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मिजोरम में रेल पुल का गर्डर गिरने से 19 की मौत, जांच के आदेश

नई दिल्ली/एजल। रेल मंत्रालय ने मिजोरम की राजधानी एजल के पास सैरांग में बुधवार को एक निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज के गर्डर गिरने के मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। इस दुर्घटना में कम से कम 19 श्रमिकों की मौत की खबर है।

रेलवे बोर्ड के सूत्रों ने नई दिल्ली में बताया कि रेलवे पुल के निर्माण का ठेका जिस कंपनी को दिया गया था, उसकी कार्यप्रणाली की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति बनाई जा रही है जिसमें रेलवे के मुख्य अभियंता, आरडीएसओ के पुल निर्माण विशेषज्ञ और एक आईआईटी के विशेषज्ञ को शामिल किया जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि आमतौर पर पुल पर गर्डर लांच करते समय नीचे इतने मजदूर होते नहीं हैं। जांच से पता चलेगा कि आखिर वहां इतने मजदूर गर्डर के नीचे क्या कर रहे थे। सूत्रों ने 19 श्रमिकों के मारे जाने की पुष्टि की।

यह दुर्घटना होने पर दिन में सबसे पहले मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर यह जानकारी दी थी। ज़ोरमथांगा ने कहा कि आइजोल के पास सैरांग में निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज आज ढह गया जिसमें कम से कम 17 श्रमिकों की मौत हो गई। बचाव कार्य जारी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतक के निकट संबंधी को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपए और घायलों को 50,000 रुपए की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने शोक संदेश में कहा कि मिजोरम में पुल ढहने से लोगों की मौत अत्यंत दुखद है। मेरी संवेदनाएं पीड़ितों, घायलों और उनके परिवारों के साथ हैं। मैं उन लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं जिनके लिए बचाव अभियान चल रहा है।

मिजोरम के मुख्यमंत्री ने भी कहा कि वह इस त्रासदी से बहुत दुखी हैं। उन्होंने सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।

भारत की ‘चंदा मामा’ पर फतह, दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला बना एकलौता देश

श्री हरिकोटा। भारत ने विश्व गुरु बनने की दिशा में बुधवार को बड़ी छलांग लगाते हुए चांद के उस हिस्से पर राष्ट्रीय ध्वज लहरा दिया जहां आज तक कोई भी देश नहीं पहुंच पाया था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारकर अंतरिक्ष की दुनिया में इतिहास रच दिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि आज सफलता की अमृत वर्षा हुयी है। देश ने धरती पर सपना देखा और चांद पर साकार किया। कुछ दिन पहले रूस ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने की कोशिश की थी लेकिन उसका लूना-25 अंतरिक्ष यान चांद की सतह से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

ऐसे में भारत के चंद्रयान-3 मिशन की अहमियत और बढ़ गई थी। पूरी दुनिया की नजर इस मिशन पर थी। चंद्रयान-3 की सफलता के लिए देश के कोने-कोने में आज सुबह से पूजा, प्रार्थना और इबादत की दौर शुरू हो गई थी।

इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को चांद की ऐसी सतह पर उतरा है जो मुश्किलों की जाल से घिरी है। सबसे बड़ी चुनौती यहां का अंधेरा था। यहां पर लैंडर बिक्रम को उतारना काफी मुश्किल था क्योंकि चांद पर पृथ्वी की तरह वायुमंडल नहीं है। हमारे वैज्ञानिकों ने मुश्किलों को ‘राई’ बनाकर पुरानी गलतियों से बड़ी सबक लेते हुए चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर ‘प्रज्ञान’ को चांद के उस आगोश में पहुंचाकर सांस ली, जहां से कई खगोलीय रहस्यों का परत-दर परत खुलेगा।

चंद्रयान-3 के रोवर में चंद्रमा की सतह से संबंधित डेटा प्रदान करने के लिए पेलोड के साथ कॉन्फ़िगर की गई मशीनें लगी हैं। यह चंद्रमा के वायुमंडल की मौलिक संरचना पर डेटा एकत्र करेगा और लैंडर को डेटा भेजेगा। लैंडर पर तीन पेलोड्स हैं। उनका काम चांद की प्‍लाज्‍मा डेंसिटी, थर्मल प्रॉपर्टीज और लैंडिंग साइट के आसपास की सीस्मिसिटी मापना है ताकि चांद के क्रस्ट और मैंटल के स्‍ट्रक्‍चर का सही-सही पता लग सके।

