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ट्रेन के प्राइवेट कोच में आग लगने से यूपी के 9 यात्रियों की मौत, 8 घायल

चेन्नई। तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन के पास शनिवार को एक रेलवे कोच में आग लगने से उत्तर प्रदेश के नौ तीर्थयात्रियों की जलकर मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए। प्राप्त रिपोर्टों में कहा गया है कि मृतकों में तीन महिलाएं शामिल हैं। शवों को सरकारी राजाजी अस्पताल (जीआरएच) में स्थानांतरित कर दिया गया जहां उनका पोस्टमार्टम किया गया, जबकि घायलों को रेलवे अस्पताल और जीआरएच में भर्ती कराया गया है।

नौ मृतकों में से सात की पहचान परमेश्वर कुमार गुप्ता (55), मिथिलेश कुमारी (62), चंद्र मान सिंह (65), हेमनी बंशल (22), शांति देवी वर्मा (57), अंकुरकाश्याम (36), मनोरमा अग्रवाल (82) के रूप में की गई है।

उत्तर प्रदेश के तीर्थयात्री ट्रेन में यात्रा कर रहे थे और इस दुर्भाग्यपूर्ण स्लीपर कोच में उस समय आग लग गई जब चाय बनाने के लिए चालू करते समय एलपीजी सिलेंडर से गैस रिसाव हो गया और वह फट गया। हादसे के वक्त ज्यादातर यात्री सो रहे थे।

दक्षिणी रेलवे ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को दो-दो लाख रुपये और सामान्य रूप से घायल हुए लोगों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी प्रत्येक मृतक के परिवार को तीन-तीन लाख रुपए देने की घोषणा की।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि, मुख्यमंत्री स्टालिन, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने ट्रेन अग्नि दुर्घटना में नौ लोगों की जान जाने पर शोक व्यक्त किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रूपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

लखनऊ-रामेश्वरम एक्सप्रेस में आग लगने की मीडिया रिपोर्ट का खंडन

दक्षिणी रेलवे ने शनिवार रात को उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया जिसमें कहा गया है कि लखनऊ-रामेश्वरम एक्सप्रेस में एलपीजी गैस रिसाव के बाद आग लगी थी और उन्होंने स्पष्ट किया कि यह घटना पुनालुर-मदुरै एक्सप्रेस में हुई है जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई। उन्होंने स्पष्टीकरण में कहा कि कई मीडिया चैनलों द्वारा यह खबर दी गई है कि पार्टी कोच में आग लगने की घटना लखनऊ-रामेश्वरम एक्सप्रेस में हुई। यह सूचना गलत है।

उन्होंने कहा कि बताया गया है कि ट्रेन संख्या 16730 (पुनालुर-मदुरै एक्सप्रेस) के प्राइवेट पार्टी कोच में शनिवार सुबह 0347 बजे मदुरै से आई थी। कोच को इस ट्रेन में नागरकोइल रेलवे स्टेशन पर जोड़ा गया था जो मदुरै से लगभग 240 किलोमीटर पहले है। उन्होंने कहा कि कोच के ट्रेन से अलग होने और यार्ड में खड़े होने के बाद ही उसमें आग लगी थी। उन्होंने कहा कि आग लगने के समय उक्त कोच उस लाइन में अकेला और किसी अन्य कोच/परिसंपत्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ।

लाल डायरी के मुद्दे पर गहलोत इस्तीफा देकर चुनाव मैदान में आएं : अमित शाह

गंगापुर सिटी। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बहुचर्चित लाल डायरी के मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा है कि इसमें काले कारनामें छिपे हैं और मुख्यमत्री अशोक गहलोत को अपने पद से इस्तीफा देकर चुनाव मैदान में आ जाना चाहिए।

शाह राजस्थान के नया जिला गंगापुर सिटी में शनिवार को सहकार एवं किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपना संबोधन प्रारंभ किया ही था कि कुछ लोगों ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी। इस पर सम्मेलन में आए लोगों का ध्यान उस और जाने पर शाह ने कहा कि उधर ध्यान मत लगाइए, गहलोतजी ने कुछ लोग भेजे हैं, जो अभी पांच मिनट में चले जाएंगे।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उनकी सरकार की योजनाओं का बखान किया और इस दौरान जब नारेबाजी जारी रहने पर शाह ने कहा कि नारे लगाने की जगह चंद्रयान को आगे बढाया और सहकारिता मंत्रालय बनाया होता, किसानों का कल्याण किया होता तो आज नारे लगाने की नौबत नहीं आती और आपका का भी नम्बर होता।

