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बैरा नदी में गिरी बोलेरो, 4 पुलिस जवानों सहित 6 की मौत, एक लापता

शिमला। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में तीसा-बैरागढ़ मार्ग पर तरवाई पुल के पास बोलेरो गाड़ी सड़क से लुढ़क कर बैरा नदी में जा गिरी जिससे पुलिस के चार जवानों सहित 6 लोगों की मौत हुई है। चार लोग घायल है जबकि एक लापता है। बोलेरो गाड़ी मंगली से तीसा की ओर रही थी कि अचानक चालक ने नियंत्रण खो दिया।

चंबा तीसा पांगी रोड पर पहाड़ गिरने से छह लोगों की मृत्यु हुई है जिसमें से दो स्थानीय और बाकी पुलिसकर्मी थे। मौके पर पहुंची टीमें लापता की तलाश कर रही हैं। इस टाटा सूमो में पुलिस के नौ जवानों सहित 11 लोग सवार थे, जिन में से चार जवानों सहित छह लोगों की मौत हो गई है और चार जवान घायल बताए जा रहे हैं।

दुर्घटना के करणों के बारे में पता करने पर सूत्रों से सूचना प्राप्त हुई है कि तरवाही नामक स्थान पर पहाड़ी से पत्थर गिरकर सीधा ड्राइवर की गर्दन के ऊपर गिरा जिस कारण ड्राइवर की गर्दन टूट गई और गाड़ी सीधी ढांक से गिरकर बैरा नदी में जा गिरी है। इस दुर्घटना के कारण अभी तक छह लोगों की मृत्यु हो चुकी है और बाकी घायलों की स्थिति भी नाजुक बनी हुई है।

पुलिस ने हादसे में जान गंवाने वाले पुलिस जवानों की पहचान सब इंस्पेक्टर राकेश गौरा, मुख्य आरक्षी प्रवीण टंडन, आरक्षी कमलजीत, आरक्षी सचिव व आरक्षी अभिषेक के रूप में की है। साथ में वाहन चालक चंदू राम पुत्र जयदयाल निवासी मंगली की भी मौत हुई है।

इसके अलावा पुलिस जवान आरक्षी अक्षय, आरक्षी लक्ष्य मोगरा ,आरक्षी सचिन व मुख्य आरक्षी राजेंद्र के अलावा मंगली निवासी पंकज कुमार गंभीर रूप से घायल है। गंभीर रूप से घायल लोगों को दिशा अस्पताल भर्ती करवाया गया है बताया जा रहा है कि ये जवान पुलिस चौक पोस्ट मंगली के थे।

एसडीएम जोगिंद्र पटियाल ने बताया कि छह लोगों की मौत हुई है। एक की तलाश जारी है। तीन घायलों को मेडिकल कालेज चंबा रैफर किया गया है। उन्होंने बताया कि एक सिविल अस्पताल तीसा में उपचाराधीन है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। हादसे के कारणों की जांच कर रही है।

राहुल गांधी ने मानसिक संतुलन खो दिया है : प्रह्लाद जोशी

नई दिल्ली। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में दिए गए बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है, ऐसा लगता है कि राहुल गांधी ने अपना मानसिक संतुलन खाे दिया है।

जोशी ने संसद के मानसून सत्र के समापन के बाद शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में गांधी के इस बयान के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि एक ऐसा लगता है कि गांधी ने मानसिक संतुलन खो दिया है। यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे देखकर अफसोस होता है कि यह इतनी पुरानी पार्टी कहां पहुुंच गई है।

उल्लेखनीय है कि गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा में जब विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे तो दो घण्टे 13 मिनट के भाषण में उन्होंने आखिर में मणिपुर पर अपनी बात रखी। गांधी ने कहा कि मणिपुर को लेकर मोदी कितना गंभीर हैं इस बात का पता भाषण के दौरान उनके हावभाव में साफ झलक रहा था। वह जब बोल रहे थे तो मुस्कुरा रहे थे, उनके चेहरे पर पीड़ा का भाव कहीं नहीं था। सदन में नारे लग रहे थे और इससे साबित होता है कि वह मणिपुर में शांति नहीं चाहते हैं।

