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दो बच्चों एवं पति को छोडकर पाकिस्तान गई अंजु के खिलाफ मुकदमा दर्ज

अलवर। अपने दो बच्चों और अपने पति को अलवर के भिवाड़ी से छोड़कर अपने प्रेमी नसरुल्ला से मिलने गई पाकिस्तान गई अंजू के खिलाफ उसके पति अरविंद ने भिवाड़ी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

जिला पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मामला दर्ज कर कारवाही की जाएगी। भिवाड़ी के फूलबाग थाने में दर्ज मामला दर्ज कराया गया है। धारा 366, 494, 500, 506 आईपीसी, 66 आईटी एक्ट में मामला दर्ज किया गया है। अरविन्द ने शादीशुदा होने के बावजूद दूसरी शादी कर धोखा देने और पाकिस्तान से वाट्सअप कॉल पर धमकी देने का मामला दर्ज कराया है।

पाक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अंजू नें पाकिस्तान में धर्म परिवर्तन करके अपना नाम फातिमा रखकर नसरुल्लाह से निकाह कर लिया। अब बताया जा रहा है कि अंजू का वीजा दो माह और बढ़ गया है।

इधर, सहायक पुलिस अधीक्षक सुजीत शंकर ने बताया कि अरविंद ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि उसकी शादी अन्जू पुत्री अेपी थॉमस ईसाई, हरचदपुर, भिवाड़ी जिला अलवर के साथ ईसाई धर्म एवं रीति स्वाज के अनुसार बिना किसी दान-दहेज के साधारण तरीके से भिवाडी चर्च में तीन जनवरी 2007 को सम्पन्न हुई थी, जिसके बाद अन्जू बतौर पति-पत्नी जाति एवं पूर्वक भिवाडी जिला अलवर में साथ-साथ रहने लगे।

वैवाहिक सम्बन्धों के चलते अन्जू से एक पुत्री एजल 27 अक्तूबर 2007 को तथा एक पुत्र आरोन 26 अक्तूबर 2017 को पैदा है। उसके बाद अपनी पत्नी अन्जू बच्चों के साथ भिवाडी जिला अलवर (राजस्थान) में रहने लगे।

पत्नी अन्जू पाकिस्तान प्रान्त में रह रहे नसरुल्ला से सोशियल मीडिया फेसबुक के माध्यम से सम्पर्क में आई तथा नसरुल्ला ने मेरी विवाहिता पत्नी अन्जू को झूठे आश्वासन एवं ऊंचे-ऊंचे ख्वाब दिखाकर एवं प्रलोभन देकर बहला फुसला लिया तथा यह जानते हुए कि अन्जू एक शादीशुदा और उसका पति जीवित है एवं उसके दो बच्चे हैं। को पाकिस्तान आने के लिए विवश कर पाकिस्तान बुला लिया, जिस पर पर अन्जू 21 जुलाई 2023 को समय दोपहर करीब 2.48 बजे पर भिवाड़ी से बिना बताए चली गई।

रिपोर्ट में बताया कि अन्जू ने नसरूला से निकाह कर लिया जो मिडिया के माध्यम से पता चला। अभी तक अंजू ने तलाक नहीं लिया है। बिना तलाक (विवाह विच्छेद) के ही पति (प्रार्थी) के जीवनकाल में ही अन्जू ने पाकिस्तान जाकर नसरुल्ला के साथ गैरकानूनी तरीके से दूसरी शादी पुनर्विवाह (निकाह) कर लिया है। उसने मेरा और बच्चों का अकारण ही परित्याग किया हुआ है।

अन्जू व नसरूला के इस आपराधिक कृत्य से मुझे समाज, रिश्तेदारी, देश-विदेश में काफी बदनामी हुई है तथा मान-प्रतिष्ठा धूहल हुई है। इसके बाद अन्जू ने पाकिस्तान से ही मोबाईल से पुत्री एंजल के मोबाईल फोन पर वाट्सअप कर मुझसे बात की तथा गाली गलौच कर फोन पर जान से मरवाने की धमकी दी एवं कहा कि मैं भारत वापिस आकर अपने बच्चों को भी अपने साथ पाकिस्तान ले जाकर नसरूला के साथ ही वहीँ पर रहूंगी तथा तुम्हारा ऐसा ईलाज कर दूंगी कि तुम कही के भी नहीं रहोगे।