उन्होंने कहा कि मैं राजस्थान में आया हूं, राजनीति करना नहीं चाहता लेकिन उन्होंने राजनीति की शुरुआत कर दी है, हमारे दिलीप भाई (इफको अध्यक्ष दिलीप संघानी) बहुत भोले-भाले हैं। उन्होंने मुझे फोल्डर भेजा, मैंने मना किया कि यह फोल्डर मत रखना, क्योंकि गहलोतजी नाराज हो जाएंगे। इस पर दिलीप भाई बोले, इसमें ऐसा क्या है कि गहलोत जी चिढ़ जाएंगे।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि फोल्डर का रंग लाल था और आजकल गहलोत लाल डायरी से बहुत डरे हुए हैं, ऊपर से डायरी लाल है, लेकिन अंदर अरबों के भ्रष्टाचार का काला चिट्ठा छिपा हुआ है। उन्होंने कहा कि वह गहलोतजी को कहने आए हैं कि ये चंद लोग भेजकर नारे लगाने से कुछ नहीं होता है। जरा भी शर्म बची है तो लाल डायरी के मुद्दे पर इस्तीफा देकर चुनाव मैदान में आइए और हो जाए दो-दो हाथ। शाह ने भाषण के आखिरी में भी लाल डायरी का जिक्र करते हुए कहा कि घर में कोई डायरी हो तो उसका रंग लाल मत रखना, नहीं तो गहलोतजी नाराज हो जाएंगे।

इससे पहले उन्होंने अपने भाषण में कहा कि 75 साल से किसान अलग से सहकारिता मंत्रालय होने की मांग कर रहे थे, जिसे मोदी ने पूरा किया और अलग से सहकारिता मंत्रालय बनाया। उन्होंने निवेदन किया कि इस फैसले स्वागत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं ढेर सारे ऐसे काम किए हैं जो देश में पहले कभी नहीं हुए।

शाह ने कहा कि कुछ दिन पहले चांद के दक्षिण ध्रुव पर हमारा चन्द्रयान तिरंगा लहराता हुआ पहुंच गया। इससे समग्र देश के अंदर एक प्रकार से नई ऊर्जा एवं नए विश्वास का संचार हुआ है। सैकडों करोड़ों साल से प्रयास किए गए और चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के रहस्य बने हुए थे, दुनिया का कोई देश नहीं पहुंच पाया लेकिन मोदी ने नई दिशा दी और इस पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बना है जो गौरव का विषय है।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र में जब कांग्रेस सरकार थी तब किसानों के लिए कुछ नहीं किया गया जबकि भाजपा ने किसानों के ढेर सारे काम किए, ढेर सारी योजनाए शुरु की और हर किसान को छह हजार रुपए दिए जा रहे है, इसके साथ ही फसल बीमा का काम किया गया।

शाह ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार से तुलना करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के समय 22 हजार करोड़ का किसान बजट था जिसे मोदी ने छह गुना बढ़ाकर एक लाख 25 हजार करोड़ करने का काम किया। इसी तरह गेंहू के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1400 रुपए से बढ़ाकर 2100 रुपए एवं सरसों का एमएसपी को भी बढाया दिया गया।

उन्होंने सहकारिता को किसानों के लिए बनी बताते हुए कहा कि 3500 सोसायटियों के माध्यम से सहकारिता का उद्धार किया गया है। सरकार दो लाख नए पैक्स बनाकर हर ग्राम पंचायत में पहुंचाने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि किसान कहते है कि राजस्थान में बिजली नहीं मिलती और बिजली की खरीद मे धांधली हो रही है। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार का बिजली के उत्पादन पर ध्यान नहीं है।

शाह ने कहा कि पिछले दोनों चुनाव में 55 और 61 प्रतिशत मत देकर राज्य की सभी सीटें मोदी की झोली में डाली है और अब वर्ष 2024 में फिर चुनाव आ रहा है। मैं किसानों को पूछने आया हूं कि 2024 में फिर से मोदी को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हो। हाथ ऊपर कराने के बाद उन्होंने कहा कि किसानों ने कह दिया लेकिन इससे पहले इस वर्ष में विधानसभा के चुनाव आ रहे हैं, 2024 तब दोगे जब यहां सत्ता परिवर्तन कराओंगे। उन्होंने 2023 में भाजपा सरकार बनाने के लिए हाथ उठाकर सभी सीटे जीतने का संकल्प दिलाया।