एक चांद की सतह पर प्लाज्मा (आयन्स और इलेट्रॉन्स) के बारे में जानकारी हासिल करेगा। दूसरा चांद की सतह की तापीय गुणों के बारे में अध्ययन करेगा और तीसरा चांद की परत के बारे में जानकारी जुटाएगा। इसके अलावा चांद पर भूकंप कब और कैसे आता है इसका भी पता लगाया जाएगा।

भारत ने सितंबर 2019 में इसरो ने चंद्रयान-2 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने की कोशिश की थी, लेकिन तब लैंडर की हार्ड लैंडिंग हो गई थी। पिछली गलतियों से सबक लेकर चंद्रयान-3 को ‘जीत’ के लिए ही तैयार किया गया था।

चांद का दक्षिणी ध्रुव भी पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुव की तरह ही है। पृथ्वी का दक्षिणी ध्रुव अंटार्कटिका में है जो धरती का सबसे ठंडा इलाका है। इसी तरह चांद का दक्षिणी ध्रुव अपनी सतह का सबसे ठंडा क्षेत्र है।

चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अगर कोई अंतरिक्ष यात्री खड़ा होगा, तो उसे सूर्य क्षितिज की रेखा पर नजर आएगा। वह चांद की सतह से लगता हुआ और चमकता नजर आएगा।इस इलाके का ज्यादातर हिस्सा छाया में रहता है, क्योंकि सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं जिससे यहां तापमान कम होता है।

चंद्रयान-3 के रोवर में चंद्रमा की सतह से संबंधित डेटा प्रदान करने के लिए पेलोड के साथ कॉन्फ़िगर की गई मशीनें लगी हैं। यह चंद्रमा के वायुमंडल की मौलिक संरचना पर डेटा एकत्र करेगा और लैंडर को डेटा भेजेगा। लैंडर पर तीन पेलोड्स हैं। उनका काम चांद की प्‍लाज्‍मा डेंसिटी, थर्मल प्रॉपर्टीज और लैंडिंग साइट के आसपास की सीस्मिसिटी मापना है ताकि चांद के क्रस्ट और मैंटल के स्‍ट्रक्‍चर का सही-सही पता लग सके।

एक चांद की सतह पर प्लाज्मा (आयन्स और इलेट्रॉन्स) के बारे में जानकारी हासिल करेगा। दूसरा चांद की सतह की तापीय गुणों के बारे में अध्ययन करेगा और तीसरा चांद की परत के बारे में जानकारी जुटाएगा। इसके अलावा चांद पर भूकंप कब और कैसे आता है इसका भी पता लगाया जाएगा।

भारत ने सितंबर 2019 में इसरो ने चंद्रयान-2 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने की कोशिश की थी, लेकिन तब लैंडर की हार्ड लैंडिंग हो गई थी। पिछली गलतियों से सबक लेकर चंद्रयान-3 को ‘जीत’ के लिए ही तैयार किया गया था। चांद का दक्षिणी ध्रुव भी पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुव की तरह ही है। पृथ्वी का दक्षिणी ध्रुव अंटार्कटिका में है जो धरती का सबसे ठंडा इलाका है। इसी तरह चांद का दक्षिणी ध्रुव अपनी सतह का सबसे ठंडा क्षेत्र है।

चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अगर कोई अंतरिक्ष यात्री खड़ा होगा, तो उसे सूर्य क्षितिज की रेखा पर नजर आएगा। वह चांद की सतह से लगता हुआ और चमकता नजर आएगा।इस इलाके का ज्यादातर हिस्सा छाया में रहता है, क्योंकि सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं जिससे यहां तापमान कम होता है। नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार चांद का दक्षिणी ध्रुव काफी रहस्यमयी है। दुनिया अब तक इससे अनजान है। नासा के एक वैज्ञानिक का कहना है कि हम जानते हैं कि दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ है और वहां दूसरे प्राकृतिक संसाधन भी हो सकते हैं। ये हालांकि अब तक अनजान दुनिया ही है।