रिपोर्ट में बताया कि नसरुल्ला से मुझे और मेरे बच्चों को जान का खतरा बना हुआ है। इस घटना से प्रार्थी को काफी गहरा मानसिक आधात पहुंचा है। उन्होंने नसरुल्ला के खिलाफ कार्रवाही कर गिरफ्तार करने की मांग की है।

तोशखाना मामला : इमरान खान इस्लामाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने तोशाखाना मामले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के आदेश के खिलाफ शनिवार को सुप्रीम कोर्ट (एससी) का दरवाजा खटखटाया। आईएचसी ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ तोशाखाना मामले को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने के उनके अनुरोध को खारिज कर दिया।

जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, आज खान के वकील एडवोकेट ख्वाजा हारिस ने आईएचसी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक औपचारिक आवेदन दायर किया, याचिका के साथ एक डायरी नंबर भी संलग्न किया। अपनी अपील में, पीटीआई अध्यक्ष ने हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द करने के लिए तीसरी बार सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसमें उन्हें चार अगस्त को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर की अदालत में फिर से पेश होने का निर्देश दिया गया था।

अपनी याचिकाओं पर आईएचसी के फैसले के बाद खान ने आज दायर नई याचिका में किए गए अन्य अनुरोधों के अलावा मुकदमे पर स्थगन आदेश जारी करने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया। उन्होंने अनुरोध किया कि नई याचिका पर फैसला आने तक ट्रायल कोर्ट को कार्रवाई करने से रोका जाए। याचिका में तर्क दिया गया कि ट्रायल जज ने ‘नुचित तरीके से और जल्दबाजी में’ तोशखाना मामले को बहस योग्य घोषित कर दिया था और आईएचसी ने मामले को जज दिलावर को वापस भेजकर कानूनी त्रुटि की।

याचिका में सवाल उठाया गया, ‘जिस न्यायाधीश ने किसी मामले को विचारणीय घोषित कर दिया है, वह उसकी स्वतंत्र रूप से दोबारा सुनवाई कैसे कर सकता है’। यह घोषणा करते हुए कि आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने नवीनतम आदेश में याचिकाकर्ता को उसके मौलिक अधिकारों से वंचित कर दिया है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तोशखाना मामले में मुकदमे की कार्रवाई के खिलाफ खान की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने उक्त याचिका वापस ले ली थी। सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने फैसला सुनाया कि ट्रायल कोर्ट उच्च न्यायालय के अंतिम फैसले तक तोशखाना मामले पर फैसला नहीं कर सकता। इस सप्ताह की शुरुआत में, शीर्ष अदालत ने खान को यह कहते हुए मना कर दिया था कि वह आईएचसी के फैसले का इंतजार करें।

उन्होंने बुधवार को कहा था कि हमारा मानना है कि हाई कोर्ट हमसे बेहतर आदेश जारी कर सकता है। संभव है कि वह कल सुनवाई रोकने का आदेश दे देगा।

जयपुर में भाजयुमो ने मुख्यमंत्री निवास के घेराव का किया प्रयास

जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था एवं महिला अत्याचार को लेकर अचानक मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने इन्हें खदेड़ दिया।

नवनियुक्त भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष अंकित चेची ने शनिवार को अपना पदभार संभालते ही अपने कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री निवास का घेराव के लिए निकल पड़े। लेकिन पुलिस ने इन्हें सिविल लाइंस फाटक पर रोक लिया और बिना अनुमति के प्रदर्शन के लिए निकले इन भाजयुमों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने खदेड़ दिया, इस दौरान कुछ कार्यकर्ताओं के चोंटे भी आई।

पुलिस ने चेची सहित कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। मोर्चा सूत्रों ने बताया कि इस दौरान चेची एवं सुमित अग्रवाल, राजकुमार, भीमराज मीना, सुरेन्द्र सिंह सहित कई कार्यकर्ता घायल हो गए।