चित्तौड़गढ़ : मामूली बात पर छात्रों में साम्प्रदायिक संघर्ष, 6 घायल, 36 अरेस्ट

चित्तौड़गढ़। राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार उपखंड स्थित एक निजि विश्वविद्यालय में स्थानीय छात्रों एवं कश्मीरी छात्रों के बीच खाने को लेकर हुआ मामूली विवाद साम्प्रदायिक संघर्ष में बदल गया और दोनों ओर से हुई पत्थरबाजी में आधा दर्जन छात्र घायल हो गए।

पुलिस ने छात्रों के दोनों गुटों की ओर से परस्पर मामले दर्ज कर तीन दर्जन छात्रों को गिरफ्तार किया है। यहां पर कश्मीरी छात्रों के कारण साम्प्रदायिकता की यह तीसरी बड़ी घटना है।

प्राप्त जानकारी अनुसार गत रात्रि विश्वविद्यालय परिसर में हॉस्टल में रह रहे छात्र भोजन करने मैस में गए थे जहां पर कश्मीरी छात्रों व स्थानीय छात्रों के बीच पहले खाना लेने की मामूली बात झगड़े में बदल गई और लात घूंसे शुरू हो गए। इसकी जानकारी मिलने पर दोनों गुटों के अन्य छात्र भी लामबंद हो गए और मैस से बाहर आकर साम्प्रदायिक नारेबाजी करने लगे और देखते ही देखते आपस में पत्थरबाजी शुरू हो गई।

वहां मौजूद सुरक्षाकर्मिर्यों ने बीच बचाव करने का प्रयास किया लेकिन हालात बिगड़ते देख प्रबंधन को सूचना देने के साथ गंगरार थाने को भी सूचना दी और जब तक पुलिस आकर संघर्ष रोकती तब तक दोनों ओर से कई छात्र पत्थरबाजी में घायल हो गए जिन्हें अस्पताल पहुंचाया गया और झगड़ रहे छात्रों को तितर बितर कर पुलिस बल तैनात कर दिया गया।

थानाधिकारी रूपसिंह जाटव ने बताया कि यह आपसी झगड़े का मामला है जिसमें आपस में हुई पत्थरबाजी में दोनों ओर के छह छात्र घायल हुए है। दोनों ओर से मारपीट के परस्पर मुकदमें दर्ज करवाए गए हैं और सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद दोनों पक्षों के कुल 36 छात्रों को फिलहाल शांतिभंग में गिरफ्तार किया है। मामले की जांच की जा रही है।

70 लाख रुपए की हेरोइन के साथ तस्कर अरेस्ट

चित्तौड़गढ़ में 70 लाख रुपए की हेरोइन बरामद कर एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया है।नारकोटिक्स ब्यूरो के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सूचना मिलने पर नारकोटिक्स चित्तौड़गढ़ के अधीक्षक टी एम काठेड़ के नेतृत्व में टीम ने नरपत की खेड़ी पुलिया पर नाकाबंदी के दौरान मोटरसाइकिल पर आ रहे एक व्यक्ति की तलाशी लेने पर उसके पास से 700 ग्राम हेरोइन बरामद हुई। जिसकी अनुमानित कीमत 70 लाख रुपए आंकी जा रही है।

पूछताछ में गिरफ्तार तस्कर ने अपने को प्रतापगढ़ जिले के नाथू खेड़ी निवासी दुर्गा शंकर बताया। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने यह हेरोइन प्रतापगढ़ से लेकर अजमेर जिले में विजयनगर के आस-पास कहीं देने के लिए ले जाना बताया। नारकोटिक्स की टीम मामले में अनुसंधान कर रही है।

दिग्गज बॉलीवुड गीतकार देव कोहली का निधन

मुंबई। दिग्गज बॉलीवुड गीतकार देव कोहली का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को मुंबई में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। दिवंगत कोहली का पार्थिव शरीर शनिवार दोपहर लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स स्थित उनके घर पर लोगों और उनके प्रशंसकों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। उनका अंतिम संस्कार शाम ओशिवारा श्मशान घाट पर किया गया।