नासा का कहना है कि चूंकि दक्षिणी ध्रुव के कई क्रेटर्स पर कभी रोशनी पड़ी ही नहीं और वहां का ज्यादातर हिस्सा छाया में ही रहता है, इसलिए वहां बर्फ होने की कहीं ज्यादा संभावना है। ऐसा भी अंदाजा है कि यहां जमा पानी अरबों साल पुराना हो सकता है। इससे सौरमंडल के बारे में काफी अहम जानकारियां हासिल करने में मदद मिल सकेगीं।

अगर पानी या बर्फ मिल जाती है तो इससे हमें ये समझने में मदद मिलेगी कि पानी और दूसरे पदार्थ सौरमंडल में कैसे घूम रहे हैं। पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों से मिली बर्फ से पता चला है कि हमारे ग्रह की जलवायु और वातावरण हजारों साल में किस तरह से विकसित हुई है।पानी या बर्फ मिल जाती है तो उसका इस्तेमाल पीने के लिए, उपकरणों को ठंडा करने, रॉकेट फ्यूल बनाने और शोधकार्य में किया जा सकेगा। चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा केन्द्र से उड़ान भरी थी।

चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के लिए अजमेर में मंगलकामना यज्ञ

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अजमेर। चन्द्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए बुधवार को महावीर सर्किल स्थित बाल भेरू मंदिर यज्ञ का आयोजन हुआ।

यज्ञोपरांत बोलते हुए पुजारी ने कहा कि इस यज्ञ में पवित्र वेद मंत्रों के माध्यम से आहुतियां लगाकर हमने ईश्वर से चंद्रयान की चहुंमुखी सफलता के लिए प्रार्थना की तथा सभी वैज्ञानिकों एवं देशवासियों के साथ भारत सरकार को भी इस हेतु हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर समाजसेवी गोपाल बंजारा ने कहा कि हमारा अटूट विश्वास है कि वेदों के विशेष मंत्रों के साथ शुद्ध सात्विक मन से की गई हमारी इस सामूहिक यज्ञ प्रार्थना को परम पिता परमेश्वर अवश्य सुनेंगे।

उन्होंने आगे बताया कि हमें इस बात पर गर्व है कि इस अभियान की सफलता के साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा। सभी 140 करोड़ देशवासियों के साथ सम्पूर्ण विश्व आज आतुरता के साथ उस अनुपम एवं गौरवशाली पल को निहारने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। चंद्रमा के जिस दक्षिणी ध्रुव पर आज तक कोई जीव जंतु तक नहीं मिला, वहां हमारा तिरंगा लहराएगा। यज्ञ कार्यक्रम में वेदपाठी छात्रों, गणमान्यजों ने भाग लिया।

इसी तरह जयपुर के भूतेश्वर मंदिर में भी चन्द्रयान-3 के चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव में सफल सॉफ्ट लैंडिंग के लिए पूजा अर्चना की गई।

गौरतलब है कि इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने अपनी टीम के साथ ‘चंद्रयान-3’ मिशन के प्रक्षेपण से पहले तिरुपति के सुल्लुरपेटा स्थित श्री चेंगलम्मा परमेश्वरिनी मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। इस मिशन के सफल आयोजन की टीम में महिलाएं भी शामिल हैं।

इसरो के बेंगलूरु स्थित टेलीमेट्री एंड कमांड सेंटर (इस्ट्रैक) के मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स (मॉक्स) में 50 से ज्यादा वैज्ञानिक कंप्यूटर पर चंद्रयान-3 से मिल रहे आंकड़ों की रात भर पड़ताल में जुटे रहे।

जेल में बंद थाइलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री शिनावात्रा की तबीयत बिगड़ी

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बैंकॉक। थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा को सीने में दर्द, उच्च रक्तचाप और ऑक्सीजन की कमी की परेशानी के बाद उन्हें पुलिस अस्पताल में भर्ती कराया गया। मंगलवार को निर्वासन से लौटने के बाद उन्हें जेल में बंद कर दिया गया था। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

बैंकॉक पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को अदालत में पेशी के बाद थाईलैंड लौटने पर शिनावात्रा को जेल में डाला गया था। उन्हें तीन मामलों में दस साल की सजा सुनाई गई है।