इस दौरान मीडिया ने जब चेची से बिना अनुमति के ही प्रदर्शन करने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था एवं महिला पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ वे आवाज उठा रहे थे। उल्लेखनीय है कि चेची ने शनिवार को ही पूर्वाह्न करीब 11 बजे भाजपा प्रदेश कार्यालय में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के मौजूदगी में अपना पदभार संभाला था।

कोटा में एक और कोचिंग छात्र भार्गव मिश्रा ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

कोटा। राजस्थान के कोचिंग सिटी कहे जाने वाले कोटा में एक ओर कोचिंग छात्र ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

इस महीने के पहले चार दिन में शहर में किसी कोचिंग छात्र की संदिग्ध अवस्था में मौत की यह दूसरी घटना है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार की रात को किसी समय बिहार के मोतिहारी जिले के रहने वाले कोचिंग छात्र बार भार्गव मिश्रा (17) ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

सूचना मिलने पर जब कमरे का दरवाजा खोलकर मकान मालिक अंदर पहुंचे तब पता चला कि छात्र ने फांसी के फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली है। वह करीब चार महीने पहले ही कोटा में कोचिंग के लिए आया था।

इसके पहले उत्तर प्रदेश के रामपुर निवासी एक कोचिंग छात्र मनजोत सिंह की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी और शुरूआत में यह बताया जा रहा था कि कोचिंग छात्र छात्र ने आत्महत्या की है।

इस बारे में पुलिस और हॉस्टल संचालक की ओर से मृतक छात्र मनजोत सिंह के पिता को फोन पर सूचना दिए जाने के बाद उन्हें प्रथम दृष्टया यह मामला संदिग्ध लगा और उन्होंने इस बात के स्पष्ट निर्देश दिए कि उनके लौटने तक शव का पोस्टमार्टम नहीं किया जाए।

मृतक छात्र के पिता और अन्य परिवारजनों के यहां आने के बाद प्रारंभिक जानकारी लेकर ही उन्होंने इसे आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या का मामला बताते हुए विरोध स्वरूप मृतक छात्र का पोस्टमार्टम कराने और उसका शव उठाने से इंकार कर दिया।

अजमेर रेलवे स्टेशन पर 108 लीटर बीयर के साथ आरोपी अरेस्ट

अजमेर। राजस्थान में अजमेर की जीआरपी थाना पुलिस ने अजमेर रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म पर 216 केन (टिन) बीयर के साथ आरोपी को गिरफ्तार किया है।

अजमेर जीआरपी प्रभारी पुष्पा कांसोटिया ने बताया कि संदिग्ध अवस्था में घूम रहे एक युवक पर शक होने पर तलाशी में उसके पास से अवैध बीयर 216 केन (टिन) यानि कुल 108 लीटर बीयर बरामद की।

पुलिस ने तुरंत आरोपी जसवंत सिंह (28) निवासी मण्डावरिया, थाना बरलूट, जिला सिरोही को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आबकारी एक्ट में प्रकरण दर्ज कर पूछताछ शुरू की है।

राजस्थान अपराध एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने में देश में सबसे आगे : गहलोत

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा है कि मणिपुर से तुलना कर राजस्थान को बदनाम किया जा रहा है जबकि प्रदेश अपराध एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने में देश में सबसे आगे है।

गहलोत ने शनिवार को सवाई मान सिंह स्टेडियम में राजीव गांधी ग्रामीण एवं शहरी ओलंपिक खेल-2023 के शुभारंभ के अवसर पर मीडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य में अपराध एवं भ्रष्टाचार के मामलों के प्रति बहुत गंभीर है और शुक्रवार को ही इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की है और निर्देश दिए गए है कि चाहे भीलवाड़ा की घटना हो, चाहे जोधपुर की किसी भी मामले में किसी आरोपी को नहीं बख्शा जाए। उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा की घटना के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और आठ दस दिन में अदालत में चालान पेशकर शीघ्र सजा दिलाने के प्रयास किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अच्छा बताते हुए कहा है कि उत्तरप्रदेश में बिना मुख्यमंत्री की अनुमति के किसी अधिकारी को एसीबी गिरफ्तार ही नहीं कर सकती। राजस्थान में एसीबी को कोई हस्तक्षेप नहीं करता है और इस मामले में वह स्वतंत्र है और यहां एसीबी ने भ्रष्टाचार के मामले में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, आरपीएससी के सदस्य, महापौर के पति आदि को गिरफ्तार किया है।