यह पूछे जाने पर कि गांधी ने ‘भारत माता’ शब्द को लोकसभा की कार्यवाही से हटाये जाने पर भी सवाल खड़ा किया है, जोशी ने कहा कि कांग्रेस के नेता कभी भी भारत माता शब्द नहीं बोलते थे लेकिन यह अच्छी बात है कि अब वे भी भारत माता की जय बोल रहे हैं।

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार की बार बार अपील के बावजूद विपक्षी दलों ने संसद की कार्यवाही में सक्रिय रूप से हिस्सा नहीं लिया और विधेयकों को पारित किए जाने के समय या तो वे सदन से बहिर्गमन कर गये या हंगामा करते रहे। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने केवल एक विधेयक दिल्ली सेवा विधेयक में ही चर्चा में हिस्सा लिया।

उन्होंने कहा कि मणिपुर की स्थिति पर सरकार की सहमति के बावजूद विपक्ष ने चर्चा नहीं होने दी और विपक्षी सदस्य इस मुद्दे पर चर्चा चाहते ही नहीं थे। उन्होंने कहा कि इससे लगता है कि विपक्ष की विधेयकों पर चर्चा में हिस्सा लेने की रूचि ही नहीं थी। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विपक्ष को समझ आएगी और वह इस वर्ष के अंत में होने वाले शीतकालीन में सत्र में कार्यवाही में सक्रिय रूप से हिस्सा लेगा।

संसदीय कार्य मंत्री ने मानसून सत्र को बेहद सफल बताते हुए कहा कि सत्र के दौरान लोकसभा में 20 और राज्यसभा में 5 विधेयक पेश किए गए। लोकसभा में 22 तथा राज्यसभा में 25 विधेयक पारित किए गए। दोनों सदनों में 23 विधेयक पारित किए गए। उन्होंने कहा कि लोकसभा की उत्पादकता 45 प्रतिशत तथा राज्यसभा की उत्पादकता 63 फीसदी रही।

मोदी नहीं चाहते है मणिपुर में शांति बहाली : राहुल गांधी

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करते हुए शुक्रवार को कहा कि वह संसद और संसद के बाहर इस संकट को लेकर कुछ बोलना नहीं चाहते और इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं जिससे साबित होता है कि वह मणिपुर में शांति बहाली नहीं चाहते हैं।

गांधी ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी लोकसभा में जब विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे तो दो घण्टे 13 मिनट के भाषण में उन्होंने आखिर में मणिपुर पर अपनी बात रखी है। वह मणिपुर को लेकर कितना गंभीर है इस बात का पता भाषण के दौरान उनके हावभाव में साफ झलक रहा था। वह जब बोल रहे थे तो मुस्कुरा रहे थे, उनके चेहरे पर पीड़ा का भाव कहीं नहीं था। सदन में नारे लग रहे थे और इससे साबित होता है कि वह मणिपुर में शांति नहीं चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि यह देख कर आश्चर्य होता है कि मणिपुर जल रहा है, वहां एक समुदाय के लोग दूसरे समुदाय के लोगों की जान लेने पर उतारू हैं, लेकिन मोदी इस मुद्दे पर संसद में पुख्ता बात कहने की बजाय कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों और उनके नेताओं का नाम लेकर उन पर हमला कर रहे हैं, गठबंधन और उसमें शामिल दलों पर हमला कर रहे हैं लेकिन मणिपुर की समस्या को हल्के-फुल्के में लेकर इस मुद्दे पर गंभीरता से कोई बात नहीं कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को सोचना चाहिए कि वह किसी दल विशेष या क्षेत्र विशेष के नेता नहीं हैं बल्कि वह देश के प्रधानमंत्री हैं। मोदी जब बोलते हैं तो बोलते समय उनकी बातों में प्रधानमंत्री का स्तर नहीं झलकता है। देश के नेता का जैसा हावभाव उनमें देखने को नहीं मिलता है। मणिपुर जैसे मुद्दे पर जब वह हल्की-फुल्की बात करते हैं और इस त्रासदी पर बोलते हुए हंसते हैं तो साफ हो जाता है कि वह मणिपुर को बहुत हल्के में ले रहे हैं, वहां शांति बहाल हो इस बारे में वह सोचते भी नहीं हैं।