सुधार विभाग ने एक बयान में कहा कि शिनावात्रा के सीने में दर्द, उच्च रक्तचाप और ऑक्सीजन के स्तर में कमी आने पर उन्हें आज सुबह बैंकॉक के पुलिस अस्पताल में स्थानांतरित किया गया। जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता था।

अस्पताल सूत्रों ने बताया कि जांच के बाद पता चला कि शिनावात्रा (74) को कई बीमारियां हैं। उन्हें देखभाल की जरूरत है। जेल वार्ड उनके इलाज के लिए बेहतर जगह नहीं है। शिनावात्रा 2001 से 2006 तक थाईलैंड के प्रधानमंत्री थे।

उल्लेखनीय है कि शिनावात्रा 2008 में थाईलैंड छोड़कर भाग गए थे। उन्होंने प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए अपनी तत्कालीन पत्नी, खुनयिंग पोटजामन ना पोम्बेजरा को रत्चदाफिसेक क्षेत्र में रियायती दरों पर जमीन खरीदने में भी मदद की थी।

नसीराबाद में अघोषित बिजली एवं पानी कटौती से परेशान नागरिकों ने सौंपा ज्ञापन

नसीराबाद। नगरपालिका नसीराबाद के पार्षदों सहित निवासियों ने नसीराबाद उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर नगर पालिका क्षेत्र में की जा रही और अघोषित पानी एवं बिजली की कटौती से निजात दिलाने की मांग की है।

नगर पालिका पार्षद ने बताया कि नगर पालिका क्षेत्र नसीराबाद शहरी क्षेत्र होने के बावजूद आम जन को यहां शहरी क्षेत्र का कोई लाभ नहीं मिल रहा तथा आज भी नगर पालिका ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि नगर पालिका के संपूर्ण क्षेत्र में आए दिन अघोषित विद्युत कटौती की जा रही है जिसके चलते 24 घंटो में से मात्र चंद घंटे ही विद्युत आपूर्ति होती है बाकी शैष समय भीषण गर्मी में परेशान होना पड़ता है।

वही दूसरी तरफ पीने के पानी की सप्लाई भी कई बार 7 दिनों के अंतराल में हो पाती है जिसके कारण स्थानीय बाशिंदों को काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है। बिजली और पानी आमजन की मूलभूत सुविधाओं में शामिल है परंतु नगर पालिका क्षेत्र के निवासी होने के बावजूद भी वहां के निवासियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है जिसके कारण कई परेशानियां उत्पन्न हो रही है। नगरपालिका पार्षद सहित निवासियों ने तीन दिवस में कार्यवाही नहीं किए जाने की सूरत में आंदोलन की चेतावनी दी है जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

नसीराबाद विधानसभा चुनाव के मद्देनजर श्रीनगर ब्लॉक कांग्रेस की बैठक आयोजित

नसीराबाद। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर श्रीनगर ब्लॉक कांग्रेस की बैठक मंगलवार को स्थानीय गुर्जर धर्मशाला में देहात जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई।

श्रीनगर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष संपत सिंह राठौड़ ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर राजस्थान के सभी ब्लॉक में 21 अगस्त से 23 अगस्त तक बैठकें आयोजित कर इच्छुक उम्मीदवारों की सम्पूर्ण जानकारी एकत्र की जा रही है। इसी क्रम में बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी चुनाव में भाग लेने वाले प्रत्याशियों का संपूर्ण बायोडाटा इकट्ठा करना है।

उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान इच्छुक प्रत्याशियों से उनकी संपूर्ण जानकारी एक निर्धारित प्रारूप में भरवा कर ली गई है। प्रारूप की एक प्रति प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजी जाएगी तथा दूसरी प्रति जिला कांग्रेस कमेटी के पास सुरक्षित रहेगी। प्रत्याशियों के नाम की अंतिम सूची प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी की जाएगी तथा प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा निर्देशित प्रत्याशी को ही विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार के रूप में खड़े होने का अवसर प्राप्त होगा।

मीटिंग के दौरान फूलचंद नागौरा को कांग्रेस सेवा दल शहर अध्यक्ष तथा पूनम सांखला को कांग्रेस महिला मोर्चा शहर अध्यक्ष मनोनीत किया गया। बैठक के दौरान पूर्व विधायक राम नारायण गुर्जर, पीसीसी महासचिव एवं पूर्व विधायक महेंद्र सिंह गुर्जर, नगर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मोहम्मद हुसैन सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस के पदाधिकारी कार्यकर्ता और सदस्य उपस्थित थे।

