिन अब उसे स्थगित कर दिया गया है।

केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल सोमवार को आएंगे अजमेर

अजमेर। केन्द्रीय कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल 28 अगस्त को राजस्थान के अजमेर में आयोजित रोजगार मेलें में युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार मेघवाल अजमेर के फायसागर रोड स्थित केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल ग्रुप-दो के सभागार में विभिन्न अर्द्धसैनिक बलों में नियुक्त 250 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करेंगे।

भारत सरकार द्वारा दस लाख युवाओं को रोजगार देने के लक्ष्य की पूर्ति के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित किए जा रहे रोजगार मेलों के आठवें चरण में अजमेर में सोमवार को रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ग्रुप केंद्र 2, फायसागर रोड में प्रातः 9 बजे आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय कानून राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुनराम मेघवाल उपस्थित होंगे।

इस कार्यक्रम में विभिन्न अर्धसैनिक बलों जैसे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और असम राईफल्स के ढाई सौ से ज्यादा जवानों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि इस दिन देशभर में करीब 45 शहरों में आयोजित रोजगार मेलों में करीब 51000 युवाओं को नियुक्ति पत्र देने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें विभिन्न अर्धसैनिक बलों के अलावा केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले विभिन्न विभागों जैसे भारतीय रेलवे, डाक विभाग, शिक्षा विभाग तथा विभिन्न बैंकों के अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे।

किशनगढ़ : रसोई में खाना बनाते समय आग लगने से झुलसी महिला की मौत

अजमेर। राजस्थान में अजमेर जिले के किशनगढ़ उपखंड के रूपनगढ़ थानाक्षेत्रान्तर्गत आज रसोई में खाना बनाते समय आग लगने से झुलसी महिला की मौत हो गई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रूपनगढ़ के नीटूटी निवासी बबली पत्नी जीतमल सेन सुबह घर पर गैस के चूल्हे पर बना बना रही थी, तभी साड़ी में आग लगने से वह बुरी तरह झुलस गई।

बाद में उसे गम्भीर हालत 108 एम्बुलेंस की सहायता से अजमेर के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय लाया गया ,जहां उपचार के दौरान उसकी असामायिक मृत्यु हो गई। मृतका का पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा। रूपनगढ़ थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

अजमेर में हाउसिंग सोसायटियों पर कडी नजर रखने की मांग

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अजमेर। मानव अधिकार मिशन की अजमेर ईकाई ने रविवार को क्रिश्चियनगंज थानाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर थानाक्षेत्र में आने वाली हाउसिंग सोसायटियों में व्याप्त गैर कानूनी क्रियाकलापों पर अंकुश लगाने की मांग की है।

ज्ञापन में बताया गया कि उक्त सोसाइटियां वैध है अथवा नहीं, कार्यरत पदाधिकारियों के नाम रजिस्टार सोसायटी ऑफिस में नामांकित किए गए हैं या नहीं आदि की जांच की जाए। ज्ञापन में बताया गया कि सोसाइटियों के प्लाटों में अवांछित तत्वों को किराए पर जगह दी जा रही है। ऐसे में अवांछित गतिविधि की आशंका बनी रहती है। हाल में कई केस महिलाओं के उत्पीड़न व छेड़खानी के संबंध में उजागर हुए हैं।

सीनियर सिटीजन के साथ अभद्रता से व्यवहार के मामले भी सामने आए हैं। कई सोसाइटियों के अध्यक्षों द्वारा मूलभूत सुविधा जैसे पानी, बिजली का कनेक्शन काटकर रहवासियों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। मेंटेनेंस मूलभूत सुविधाओं को काटकर वसूला जा रहा है। मानव अधिकार मिशन इस मामले में मानव अधिकार कानून से करवाई करने की अपेक्षा रखता है।

ज्ञापन सौंपने वालों में अध्यक्ष वीपी सिंह, उपाध्यक्ष तरूण वर्मा, भूपेन्द्र सिंह नेगी, डॉ अशोक भारद्वाज, डिस्ट्रिक्ट मीडिया सेकेट्री शास्त्री लोकेश शर्मा, मनोज कुमार, प्रशान्त पाटीदार, गौरव गुन्जन, विनय कुमार श्रीवास्तव, सचिव राहुल कुमार गौतम, नरेश कुमार साहू, धनसिंह, शैलेन्द्र शर्मा, सोहनसिंह दसाणा मौजूद रहे।