उन्होंने कहा कि कहा जा रहा है कि राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों में बहुत पकड़े जा रहे हैं, पकड़े इसलिए जा रहे है कि हम पकड़वा रहे है। इसकी प्रशंसा करनी चाहिए कि बड़ा से बड़ा आदमी भी बख्शा नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने छूट दे रखी है, इसलिए हिन्दुस्तान में राजस्थान की एसीबी ने कीर्तिमान स्थापित किए हैं।

उन्होंने कहा कि मणिपुर की तुलना राजस्थान से करके बदनाम किया जा रहा। उन्होंने कहा कि अपराध की घटनाएं हर राज्य में हो रही है लेकिन राजस्थान को बदनाम किया जा रहा है जहां देश में सबसे ज्यादा कार्रवाई होती है। उन्होंने कहा कि तुलना करके बदनाम करने की राजनीति को हम अस्वीकार करते है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनचलों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मनचले लड़के माहौल खराब करते है, लड़कियों के साथ बदतमीजी एवं छेड़छाड़ करते है तो उनका इलाज करो, उनके नाम आरपीएसी आदि में भेजो। बहन, बेटी के साथ बदतमीजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उन्होंने कहा कि सबको मिलकर समाज को शिक्षित करना चाहिए और परिवार में बच्चों का ध्यान भी रखना चाहिए। उन्होंने ब्यावर के दो नाबालिगों के जोधपुर पहुंच जाने और घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यह नौबत नहीं आनी चाहिए कि बच्चे कहीं भाग जाएं। परिवार को चाहिए कि उनका ध्यान रखे एवं उनकी भावना को भी समझे और उन्हें समझाए भी।

1984 सिख विरोधी दंगा : दिल्ली कोर्ट ने स्वीकार की जगदीश टाइटलर की जमानत याचिका

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में आरोपी कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर की ओर से जमा किए गए जमानत बांड को शनिवार को स्वीकार कर लिया।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) विधि गुप्ता आनंद ने विशेष न्यायाधीश के आदेश के अनुसार जमानत बांड स्वीकार करने के बाद कहा किदस्तावेजों की जांच या आगे की कार्रवाई के लिए 11 अगस्त को रखा जाएगा।

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने शुक्रवार को एक लाख रुपए का जमानत बांड भरने और मामले से संबंधित सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने सहित कुछ शर्तें लगाकर टाइटलर को अग्रिम जमानत दे दी। एसीएमएम ने आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद टायलर को शनिवार को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया।

जांच के बाद, सीबीआई ने 20 मई को आरोप पत्र दायर किया कि टाइटलर ने एक नवंबर, 1984 को पुल बंगश गुरुद्वारा, आज़ाद मार्केट में एकत्रित भीड़ को उकसाया और भड़काया, जिसके परिणामस्वरूप गुरुद्वारा जल गया और इस हिंसा मेंं तीन सिख ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरु चरण सिंह की मौत हो गईयी।

जांच एजेंसी ने इस मामले में टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147 (दंगा), 109 (उकसाने) और धारा 302 (हत्या) के तहत आरोप लगाए हैं। एकतीस अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के एक दिन बाद पुल बंगश क्षेत्र में तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी और एक गुरुद्वारे को आग लगा दी गई थी।