गांधी ने कहा कि वह करीब दो दशक से राजनीति में हैं लेकिन मणिपुर में जो कुछ हुआ है ऐसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। वह मणिपुर गए तो उन्होंने वहां के लोगों की त्रासदी और हकीकत को देखा है और इसीलिए उन्होंने कहा कि मणिपुर की हत्या की जा रही है। वहां स्थिति को संभालने के लिए कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। एक समुदाय के लोग दूसरे समुदाय के लोगों के हत्या करने के लिए हजारों हथियार लूट लेते हैं, सब कुछ मुख्यमंत्री के सामने हो रहा है लेकिन मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है।

होंडा की नई सीडी 110 ड्रीम डीलक्स लॉन्च, कीमत 73400 रुपए

नई दिल्ली। दोपहिया वाहन बनाने वाली प्रमुख कंपनी होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) ने आज नई सीडी110 ड्रीम डीलक्स के लॉन्च की घोषणा की जिसकी दिल्ली में एक्स शोरूम कीमत 73400 रुपए है।

कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि भारत में होंडा की सबसे किफ़ायती मोटरसाइकिल की अगली पीढ़ी के रूप में यह नया मॉडल आधुनिक टेक्नोलॉजी, आरामदायक फीचरों और आकर्षक स्टाइलिंग के साथ मोटरसाइकिल सेगमेन्ट को नया आयाम देने के लिए तैयार है।

उसने कहा कि नई ओबीडी2 कम्पलायन्ट सीडी 110 ड्रीम डीलक्स के लॉन्च के साथ भारतीय मोटरसाइकिल बाज़ार में कीमत और परफोर्मेन्स को नया आयाम देने के लिए वह तैयार है।

अगली पीढ़ी की यह मोटरसाइकिल, आराम, सुविधा और विश्वसनीयता के साथ उपभोक्ताओं को बेजोड़ मूल्य प्रदान करने की एचएमएसआई की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। सीडी110 ड्रीम डीलक्स होंडा के आधुनिक एन्हान्स्ड स्मार्ट पावर (ईएसपी) से युक्त ओबीडी2 कम्प्लायन्ट पीजीएम एफआई इंजन के साथ आती है।

चेन्नई में पुझल सेंट्रल जेल की महिला कैदी चलाएंगी पेट्रोल पंप

फ्रीडम फिलिंग स्टेशन का उद्घाटन

चेन्नई। कैदियों के सुधार और पुनर्वास के उद्देश्य से एक अग्रणी पहल के तहत यहां के पुझल सेंट्रल जेल की महिला कैदियों द्वारा संचालित देश का पहले खुदरा पेट्रोल आउटलेट ‘फ्रीडम फिलिंग स्टेशन’ का उद्घाटन किया गया।

तमिलनाडु के कानून और जेल मंत्री एस रघुपति ने महिलाओं के लिए विशेष जेल के पास पुझल में ‘फ्रीडम फिलिंग स्टेशन’ का उद्घाटन किया। यह कैदियों द्वारा चलाया जाने वाला छठा और महिला कैदियों द्वारा चलाया जाने वाला पहला पेट्रोल रिटेल आउटलेट है। कैदियों के सुधार और पुनर्वास के लिए जेल और सुधार सेवा विभाग की पहल के हिस्से के रूप में, शिक्षा, कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण लागू किया गया है।

रघुपति ने कहा कि देश में पहली बार इस खुदरा पेट्रोल आउटलेट का प्रबंधन पूरी तरह से महिला कैदियों द्वारा किया जाएगा। इस आउटलेट में लगभग 30 महिला कैदियों को दिन की पाली में और लगभग 17 पुरुष कैदियों को रात की पाली में नियोजित किया जाएगा। प्रत्येक कैदी को मासिक वेतन के रूप में छह हजार रुपये दिए जाएंगे।

पुलिस महानिदेशक, कारागार एवं सुधार सेवाएं अमरेश पुजारी ने कहा कि इस पहल के माध्यम से महिला कैदियों को नए कौशल सीखने और कार्य अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिलता है, जो उन्हें रोजगार खोजने में मदद कर सकता है।

