जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सोमवार को पाटीदार, पटेल, आंजना, डांगी पटेल सहित विभिन्न समाजों के प्रतिनिधिमण्डल ने मुलाकात कर राजस्थान राज्य सरदार पटेल बोर्ड के गठन के लिए उनका आभार जताया।
गहलोत से मुख्यमंत्री निवास पर मिलकर प्रतिनिधिमण्डल ने उनका आभार व्यक्त किया। इस दौरान गहलोत ने कहा कि बोर्ड के जरिए पाटीदार, पटेल, आंजना, डांगी पटेल सहित विभिन्न समाजों के उत्थान और विकास का कार्य किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने देश की एकता और अखण्डता के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। श्री गहलोत ने कहा कि उनकी सोच और विचारधारा का सम्मान करने के लिए राज्य सरकार ने राजस्थान राज्य सरदार पटेल बोर्ड का गठन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जनहित और विकास की योजनाएं बनाने में इतिहास रचा है। राजस्थान की योजनाओं को आधार बनाकर अन्य राज्य अपना घोषणा पत्र तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य का अधिकार, ओपीएस, 25 लाख का मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा जैसे बड़े फैसले देश में मिसाल हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों और किसानों के हित में कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। लम्पी रोग से मृत गायों के लिए पशुपालकों को प्रति गाय 40 हजार तक का मुआवजा दिया गया है। राज्य सरकार ने 5 वर्षों में गौशालाओं एवं नंदीशालाओं को 3 हजार करोड़ रुपए का अनुदान दिया है। पशुपालकों को दूध पर 5 रुपए प्रति लीटर अनुदान तथा प्रति परिवार दो दुधारू पशुओं का 40-40 हजार रुपए का बीमा निःशुल्क किया गया है।
गहलोत ने कहा कि महंगाई राहत कैम्प से लोगों को महंगाई से राहत दी गई है। 500 रुपए में गैस सिलेण्डर, अन्नपूर्णा फूड पैकेट, 100 यूनिट फ्री घरेलू बिजली, 2000 यूनिट निःशुल्क कृषि बिजली तथा न्यूनतम 1 हजार रुपए मासिक सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलने से प्रदेशवासियों को बड़ी राहत मिली है।
उन्होंने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) विभिन्न जिलों के लिए महत्वपूर्ण परियोजना है। राज्य सरकार लगातार केन्द्र सरकार से इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग कर रही है। साथ ही सरकार स्वयं के संसाधनों पर इसे आगे बढ़ा रही है। उन्होंने बताया कि शहरों की तरह ही अब गांवों में भी इंदिरा रसोई योजना शुरू की है। इसमें आठ रुपए में सम्मानपूर्वक पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है।