मुख्यमंत्री गहलोत ने किया ग्रामीण एवं शहरी ओलंपिक खेलों का शुभारंभ

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम से प्रदेश में खेल प्रेमियों के बहुप्रतीक्षित राजीव गांधी ग्रामीण एवं शहरी ओलिंपिक खेल-2023 का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर आयोजित प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में गहलोत ने खिलाड़ियों को खेल मशाल सौंपकर प्रज्ज्वलित कराई। साथ ही खिलाड़ियों को खेल भावना और ईमानदारी से खेलने की शपथ भी दिलाई। उन्होंने कहा कि प्रतिभाओं को मंच और सम्मान देना हमारी जिम्मेदारी है। इसमें कमी नहीं रखी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बड़े स्तर पर खेल माहौल तैयार करने के लिए गत वर्ष राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेल का आयोजन किया गया था। इसमें हर वर्ग और उम्र के लगभग 30 लाख खिलाड़ियों ने पंजीयन कराया। यह संख्या इस बार 58.51 लाख पहुंचना एक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि इन खेलों से शहरों से लेकर हर गांव-ढाणी में खेलों का सकारात्मक माहौल बनेगा। इससे आने वाले वर्षों में ओलम्पिक, कॉमनवेल्थ, एशियन जैसे विश्वस्तरीय आयोजनों में राजस्थान के खिलाड़ी पदक जीतते नजर आएंगे।

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन में कोई कमी नहीं रखी है। आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी, नौकरियों में आरक्षण, पुरस्कार विजेता राशि में कई गुना बढ़ोतरी, खेल मैदानों का विकास सहित हरसंभव प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब देश के अन्य राज्यों में राजीव गांधी ग्रामीण एवं शहरी ओलम्पिक खेल और राज्य की खेल नीतियों की चर्चा होना हमारी खेल के प्रति दूरदृष्टि और सफलता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि इस बार का बजट युवाओं को समर्पित किया था। इसमें युवा केन्द्रित योजनाएं लागू की गई। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे योजनाओं का अध्ययन करें और अधिकाधिक लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना में प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी, राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस में 500 होनहार विद्यार्थियों को विदेश में शिक्षा, 100 जॉब फेयर का आयोजन सहित कई प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा विजन 2030 है, हम चहुंमुखी विकास के साथ देश के अग्रणी राज्यों में खड़े होंगे।

गहलोत ने बॉक्सिंग खिलाड़ी खुशी पूनिया, कुश्ती खिलाड़ी अश्विनी विश्नोई, कबड्डी खिलाड़ी जय भगवान, एथलीट नीरज बालोदा, शूटिंगबॉल खिलाड़ी मुस्कान काठेड और शिरीन खान को खेल उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्टेडियम में नवीनीकरण के बाद तैयार आठ लेन के अंतर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पूल का लोकार्पण किया।

इससे पहले युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि राज्य सरकार की खेल प्रोत्साहन सोच एवं कार्यक्रमों से प्रदेश में खेलों का इतिहास ही बदल गया है। आउट ऑॅफ टर्न पॉलिसी के तहत 1500 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियां दी गई है। इससे युवाओं में खेलों के प्रति विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि खेल प्रोत्साहन का ही नतीजा है कि इस वर्ष खेलो इंडिया में राजस्थान चौथे स्थान पर रहा।

राजस्थान राज्य क्रीडा परिषद की अध्यक्ष कृष्णा पूनिया ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया गया है। मैदान में खिलाड़ियों का उत्साह उज्ज्वल भविष्य को दर्शा रहा है।

समारोह में महिला कबड्डी का प्रदर्शन मैच भी खेला गया। इसमें मुख्यमंत्री ने कोर्ट पर पहुंचकर टॉस कराते हुए उनका उत्साहवर्द्धन किया। इसके बाद मंत्रियों ने भी मैच खेला। समारोह में खिलाड़ियों ने मार्च पास्ट किया। अजमेर से नगाड़ा वादक नरेंद्र सोलंकी समूह सहित अन्य राजस्थानी कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया गया है।

समारोह में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री गोविंद राम मेघवाल, राजस्थान राज्य अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष रफीक खान, राज्य केश कला बोर्ड अध्यक्ष महेन्द्र गहलोत, राजस्थान युवा बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम लाम्बा, राजस्थान राज्य क्रीडा परिषद के उपाध्यक्ष सतबीर चौधरी, मुख्य सचिव उषा शर्मा, खेल विभाग के शासन सचिव नरेश ठकराल एवं कई जनप्रतिनिधि, खेलप्रेमी और खिलाड़ी मौजूद थे।