उन्होंने कहा कि उनकी रिहाई के बाद यह पहल कैदियों को बाहरी दुनिया के सामने लाएगी और उन्हें ग्राहकों तथा समाज के साथ बातचीत करने में मदद करेगी, जिससे उनके सामाजिक कौशल में सुधार हो सकता है और उनका अलगाव कम हो सकता है।

कैदियों द्वारा संचालित पांच पेट्रोल खुदरा दुकानें पुझल, वेल्लोर, कोयंबटूर, पलायमकोट्टई और बोरस्टल स्कूल पुदुक्कोट्टई में केंद्रीय कारागार के परिसर में फ्रीडम फिलिंग स्टेशन के नाम से काम कर रही हैं। नया आउटलेट राज्य में छठा आउटलेट है जो महिला कैदियों द्वारा संचालित किया जा रहा है। राज्य में पांच और जल्द ही चालू हो जाएंगे।

डीआईजी जेल ए मुरुगेसन ने बताया कि इस साल 31 मार्च तक की अवधि के लिए सभी फ्रीडम पेट्रोल रिटेल आउटलेट्स में बिक्री, अर्जित शुद्ध लाभ और कैदियों को भुगतान की गई मजदूरी की कुल राशि क्रमशः 847.31 करोड़ रुपए, 23.94 करोड़ रुपए और 2.37 करोड़ रुपए थी।

भारतीय बच्ची अरिहा को जर्मनी से वापस लाने को सकल जैन समाज ने सौंपा ज्ञापन

नई दिल्ली। सकल जैन समाज ने भारतीय बच्ची अरिहा को जर्मनी से वापस लाने के लिए गुरुवार को को संसद भवन के समक्ष प्रदर्शन किया और भारत में जर्मन राजदूत को एक ज्ञापन सौंपा।

सकल जैन समाज के प्रतिनिधि और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में मध्यप्रदेश पैनल के पूर्व सदस्य अवनीश जैन ने यहां संवाददाताओं को बताया कि लगभग दो साल से भारतीय बच्ची अरिहा को जर्मनी के बाल सुधार गृह में रखा गया है। इस बच्ची को उसकी माता पिता से नहीं मिलने दिया जा रहा है। भारतीय दूतावास के अधिकारियों को भी इस बच्ची से मिलने की अनुमति नहीं है।

जैन ने कहा कि बच्ची को भारतीय संस्कृति से दूर किया जा रहा है। वह जैन बच्चा है लेकिन उसे खाने में मांस का आहार दिया जा रहा है। उन्होेंने कहा कि भारत में जल्दी ही जैन समाज के महत्वपूर्ण पर्यूषण पर्व और जन्माष्टमी का उत्सव आरंभ होने वाला है। ऐसे में अरिहा को भारतीय परिवेश में लाने की अनुमति दी जानी चाहिए जिससे वह वह पारिवारिक परिवेश को देख समझ सके।

उन्होंने कहा कि जैन समाज और कई मानवाधिकार संगठन अरिहा को उसके माता पिता को सौंपने की मांग कर रहे हैं। पिछले दिनाें अरिहा के माता पिता और अन्य लोगों ने विभिन्न सांसदों से मुलाकात की थी। जर्मन राजदूत को सौंपे में गए ज्ञापन में कहा गया है कि अरिहा को जर्मनी में भारतीय समुदाय के साथ स्वतंत्रता दिवस एवं अन्य भारतीय त्योहार मनाने की अनुमति दी जानी चाहिए।

सृजन घोटाले की फरार मुख्य अभियुक्त रजनी प्रिया को भेजा गया जेल

पटना। बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाले के 24 से अधिक मामलों में आरोपित और छह साल से फरार चल रही मुख्य अभियुक्त रजनी प्रिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने आज न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया।

सीबीआई ने रजनी प्रिया को दिल्ली में गिरफ्तार करने के बाद गाजियाबाद की एक अदालत से ट्रांजिट रिमांड लेकर पटना स्थित सीबीआई के विशेष प्रभारी न्यायाधीश महेश कुमार की अदालत में पेश किया, जहां अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में लेने के बाद 21 अगस्त 2023 तक के लिए पटना के आदर्श केंद्रीय कारागार बेउर भेजने का आदेश दिया।