कोहली का जन्म दो नवंबर, 1942 को पाकिस्तान के रावलपिंडी के एक सिख परिवार में हुआ था। बाद में, उनका परिवार देहरादून में बस गया था। गीतकार कोहली ने ‘कबूतर जा, जा, जा’, ‘ये काली काली आंखें’, ‘दिल दीवाना, बिन सजना के माने ना’ और ‘चलती है क्या नौ से बारह’ जैसे गीतों को अपनी आवाज दी।

उन्होंने फिल्म गुंडा (1969) के लिए पहला गाना लिखा – खुशी से जान ले लो जी। कोहली ने मैंने प्यार किया (1990), आंसू बने अंगारे (1993), बाजीगर (1994), हम आपके हैं कौन (1995), दहेक (1999), बस इतना सा ख्वाब है (2001), वो और मुसाफिर (2004), शूटआउट एट लोखंडवाला (2007), यारियां (2008), जुड़वां 2 (2018) जैसी फिल्मों के लिए कई सुपरहिट गाने लिखे। इसके अलावा, उन्होंने कई संगीत निर्देशकों के साथ काम किया।

गीतकार कोहली ने छह दशकों में 100 से अधिक फिल्मों के लिए गीत लिखे। अभिनेताओं, गीतकारों और संगीत निर्देशकों सहित शीर्ष बॉलीवुड हस्तियों ने सोशल मीडिया पर कोहली के निधन पर शोक व्यक्त किया।

घेवर बनाने के लिए तैयार घोल में मिले असख्य कीडे, हलवाई पाबंद

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अजमेर। शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के अंतर्गत शनिवार को शहर से खाद्य पदार्थों के 7 नमूने लिए गए। इस दौरान दूषित पदार्थ से घेवर बनाने का भंडाफोड हुआ।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुशील चोटवानी ने बताया कि सीएमएचओ डॉ. अनुज पिंगोलिया के निर्देश पर निरीक्षण के दौरान सामने आया कि नगरा स्थित हार्डवेयर की एक दुकान में यतीश हलवाई त्यौहार पर अस्थाई रूप से दुकान लगाकर दूषित खराब हो चुकी सामग्री से गंदगी में घेवर तैयार कर बेच रहा था। इसके पास फूड लाइसेंस भी नहीं था।

मौके का निरीक्षण करने पर लगभग 50 किलो चाशनी एवं मैदा के घोल में असंख्य कीड़े पड़े हुए थे। बदबू आ रही थी। दूषित सामग्री को जब्त कर नष्ट करवाया गया। यतीश हलवाई का कार्य तुरंत प्रभाव से बंद करवा कर हार्डवेयर की दुकान के मालिक को भी हलवाई को कार्य नहीं करने देने के लिए पाबंद किया गया।

नगरा स्थित तीन अन्य दुकानों मुन्नालाल हलवाई, गुप्ता मिष्ठान भंडार एवं भेरू घेवर भंडार से घेवर का एक-एक नमूना लिया गया साथ ही साफ सफाई से कार्य करने एवं अच्छी क्वालिटी की खाद्य सामग्री उपयोग में लेन के लिए निर्देशित किया गया।

इसी क्रम में केसरगंज एरिया से महावीर मिष्ठान भंडार, आगरा मिष्ठान भंडार एवं जैन गजक भंडार से मिठाइयों के नमूने लिए गए। नमूनों की जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अंतर्गत अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुशील चोटवानी, केसरीनंदन शर्मा, डेयरी प्रतिनिधि दीपक वैष्णव शामिल रहे।

गुजरात से माउंट आबू घूमने आए पर्यटकों ने की अपने युवा साथी की हत्या

माउंट आबू। गुजरात से माउंट आबू सैरसपाटे को आए सैलानियों ने अपने ही साथी के पेट में छुरा घोप कर उसकी हत्या कर अपने ही वाहन में अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक के दादा की रिपोर्ट पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच आरंभ कर दी।

थाना अधिकारी किशोर सिंह भाटी के अनुसार भीखा भाई सेनमा निवासी चरारा तहसील मानसा जिला गांधीनगर ने इस आसय की शिकायत दर्ज करवाई की उनका पोता भावेश (23) ने गत 22 अगस्त को उन्हें कहा था कि वह अपने दोस्त अरविंद भाई हिराजी ठाकोर, हरेश धंजीभाई, हर्ष उर्फ हार्दिक सोलंकी, जयेस भाई सोलंकी, श्रवण रसीक भाई के साथ माउंट आबू घूमने जा रहा है।