नांदला में भारत विकास परिषद के गुरुवंदन-छात्र अभिनंदन कार्यक्रम में गुरुजन सम्मानित

नसीराबाद। भारत विकास परिषद के संस्कार प्रकल्प के तहत मंगलवार को भारत विकास परिषद नसीराबाद शाखा की ओर से गुरुवंदन-छात्र अभिनंदन का कार्यक्रम जवाहर नवोदय विद्यालय नांदला नसीराबाद में आयोजित किया गया।

मां भारती और युगपुरुष स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर राष्ट्र गीत वंदे मातरम से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। परिषद के पूर्व अध्यक्ष अमित चौकड़ीवाल ने भारत विकास परिषद एवं गुरुवंदन-छात्र अभिनंदन कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। इसके बाद विद्यालय के मेघावी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र व कलम प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया। विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं, प्राचार्य को ऊपरना ओढकर तथा कलम देकर सम्मानित किया गया।
शाखा अध्यक्ष रवि सोनी ने परिषद के आगामी कार्यक्रम 26 अगस्त को भारत को जानो एवं सितंबर माह में राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता की जानकारी दी साथ ही परीक्षा पैटर्न के बारे में विस्तार से बताया।

विद्यालय प्राचार्य को परिषद की तरफ से भारत को जानो एवं चेतना के स्वर ई-पुस्तक प्रदान करते हुए अनुरोध किया गया। बच्चों को भारत को जानो एवं राष्ट्रीय समूह गान की तैयारी में जुट जाने का आहवान किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्र गान के साथ हुआ।

कार्यक्रम में परिषद परिवार की तरफ से सचिव चंद्रप्रकाश बंसल, कोषाध्यक्ष प्रदीप मित्तल, वरिष्ठ सदस्य विनोद पाटनी (सीए), अमित चौकड़ीवाल, संजय कंसल, दिलीप मित्तल, मणिकांत शर्मा सहित शाखा महिला प्रमुख संगीता पाटनी, अनिता सिंहल, शिल्पा चौकडीवाल, किरण सोनी, सुनीता बंसल आदि सदस्य उपस्थित रहे।

विधायिका ठीक से काम नहीं करेगी तो लोकतंत्र कमजोर होगा : जगदीप धनखड़

उदयपुर। उप राष्ट्रपति एवं राज्य सभा के सभापित जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि किसी लोकतंत्र में विधायिका ठीक से न चले तो उससे लोकतांत्रिक मूल्य कमजोर हो सकता है और उसके विकास में बाधा हो सकती है। उन्होंने कहा कि सदस्यों को सदन में अभिव्यक्ति का असाधारण अधिकार मिला हुआ है , पर इसके दुरुपयोग को सदन में क्षमा नहीं किया जा सकता।

धनखड़ ने कहा कि लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तालमेल चक्र को चलाने वाली धुरी की तरह महत्वपूर्ण है। वह यहां राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) के नौवें अधिवेशन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। यह सम्मेलन दो दिन चला।

धनखड़ ने कहा कि सरकार के तीन अंगों विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका में से न्यायपालिका और कार्यपालिका सामंजस्य के साथ काम करती हैं, लेकिन विधायिका, जो सर्वोच्च है, इन दिनों कमजोरियों से घिर गई है।

उप राष्ट्रपति ने संसद की कार्रवाई में व्यवधान पर गहरी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि जन प्रतिनिधियों की संस्था गंभीर तनाव में है और लोकतंत्र के मंदिर जो संवाद, विचार-विमर्श, बहस और विचार-विमर्श के लिए बने हैं, इन दिनों अशांति और व्यवधान का केंद्र बन गए हैं।

उन्होंने आगाह किया कि कोई विधायिका ठीक से नहीं चल रही हो तो वह लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर कर सकती है और यह स्थिति लोकतंत्र के विकास में बाधाक हो जाएगी।