मामला करोड़ो रुपयों के सृजन घोटाला से जुड़ा है। अदालत में मामला विशेष वाद संख्या 12/2020 के रूप में दर्ज है जबकि सीबीआई ने इस मामले की प्राथमिकी आरसी 14/ ए/2017 के रूप में दर्ज की थी। आरोप के अनुसार भागलपुर जिले में महिला सशक्तिकरण एवं सुदृढ़ीकरण की सरकारी योजनाओं की करोड़ों रुपयों की सरकारी राशि का सरकारी कर्मचारियों एवं सृजन महिला विकास सहयोग समिति नाम की स्वयंसेवी संस्था की मिलीभगत से धोखाधड़ी एवं जालसाजीपूर्वक गबन का है।

प्रस्तुत मामले में सीबीआई ने भागलपुर के पूर्व जिलाधिकारी केपी रमैया समेत 27 लोगों के खिलाफ 18 मार्च 2020 को आरोप पत्र दाखिल किया है। आरोप पत्र में सृजन की संचालिका मनोरमा देवी को मृत दिखाया गया है जबकि मनोरमा देवी के पुत्र अमित कुमार एवं पुत्रवधू रजनी प्रिया को फरार दिखाया गया था।

बाद में अदालत से जारी वारंट के आधार पर भी जब इन दोनों की गिरफ्तारी नहीं हुई तब अदालत ने 20 मार्च 2023 को इन दोनों को भगोड़ा घोषित करते हुए गिरफ्तारी का स्थाई गैर जमानती वारंट जारी किया था। अमित कुमार अभी भी फरार है जबकि केपी रमैया इस मामले में जमानत प्राप्त कर चुके हैं।

भंगार को चूरमा जैसे हजम करने में महारथ

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विजय सिंह

अजमेर की ऐतिहासिक आनासागर झील को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के फैसले ने स्मार्ट सिटी के आला अफसरों, भूमाफियाओं, ठेकेदारों और गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले राजनेताओं के खाने कमाने का एक और रास्ता खोल दिया है। यह कहना गलत ना होगा कि पहले इन्हीं की बदौलत आनासागर को छिन्न भिन्न करने की साजिश रची गई और अब ये ही ट्रिब्यूनल के फैसले की आड़ में कमा खाएंगे। यानी समस्या भी इन्हीं की पैदा की हुई और निदान भी इन्हीं के जिम्मे। यानी चोर ही चोर को पकडे और फिर साहूकार बन मलाई खाए।

कुछ ऐसी ही बानगी हाल ही आनासागर झील में लगाए गए फ्लोटिंग ब्रिज के मामले में भी देखने में आई। ब्रिज लगा तो खूब खबरें और फोटो छपीं। ब्रिज ने निर्धारित जिंदगी जीने से पहले ही दम तोड़ दिया। यह बात अलग है कि जिंदा हाथी लाख का मरा सवा लाख का वाली तर्ज पर भंगार हुआ ब्रिज मालामाल कर गया। ब्रिज के अवशेष कहां हैं किसी को कोई खबर नहीं।

कुछ ऐसा ही हाल पूर्व में आनासागर झील के किनारे पर सुरक्षा कवच के लिए लाखों रुपए खर्च कर करीब 5 फीट ऊंचाई तक की लगाई गई रैलिंग का भी हुआ। पाथ-वे निर्माण के दौरान निकाली गई रैलिंग भी निपटा दी गईं। एलिवेटेड रोड का सपना सच हुआ, लेकिन यह गेल इंडिया की ओर से बरसों पहले स्टेशन रोड के डिवाइडर पर लगाई गई रैलिंग को लील गया। ये किसके हिस्से में गई, कौन डकार गया? रेलवे स्टेशन के सामने फुटओवर ब्रिज का लोहा कौन निगल गया?