23 अगस्त शाम तक भावेश घर नहीं आया तो उसे फोन किया जिस पर उसने कहा कि थोडी ही देर में वे माउंट आबू से वापस निकल रहे हैं। देर रात तक घर पहुचेंगे। लेकिन रात दस बजे तक भी वह घर नहीं आया तो फिर से एक बार फोन लगया लेकिन फोन रिसिव नहीं हुआ।

24 अगस्त को सवेरे पुलिस वाले भीखाभाई के घर आए एवं कहा कि उनके पोते भावेश की मृत्यु हो चुकी है। जिसका शव कलोल सिविल अस्पताल में रखा है। जिस पर भीखाभाई अन्य परिजनों के साथ कलोल पहुंचे। जहां भावेश का शव पडा हुआ था।

पुलिस वालों से तथा वहा तैनात चिकित्सकों से भावेश का मृत्यु का कारण पूछने पर पता चला की माउंट आबू से वापस जाते समय आबूरोड-माउंट आबू मार्ग पर शराब के नशे में आपस में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। जिससे पांचों में से किसी ने उसके पेट में छुरा घोप दिया।

छुरा घोपने की वारदात से सभी लोग घबरा गए। उसे साथ लेकर कलोल सिविल अस्पताल में पहुचायां जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस को इत्तला दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर भीखा भाई एवं उनके परिजनों को अस्पताल से माउंट आबू लेकर आए। पुलिस थाने में रिपोर्ट दी।

राजस्थान में मिल रहा है देश का सबसे सस्ता गैस सिलेंडर : अशोक गहलोत

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आमजन को महंगाई से राहत दे रही है और आज राजस्थान में देश का सबसे सस्ता गैस सिलेंडर मिल रहा है। गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर राजस्थान एलपीजी गैस सिलेंडर वितरक संघ के प्रतिनिधिमण्डल के साथ संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि पूरे देश में 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने वाला राजस्थान एकमात्र राज्य है। एलपीजी गैस सिलेंडर वितरकों के सहयोग से इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना प्रदेश में सफलतापूर्वक लागू हुई है।

उन्होंने कहा कि राज्य में इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना लागू कर पात्रों को गत एक अप्रैल से 500 रुपए में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे महंगाई का बोझ कम हुआ है और आर्थिक संबल मिला है। यह आमजन को महंगाई से राहत देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, महिला सशक्तिकरण एवं रोजगार सहित हर क्षेत्र में देश का मॉडल स्टेट बन गया है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 25 लाख रुपए तक निःशुल्क उपचार एवं 10 लाख का दुर्घटना बीमा, निःशुल्क दवाईयां एवं जांच सुविधाओं सहित कानून बनाकर स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है। राज्य में आईआईटी, आईआईएम, निफ्ट जैसे विश्व स्तरीय संस्थान खुले हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य में दुधारू पशुओं का बीमा, कमजोर वर्ग के लोगों को अन्नपूर्णा फूड किट, मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना व इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में 125 दिन के रोजगार की गारंटी दी जा रही है। राज्य में हर क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं।

गहलोत ने कहा कि हम ‘राजस्थान मिशन-2030’ में एक करोड़ लोगों से सुझाव एवं सलाह ले रहे हैं। उन्होंने एलपीजी गैस वितरकों से मिशन-2030 में अपने सुझाव प्रेषित करने को कहा।

कार्यक्रम में संघ के अध्यक्ष डॉ. दीपक सिंह ने गैस सिलेंडर वितरकों से संबंधित विभिन्न विषयों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। संघ के सदस्यों ने पात्र लोगों को 500 रुपए में सिलेंडर उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।

शाइस्ता परवीन समेत 6 पर अदालत की अवमानना का मुकदमा

प्रयागराज। अधिवक्ता उमेश पाल की हत्या के बाद से फरार चल रही माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन समेत छह आरोपियों पर अदालत की अवमानना का मुकदमा धूमनगंज थाने में दर्ज कराया गया है। अदालत से जारी कुर्की के आदेश के बावजूद भी कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर यह मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस एफआईआर के अनुसार धूमनगंज थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में शाइस्ता परवीन के साथ ही, अशरफ की पत्नी जैनब, अतीक की बहन आयशा नूरी के साथ ही बमबाज गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान के खिलाफ यह मुकदमा शुक्रवार शाम दर्ज किया गया है।