लोकतंत्र के मंदिरों में अव्यवस्था एक नया नियम बन गया है। उन्होंने कहा कि संसद ही लोगों की इच्छा की थाती होती है और विधायिका का प्रभावी और सक्रिय कामकाज लोकतांत्रिक मूल्यों के फलने-फूलने की सबसे सुरक्षित गारंटी है। उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर को उद्धृत करते हुए कहा कि हम संसद में यदि अपनी जिम्मेदारियों का एहसास और लोगों के कल्याण और भलाई का काम नहीं करेंगे तो मेरे मन में जरा भी संदेह नहीं है कि संसद के बाहर के लोग संसद को अत्यंत अवमानना की दृष्टि से देखेंगे।

उन्होंने कहा कि संसद और विधानसभाओं में सदस्यों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का एक ऐसा बड़ा अधिकार मिला है कि सदन में उनके द्वारा कही गई किसी भी बात के लिए एक सौ चालीस करोड़ जनता भी दीवानी या फौजदारी मुकदमा नहीं कर सकती। इतना बड़ा अधिकार मिलता है, पर यह अधिकार बेलगाम नहीं हो सकता , यह गंभीर विषय है, आप इसका दुरुपयोग नहीं कर सकते।

उन्होंने कहा कि इसका दुरुपयोग यदि होता है तो सबसे ज्यादा ज़िम्मेदारी उन लोगों पर है जो सदन में बैठते हैं… हम दुरुपयोग को क्षमा नहीं कर सकते क्योंकि एक सौ चालीस करोड़ लोगों की हिफ़ाज़त हमें करनी है। धनखड़ ने कहा कि हम यह इजाजत नहीं दे सकते कि अनर्गल बात, गलत बात, तथ्यहीन बात, तथ्यों से परे बात, आप तुरन्त कह दो और उत्तरदायित्व नहीं लो। उन्होंने कहा यह चिंतन का विषय है इस पर मंथन करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हम सभी को हमारे गणतंत्र के संस्थापकों की इन भविष्यसूचक चिंताओं और चेतावनियों के प्रति सचेत रहने और संकट की स्थिति से उबरने की प्रतिज्ञा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार और विपक्ष दोनों संसदीय लोकतंत्र के ढांचे के अंतर्गत अपरिहार्य भूमिकाएं निभाते हैं, जब संसद में सरकार और विपक्ष मिलकर काम करते हैं तो वह राष्ट्र के हित में होता है। ऐसे में सरकार और विपक्ष के बीच तालमेल चक्र की धुरी की तरह महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि विधायिका में विपक्ष की मुख्य भूमिका सरकार में जवाबदेही और पारदर्शिता उत्पन्न करने का काम है। धनखड़ ने कहा कि भारत इस समय प्रगति पर है और दुनिया भर में अवसर तथा निवेश के लिए सबसे पसंदीदा स्थानों में से एक है। उन्होंने कहा कि यदि जनप्रतिनिधि अपनी शपथ के प्रति सच्चे होते और जनता के ट्रस्टी के रूप में काम करते तो हमारी स्थिति आज और भी अच्छी हो सकती थी।

यह कहते हुए कि युवा लोग इस देश में शासन के सबसे बड़े हितधारक हैं, उन्होंने कहा कि इस समय युवाओं का भविष्य दांव पर है, इसलिए युवाओं को अपने विवेक का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि वे 2047 में भारत को तैयार करने के अभियान के सैनिक हैं जबकि भारत अपनी स्वाधीनता की शताब्दी मना रहा होगा।

उप राष्ट्रपति ने जनप्रतिनिधियों को लोगों के लिए आदर्श माना जाता है और लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने की उनकी जिम्मेदारी है, धनखड़ ने शासन में कार्यकारी जवाबदेही और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए जन प्रतिनिधियों की सर्वोपरि भूमिका को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि सीपीए (भारत क्षेत्र) लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों की रक्षा करने और उन मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है। समापन समारोह में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना और राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी और ब्रिटेन की संसद में जनप्रतिनिधि और सीपीए के अध्यक्ष इयान लिड्डेल्ल-ग्रेंजर भी थे।

राजस्थान में कार्यकर्ताओं की मेहनत से फिर बनेगी कांग्रेस की सरकार : सचिन पायलट

टोंक। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं टोंक विधायक सचिन पायलट ने कांग्रेस को नेताओं से ज्यादा कार्यकर्ताओं की पार्टी बताते हुए दावा किया है कि कार्यकताओं की मेहनत से पांच साल पहले प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और आने वाले चुनावों में पुनः कांग्रेस की सरकार बनेगी।