अजमेर की भोली भाली जनता के लिए यह जानना जरूरी हो गया है कि जब बाड़ ही खेत को खा रही है तो रखवाली का जिम्मा किसको सौंपे। नगर परिषद से नगर निगम बनने के बाद सभापति से मेयर व पार्षद से काउंसलर पद का तमगा लगाकर वातानुकूलित चौपहिया वाहनों में बैठे बैठे रुआब झाड़ने वालों ने किसका भला किया, सिर्फ खुद के सिवा।

अब चौपाटी किनारे बनाए गए सेवन वंडर्स और पाथ-वे को तोड़ने की बातें चल पड़ी हैं। अगर ये भी टूटते हैं तो इसका महंगा मलबा-पत्थर जीमने वाले अभी से चटखारे लेने लगे हैं। टूटना मुश्किल है, शिफ्टिंग की बात कोई नहीं कर रहा है। 100 करोड़ का चूरमा बनाकर जीमने वाले सूरमा अब क्या गली निकालते हैं, यह देखना रोमांचक होगा।

मणिपुर में शांति का सूरज उगेगा, राजनीति न की जाए : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से मणिपुर की धटनाओं पर राजनीति न करने की अपील करते हुए गुरुवार को कहा कि राज्य में शांति स्थापित करने के लिए सबको साथ लेकर चलने का एक विश्वास जगाने का प्रयास निरंतर चल रहा है और वहां शांति का सूर्योदय जरूर होगा।

मोदी ने विपक्षी कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा सरकार के विरुद्ध लोक सभा में रखे गए प्रस्ताव पर तीन दिन की चर्चा का जवाब दे रहे थे। मंगलवार को इस प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करते हुए कांग्रेस के नेता गौरव गोगोई ने कहा कि यह प्रस्ताव मणिपुर पर प्रधानमंत्री का मौनव्रत तोड़ने के लिए लाया गया है। प्रधानमंत्री के करीब ढाई घंटे के उत्तर के बाद सदन ने अविश्वास प्रस्ताव को ध्वनिमत से खारिज कर दिया। प्रस्ताव पर ध्वनिमत से पहले विपक्षी सदस्य बहिर्गमन कर गए थे।

मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव की पर हुई चर्चा के जवाब में विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस पर केवल सत्ता की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मणिपुर की समस्या पुरानी है और उनकी सरकार पिछले छह साल से वहां की समस्याओं का समाधान निकालने के प्रयास में लगी हुई है।

प्रधानमंत्री ने मणिपुर में हाल की हिंसा के दौरान महिलाओं के साथ हुए अपराध को अक्षम्य बताते हुए आश्वासन दिया कि अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि देश के सभी नागरिकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जिस प्रकार से प्रयास चल रहे हैं निकट भविष्य में शांति का सूरज जरूर उगेगा। मणिपुर फिर एक बार नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेगा। मैं मणिपुर के लोगों से भी आग्रह पूर्वक कहना चाहता हूंए वहां की माताओं, बहनों, बेटियों से कहना चाहता हूं देश आपके साथ है, ये सदन आपके साथ है।

प्रधानमंत्री ने कहा हम सब मिलकर के कोई यहां हो या ना हो, हम सब मिलकर के इस चुनौती का समाधान निकालेंगे, वहां फिर से शांति की स्थापना होगी। मैं मणिपुर के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि मणिपुर फिर विकास की राह पर तेज गति से आगे बढ़े उसमें कोई प्रयासों में कोई कसर नहीं रहेगी।

उन्होंने कहा कि मणिपुर में जो सरकार है और पिछले छह साल से इन समस्‍याओं का समाधान ढूंढने के लिए लगातार समर्पित भाव से कोशिश कर रही है। बंद और ब्‍लॉकेट का जमाना कोई भूल नहीं सकता है। मणिपुर में आए दिन बंद और ब्‍लॉकेट होता था। वो आज बीते दिन की बात हो चुकी है।

मोदी ने कहा कि शांति स्‍थापना के लिए हरेक को साथ लेकर चलने के लिए एक विश्‍वास जगाने का प्रयास निरंतर हो रहा हैए आगे भी होगा। और जितना ज्‍यादा हम राजनीति को दूर रखेंगेए उतनी शांति निकट आएगी। यह मैं देशवासियों को विश्‍वास दिलाना चाहता हूं।

उन्होंने कहा कि विपक्ष ने गृह मंत्री के साथ मणिपुर की चर्चा पर सहमति दिखाई होती तो अकेले मणिपुर विषय पर विस्तार से चर्चा हो सकती थी। हर पहलू पर चर्चा हो सकती थी। और उनको भी बहुत कुछ कहने का मौका मिल सकता था। लेकिन उनको चर्चा में रस नहीं था।