गौरतलब है कि अदालत से आदेश पर कुर्की का धारा 82 का नोटिस मकान पर चस्पा होने के बावजूद आरोपी अदालत के समक्ष पेश नहीं हुए। कोर्ट ने इसे अवमानना का केस माना है। पुलिस ने शाइस्ता के मकान चकिया खुल्दाबाद पर, देवरानी रूबी उर्फ जैनब के चकिया खुल्दाबाद, बमबाज गुड्डू मुस्लिम के निवास लाला की सराय शिवकुटी, मरियाडीह पूरामुफ्ती निवासी शूटर साबिर, सिविल लाइंस के महात्मागांधी मार्ग निवासी अरमान और अतीक की बहन आयशा नूरी के मेरठ स्थित नौचन्दी थाना क्षेत्र चयमे वाली गली स्थित मकान नम्बर 52 पर गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कुर्की का नोटिस चस्पा कर डुगडुगी पिटवा कर मुनादी कराया गया है। बावजूद इसके ये लोग हाजिर नहीं हुए।

शाइस्ता परवीन और जैनब अपने पति अतीक और अशरफ के साथ ही बेटे असद (झांसी में एसटीएफ मुठभेड़) की मिट्टी में भी नहीं पहुंची। पुलिस को आशंका थी कि वह मिट्टी में जरूर आएंगी और इसके लिए कड़ी नाकेबंदी की गई थी, लेकिन वह मिट्टी में शिरकत करने नहीं पहुंची।

24 फरवरी को उमेश पाल और उनके दो गनर की गाेली और बम मारकर हत्या कर दी गई। जिसमें अतीक अहमद, अशरफ शाइस्ता परवीन और उसके दो बेटों को नामजद किया गया। वायरल वीडियो में बम फेंकते और फायरिेंग करते पुलिस ने गुड्डू मुस्लिम, शाबिर और अरमान की पहचान किया।

पुलिस के संरक्षण में रहने के बावजूद 15 अप्रैल की की रात करीब 10.30 बजे काल्विन अस्पताल में जांच के दौरान मीडियाकर्मी बनकर पहुंचे तीन युवकों ने अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने इस मामले में चार अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया जबकि 9 अपराधियों को पुलिस जेल भेज चुकी है। पुलिस ने शाइस्ता परवीन पर पर 50 हजार जबकि गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान पर पांच-पांच लाख रूपए का इनाम घोषित किया है।

महिला खिलाड़ी का चुंबन लेने पर स्पेन फुटबॉल संघ के अध्यक्ष निलंबित

ज़्यूरिख। अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) की अनुशासनात्मक समिति ने महिला विश्व कप में स्पेन की जीत के बाद खिलाड़ी जेनी हर्मोसो का सिर पकड़कर उनके होंठों पर चुंबन करने के बाद हुए हंगामे के बीच शनिवार को स्पेन फुटबॉल महासंघ (आरएफईएफ) के अध्यक्ष लुइस रुबियालेस को 90 दिनों के लिए अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।

फीफा ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि फीफा अनुशासन समिति के अध्यक्ष ने हॉर्जे इवान पलासियो ने लुइस रुबियालेस को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फुटबॉल से संबंधित सभी गतिविधियों से अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला किया है।

उल्लेखनीय है कि रुबियालेस शुक्रवार को इस्तीफा देने वाले थे, लेकिन उन्होंने पद छोड़ने से इनकार कर दिया। जब हर्मोसो ने कहा कि उन्होंने चुंबन के लिए सहमति नहीं दी थी तो आरएफईएफ ने उनके बचाव के लिए कानूनी कार्रवाई की धमकी दी। अनुशासनात्मक समिति ने रुबियालेस और आरएफईएफ के अधिकारियों को हर्मोसो या उसके आसपास के लोगों से संपर्क नहीं करने का आदेश भी दिया।

बयान में कहा गया कि लुइस रुबियालेस, आरएफईएफ और (यूरोपीय फुटबॉल निकाय) यूईएफए को फीफा अनुशासन समिति के अध्यक्ष द्वारा अपनाए गये निर्णय के उचित अनुपालन की सूचना दी गई है।

स्पेन महिला टीम के विश्व कप फाइनल में इंग्लैंड को हराने के बाद रुबियालेस ने हर्मोसो को पकड़कर उनके होंठो पर चुंबन किया था। विश्व कप जीतने वाली स्पेनिश टीम के साथ-साथ कई अन्य खिलाड़ियों ने हर्मोसो के समर्थन में कहा था कि रुबियालेस के महासंघ के प्रमुख बने रहने तक वे अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेलेंगे।