पायलट मंगलवार को टोंक में आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की ताकत से पिछले चुनाव में पार्टी ने टोंक से रिकॉर्ड वोटों से जीत दर्ज की। इन पांच सालों में जितना विकास संभव था, हमने उससे अधिक काम करने का प्रयास किया है। इस दौरान कोरोना जैसी अनेकों चुनौतियां सामने आई। उन्होंने कार्यकर्ताओं, प्रशासन एवं अधिकारियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि आप सभी के सहयोग से हमने हर चुनौती का डटकर मुकाबला किया।

उन्होंने कहा कि केन्द्र में पिछले नौ वर्षो से भाजपा की सरकार काबिज है। भाजपा के नेता हमेशा डबल इंजन की सरकार की बात करते है। भाजपा का डबल इंजन पहले हिमाचल प्रदेश में फेल हुआ, फिर कर्नाटक में फेल हुआ। भाजपा केन्द्र में सत्ता में और राज्य में विपक्ष के रूप में असफल हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने कार्यो के आधार पर प्रदेश में दुबारा सरकार बनायेंगी।

उन्होंने कहा कि चुनाव नजदीक आ गए हैं। अब अनेकों पार्टियां आपके बीच आएगी। आपको मंदिर, मस्जिद, जाति, धर्म के नाम पर गुमराह करने की कोशिश करेगी। हमको उनकी बातों में नहीं आना है और अपने भाईचारे को कायम रखना है।

उन्होंने कहा कि नफरत फैलाने वाले बहुत है, हमें प्यार-मोहब्बत की दुकान खोलने का काम करना है। उन्होंने कहा कि आज इस मंच पर सभी नेता, कार्यकर्ता मौजूद हैं। आने वाले चुनावों में हम सभी एकजुट होकर जाएंगे, पिछली बार से अधिक मतों से कांग्रेस को विजयी कर टोंक सहित जिले की चारों सीटों पर जीत दर्ज करेंगे और प्रदेश में पुनःः कांग्रेस की सरकार बनाएंगे। इस अवसर पर पायलट ने 22.25 करोड रूपए के विकास कार्यो का लोकार्पण किया।

कोटा में नाबालिग लडकी की आग लगाकर हत्या के आरोपी को उम्र कैद

कोटा। राजस्थान में कोटा की अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण न्यायालय ने सोमवार को केरोसिन से नाबालिग लडकी को आग लगाकर हत्या करने के मामले में आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाई। सजा के साथ आरोपी पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

कोटा जिले में खातौली के ठीकरदा गांव का निवासी आरोपी दीपक कुमार पर आरोप है कि महज फोन पर बात नहीं करने से नाराज होकर आरोपी बालिका के घर पहुंचा और केरोसिन डालकर बालिका को आग के हवाले कर दिया। गंभीर झुलसी हालत में बालिका को एमबीएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां बर्न वार्ड में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। आरोपी दीपक कुमार बालिका से एक तरफा प्यार करता था।

फरवरी, 2018 को खातोली थाना पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। तब से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन था। 31 गवाहों एवं 44 दस्तावेज पेश करने के बाद सोमवार को अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए आरोपी दीपक को उम्रकैद व 20 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया।

1 किलो 300 ग्राम गांजे सहित एक अरेस्ट

कोटा के उद्योग नगर थाना क्षेत्र में पुलिस ने गश्त के दौरान एक व्यक्ति को अवैध मादक पदार्थ गांधी सहित गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। पुलिस अधीक्षक (शहर) शरद चौधरी ने मंगलवार को बताया कि उद्योग नगर थाना प्रभारी मनोज सिंह सिकरवार के नेतृत्व में पुलिस गश्त के दौरान कैनाल रोड पर पुलिस को एक व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में आता हुआ दिखाई दिया।

पुलिस ने जब उसको रोककर तलाशी ली तो उसके पास से 1 किलो 300 ग्राम अवैध मादक पदार्थ गांजा बरामद हुआ पकड़ा गया व्यक्ति बारां जिले के मांगरोल थाना क्षेत्र की जरेला गांव का निवासी चेतन प्रकाश (33) है। उसके पुलिस के खिलाफ 8/20 एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।