प्रधानमंत्री ने कहा, कल अमित शाह ने विस्तार से इस विषय की चीजें जब रखी तो देश को भी आश्चर्य हुआ है कि ये लोग इतना झूठ फैला सकते हैं। मोदी ने कहा कि हमने कहा था कि अकेले मणिपुर के लिए आओ चर्चा करो, गृहमंत्री जी ने चिट्ठी लिखकर के कहा था। उनके विभाग से जुड़ा विषय था। लेकिन साहस नहीं था, इरादा नहीं था और पेट में पाप था, दर्द पेट में हो रहा था और फोड़ रहे थे सर, इसका ये परिणाम था।

उन्होंने कहा मणिपुर की स्थिति पर गृह मंत्री शाह ने कल दो घंटे तक विस्तार से और बड़े धैर्य से रत्ती भर भी राजनीति के बिना सारे विषय को विस्तार से समझाया, सरकार की और देश की चिंता को प्रकट किया और उसमें देश की जनता को जागरूक करने का भी प्रयास था। उसमे इस पूरे सदन की तरफ से एक विश्वास का संदेश मणिपुर को पहुंचाने का इरादा था। उसमें जन सामान्य को शिक्षित करने का भी प्रयास था। एक नेक ईमानदारी से देश की भलाई के लिए और मणिपुर की समस्या के लिए रास्ते खोजना एक प्रयास था। लेकिन सिवाय राजनीति के कुछ करना नहीं है, इसलिए इन्होंने यही खेल किए, यही स्थिरता की।

उन्होंने शाह के वक्तव्य का हवाला देते हुए कहा कि मणिपुर में अदालत का एक फैसला आया। अब अदालतों में क्या हो रहा है वो हम जानते हैं। और उसके पक्ष विपक्ष में जो परिस्थितियों बनीं, हिंसा का दौर शुरू हो गया और उसमें बहुत परिवारों को मुश्किल हुई। अनेकों ने अपने स्वजन भी खोएं। महिलाओं के साथ गंभीर अपराध हुआ और ये अपराध अक्षम्य है और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार मिलकर के भरपूर प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि यहां सदन में मां भारती के बारे में जो कहा गया है, उसने हर भारतीय की भावना को गहरी ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि पता नहीं क्यों कुछ लोग भारत मां की मृत्यु की कामना करते नजर आ रहे हैं। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है।

उन्होंने कहा कि ये वो लोग हैं जो कभी लोकतंत्र की हत्या की बात करते हैं, कभी संविधान की हत्या की बात करते हैं। दरअसल जो इनके मन में है, वही उनके कृतित्व में सामने आ जाता है। ये वो लोग जिन्होंने मां भारती के तीन तीन टुकड़े कर दिए। ये वो लोग हैं जिन्होंने तुष्टीकरण की राजनीति के चलते वंदे मातरम गीत के भी टुकड़े कर दिए इन लोगों ने।

प्रधानमंत्री ने कहा ये वो लोग हैं जो भारत तेरे टुकड़े होंगे का नारा लगाने वाले लोगों का प्रोत्साहन करने के लिए पहुंच जाते हैं। ये उन लोगों की मदद कर रहे हैं जो ये कहते हैं कि सिलीगुड़ी के पास जो छोटा सा नॉर्थ ईस्ट को जोड़ने वाला कॉरिडोर है, उसको काट दें तो बिल्कुल नॉर्थ ईस्ट अलग हो जाएगा।

मोदी ने कहा कि कांग्रेस के साथ खड़े तमिलनाडु में डीएमके पार्टी के मुख्यमंत्री मुझे चिट्ठी लिखते हैं कि मोदी जी कच्चातिवु वापस ले आइए। इसे श्रीलंका को इंदिरा गांधी के नेतृत्व में दिया गया था। कांग्रेस का इतिहास मां भारती को छिन्न भिन्न करने का रहा है।

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों पर पूर्वोत्तर के साथ केवल सौतेला और उपेक्षा का व्यवहार करने का आरोप लागते हुए कहा कि उनकी सरकार पूर्वोत्तर राज्यों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। वैश्विक पविर्तनों के बीच दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्व एशिया के तेज विकास की संभावनाओं को देखते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास के केंद्र में आने वाला है!