अजमेर की चुनावी आबोहवा : इस बार उखड़ेंगे खूंटे, खेल होगा दिलचस्प

संपादकीय : सबगुरु न्यूज
अजमेर शहर में सत्ताधारी कांग्रेस जितनी कमजोर होगी उतनी ही राजयोग भोग रहे यहां के वर्तमान भाजपा विधायकों की परेशानी बढ़ेगी। वजह यह है कि अजमेर उत्तर और दक्षिण की सीट को अपनी बपौती मान बैठे भाई साहब और बहनजी की जगह भाजपा चाह कर भी किसी और को मौका नहीं दे सकी। इस बार चुनावी बयार में भाजपा के पाले में नए चेहरों की ओर से पेश की जा रही दावेदारी से बदलाव के संकेत मिलने लगे हैं। भाजपा का गढ़ बन चुके अजमेर में इस बार पार्टी नए प्रत्याशियों को उतारने का जोखिम बेहिचक ले सकती है।

भाजपा के रणनीतिकारों की निगाह फिलहाल कांग्रेस में टिकट को लेकर मच रहे घमासान पर टिकी है। माना जा रहा है कि जो भी कांग्रेस का टिकट हासिल कर लेगा शेष बचे दावेदार उसकी कारसेवा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। ऐसे में कमल वाला आलाकमान नए प्रत्याशियों को चुनावी समर में जीत सुनिश्चित मानकर उतार सकता है। ऐसा होता है तो अरसे से खूंटा गाड़कर अजमेर की राजनीति में अंगद के पैर की तरह जमे बहनजी और भाई साहब की सेवानिवृत्ति तय है।

खरी-ख​री बात ये है कि जब अजमेर में अनिता भदेल और वासुदेव देवनानी का करीब दो दशक पहले राजनीतिक अवतरण हुआ था, तब स्थानीय नेताओं को दरकिनार करते हुए भाजपा ने बिना राजनीतिक अनुभव वाले इन नए चेहरों पर दांव खेला था। पहली जीत के बाद देखते ही देखते ये इतने बड़े वट वृक्ष में तब्दील हो गए कि इनकी छांव में कोई नया पौधा अंकुरित ही नहीं हो पाया। भाजपा कार्यकर्ताओं की फौज भी उत्तर व दक्षिण में बंट गई। कांग्रेस से लोहा लेने की बजाय अजमेर भाजपा में अपनों से दो-दो हाथ करने की परिपाटी ने जन्म ले लिया।

दो दशक से विधायक और लालबत्ती वाली गाड़ी तक का सुख भोग लेने के बावजूद संघनिष्ठ होने का दावा करने वाले देवनानी व भदेल अजमेर का मैदान छोड़ने को तैयार नहीं हैं। देवनानी उम्रदराज होने के बाद भी एक बार फिर नौजवानों की तरह भाग-दौड़ में जुटे हैं। वही, बहनजी भी पक्का पट्टा लिखवाने की मशक्कत में जुटी हैं। यह अलग बात है कि निकाय चुनावों में भदेल के गृह वार्ड 45 में निर्दलीय की जीत और भाजपा का तीसरे नंबर पर रहना इस बात का प्रमाण है कि भदेल के जादू पर ग्रहण लग चुका है।

इस सबके बावजूद दोनों नए चेहरों को मौका देने की बजाय राजयोग का मोह नहीं छोड़ पा रहे। पार्टी से फिर टिकट हासिल कर लेने के आत्मविश्वास में चुनावों के ऐलान से पहले ही अगली पारी की तैयारी में जुट गए हैं। जनता के दुख दर्द, उनसे निकटता दिखाने की कवायद में दोनों कोई कसर नहीं छोड़ रहे। लेकिन टिकट कटने का अनजान सा भय भी पीछा नहीं छोड़ रहा है। कैडर बेस पार्टी का दावा करने वाली भाजपा के इन दोनों सेनापतियों को अपनों से ही चुनौतियां मिलने लगी हैं।