मोदी ने पूर्वोत्तर की उपेक्षा के संदर्भ में 5 मार्च 1966 को मिजोरम में असहाय नागरिकों पर वायुसेना के माध्यम से हमला करवाये जाने, अकाल तख्त पर कार्रवाई, 1962 में चीन के हमले के दौरान असम और पूर्वोत्तर को उनके भाग्य पर छोड़ देने वाले तत्कालीन प्रधानमंत्री के रेडियो प्रसारण का जिक्र किया। मोदी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट में वहां के लोगों के विश्वास की इन्होंने हत्या की है। वो घाव किसी न किसी समस्या के रूप में उभर करके आते हैं, इन्हीं के ये के कारनामे हैं।

उन्होंने अपने को लोहिया के वारिस बताने वाले और अब कांग्रेस के साथ खड़े दल समाजवादी नेताओं पर भी करारा प्रहार किया। उन्होंने याद दिलाया कि लोहिया जी ने कहा था और वो आरोप था कि जान बूझकर नेहरू जी नॉर्थ ईस्ट का विकास नहीं कर रहे थे, जान बूझ करके नहीं कर रहे थे और लोहिया जी के शब्द हैं।

ये कितनी लापरवाही वाली और कितनी खतरनाक बात है 30 हजार वर्ग मील से बड़े क्षेत्र को एक कोल्ड स्टोरेज में बंद करके उसे हर तरह के विकास से वंचित कर दिया गया है। ये लोहिया जी ने नेहरू पर आरोप लगाया था कि नॉर्थ ईस्ट के लोगों के हृदय को, उनकी भावनाओं को आपने कभी समझने की कोशिश नहीं की है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे मं‍त्री परिषद के 400 मंत्री रात्रि निवास करके वो अकेले स्टेट हेड क्वार्टर में नहीं, डिस्ट्रिक हेड क्वार्टर के तौर पर। और मैं स्वयं 50 बार गया हूं। ये आंकड़ा नहीं है सिर्फ ये साधना है। ये नॉर्थ ईस्ट के प्रति समर्पण है।

देश में विपक्ष के लिए लोकतंत्र से बड़ा दल : वसुंधरा राजे

जयपुर। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि देश में विपक्ष ने पूर्ण बहुमत से चुनी हुई सरकार के खिलाफ अकारण अविश्वास प्रस्ताव लाकर सिद्ध कर दिया है कि लोकतंत्र से बड़ा उनके लिए दल है और राष्ट्र से पहले राजनीति उनकी प्राथमिकता है।

राजे ने विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के गिर जाने के बाद यह बात कही। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि मोदी के नेतृत्व में पिछले चार साल में केंद्र सरकार द्वारा कई ऐसे बिल लाए गए थे जो गांव, गरीब, दलित, किसान, पिछड़ों और आदिवासियों के कल्याण के लिए थे। देश के हर वर्ग का भविष्य इन बिलों से जुड़ा हुआ था लेकिन विपक्ष ने इनमें कभी कोई रुचि नहीं दिखाई।

उन्होंने कहा कि परंतु जनता के द्वारा पूर्ण विश्वास के साथ पूर्ण बहुमत से चुनी हुई सरकार के खिलाफ अकारण अविश्वास प्रस्ताव लाकर विपक्ष ने सिद्ध कर दिया है कि लोकतंत्र से बड़ा उनके लिए दल है। राष्ट्र से पहले उनकी प्राथमिकता राजनीति है। इसलिए प्रधानमंत्री ने सच ही कहा है कि विपक्ष को गरीब की भूख की चिंता नहीं है बल्कि सत्ता की भूख ही उनके दिमाग पर सवार है।

राजे ने कहा कि कांग्रेस सहित समस्त विपक्षी दलों को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि देश आपको देख रहा है, आपके एक-एक शब्द को, प्रतिक्रिया को गौर से सुन रहा है। देश को आपसे एक बेहतर विपक्ष की उम्मीद है, जो राष्ट्रहित के मुद्दों पर बात करें, जनता से जुड़े सवाल करें। लेकिन शायद दलगत राजनीति को ढाल बनाकर लोकतंत्र को छलनी करना अब आपकी आदत बन चुकी है। इसीलिए हर बार देश को निराशा के सिवा आपने कुछ नहीं दिया है।