इधर, एक अनार और सौ बीमार वाली तर्ज पर कांग्रेस में टिकट के दावेदारों की लंबी होती जा रही फेहरिस्त ही उसके लिए मुसीबत का कारण बनती दिख रही है। नि:संदेह कांग्रेस का टिकट पाने वाले को भाजपा के साथ ही अपनी ही पार्टी के कारसेवकों से भी मुकाबला करना होगा। अजमेर उत्तर में चुनाव से पहले लात घूंसों का ट्रेलर सबने देखा है, पिक्चर का मजमून इसी में छिपा है। अजमेर दक्षिण में तूफान से पहले की शांति भंग होने में देर नहीं। क्योंकि ‘खा नहीं सका तो ढोल दूंगा’ की तर्ज पर ये कारसेवक नैया डुबाने में पूरी ताकत झोंक देंगे। इन हालात में कांग्रेस के प्रत्याशी के लिए जीत का वरण किसी चमत्कार से कम ना होगा।

बात प्रदेश की…

समूचे राजस्थान को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी पसोपेश की स्थिति में है। इस बात की चर्चा जोर पकड़ रही है कि वसुंधरा राजे को अघोषित रूप से बाहर रखकर विधानसभा का चुनाव मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएगा। राजनीति के जानकारों की मानें तो राजे के बगैर इस बार भाजपा चुनावी वैतरणी पार करने का जोखिम उठाने जा रही है। ऐसे में भाजपा के लिए विजयी रथ को मंजिल तक पहुंचाने के लिए नए चेहरों को आगे लाना जरूरी हो गया है।

प्रदेश में एक-एक सीट का विश्लेषण का दौर चल रहा है, जीत का गुणा भाग लगाया जा रहा है। मैडम के आज्ञाकारी रहे नेताओं को किनारे करना हालांकि आसान नहीं, बीच का रास्ता तलाशा जा रहा है। कांग्रेस में गहलोत और पायलट के बीच अंदरखाने चल रहा शीतयुद्ध भाजपा का मनोबल जरूर बढ़ाए हुए है, लेकिन इसके पटाक्षेप होते ही राजनीतिक समीकरण बिल्कुल बदल जाएंगे। वर्तमान परिदृश्य से तो स्पष्ट परिलक्षित हो रहा है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों की जंग पहले अपनों से होगी, जो इसमें पार लग जाएगा वो चुनावी समर का असल विजेता होगा।

अंदरखाने की मानें तो सवाई माधोपुर के चिंतन शिविर में यह तय था राजस्थान में 4 स्थानों से परिवर्तन यात्रा निकाली जाएगी। इसका नेतृत्व किसको सौंपा जाए इसको लेकर खींचतान चल रही है। दो सितंबर से परिवर्तन यात्रा शुरू होनी है। रोड मैप भी तैयार हो चुका है पर जंग के ऐलान के साथ सेना का सेनापति कौन हो, बात इस पर अटकी है। बीजेपी के पक्ष का माहौल बनाने के लिए खुद प्रधानमंत्री मोदी परिवर्तन यात्रा के समापन पर विशाल जनसभा में आ सकते हैं।

इस बीच वसुंधरा राजे के भविष्य के साथ मैडम-मैडम का राग अलापने वालों का फैसला भी हो जाएगा। लालबत्ती में सवार होने के बाद संघ से नजरे फेरकर सत्ता मद में डूब जाने वाले नेताओं का मुगालता भी दूर होने में अब देर नहीं है। अजमेर का ही उदाहरण लें तो 15 साल पहले स्थानीय नेताओं का दरकिनार करते हुए भदेल और देवनानी को संघ कोटे का मानकर राजनीतिक क्षेत्र में उतारा गया। इस बार संघ का दखल हुआ तो बड़ा उलट फेर हो सकता है, भले ही इसमें अपनों की बलि ही क्यों ना देनी पड़े।

समीक्षा हो रही है लगातार जीत हासिल करने वाले विधायकों से जनता कितनी संतुष्ट है। अजमेर में संगठन निष्ठा की बजाय व्यक्ति निष्ठा में तब्दील हो चुकी कार्यकर्ताओं की फौज बेलगाम होती नजर आ रही है। भाजपा के वयोवृद्ध और जनसंघ के जमाने से जीवन खपाने वालों कोे भुला दिया गया, नई पीढी तो उम्र के आखिरी पडाव पर पहुंच चुके वयोवृद्ध कार्यकर्ताओं को पहचानती भी नहीं। कभी संघ के अनुषांगिक संगठन पुरजोर तरीके से ताकत झोंककर भाजपा की चुनावी नैया को पार लगाने में अहम भूमिका निभाते थे। अब वे भी अपनी-अपनी ढपली अपना-अपना राग अलाप रहे हैं। जीतने के बाद नजर फेर लेने वाले नेताओं से हर आम और खास भी आहत हैं।

विजय सिंह

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