ग्रामीण एवं शहरी ओलंपिक खेल-2023 में खेले जाने वाले खेलों में कबड्डी (बालक/बालिका वर्ग), शूटिंग बॉल (बालक वर्ग), टेनिस बॉल क्रिकेट (बालक/बालिका वर्ग), टेनिस बॉल क्रिकेट (बालक/बालिका वर्ग) खो-खो (बालिका वर्ग), खो-खो (बालिका वर्ग) वॉलीबॉल (बालक/बालिका वर्ग), वॉलीबॉल (बालक/बालिका वर्ग) एथलेटिक्स (100 मी, 200 मी एवं 400 मी), फुटबॉल (बालक/बालिका वर्ग) फुटबॉल (बालक वर्ग) एवं रस्साकशी (बालिका वर्ग) बास्केटबॉल (बालक/बालिका वर्ग) शामिल है।

ग्रामीण एवं शहरी प्रतियोगिताएं 5 अगस्त से 10 अगस्त तक आयोजित होगी जिनमें ब्लॉक स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं 17 अगस्त से 22 अगस्त एवं जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं एक से छह सितंबर तथा राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं पांच से 18 सितंबर तक होगी। इनमें ग्रामीण ओलंपिक खेल में 26.45 लाख पुरुष खिलाड़ी एवं 19.67 लाख महिला खिलाड़ी भाग लेंगे जबकि शहरी ओलंपिक खेल में 7.59 लाख पुरुष एवं 4.79 लाख महिला खिलाड़ी भाग लेंगे। ग्रामीण एवं शहरी दोनों में लगभग 58.51 लाख खिलाड़ियों ने पंजीयन कराया हैं।

हैप्पी बर्थडे : 49 वर्ष की हुई एक्ट्रेस काजोल

मुंबई। बॉलीवुड की जानीमानी अभिनेत्री काजोल आज 49 वर्ष की हो गई। 5 अगस्त 1974 को मुंबई में जन्मी काजोल को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनके पिता सोमु मुखर्जी निर्माता जबकि मां तनुजा जानी मानी फिल्म अभिनेत्री थी। घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण काजोल अक्सर अपनी मां के साथ शूटिंग देखने जाया करती थी। इस वजह से उनका भी रूझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेत्री बनने के ख्वाब देखने लगी।

काजोल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा संत जोसेफ कान्वेंट पंचगनी से की। इसके बाद उन्होंने बतौर अभिनेत्री अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1992 में प्रदर्शित फिल्म ‘बेखुदी’ से की। युवा प्रेम कथा पर बनी इस फिल्म में उनके नायक की भूमिका कमल सदाना ने निभाई लेकिन कमजोर पटकथा और निर्देशन के कारण फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुईयी।

वर्ष 1993 में काजोल को अब्बास-मुस्तान की फिल्म ‘बाजीगर’ में काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म में उनके नायक की भूमिका शाहरूख खान ने निभाई थी। यूं तो पूरी फिल्म शाहरूख खान पर केन्द्रित करके बनाई गई लेकिन काजोल ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया।

वर्ष 1994 काजोल के सिने कैरियर में अहम वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उनकी उधार की जिंदगी, ये दिल्लगी और करण अर्जुन जैसी फिल्म प्रदर्शित हुई। उधार की जिंदगी टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई लेकिन काजोल ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया वहीं बांबे फिल्म जर्नलिस्ट ऐशोसियेशन द्वारा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित की गई।

वर्ष 1994 में ही काजोल को यश चोपड़ा के बैनर तले बनी फिल्म ये दिल्लगी में काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म में उनके नायक की भूमिका अक्षय कुमार और सैफ अली खान ने निभाई। इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए वह पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिए नामांकित की गई।

वर्ष 1995 में काजोल को यश चोपड़ा की ही फिल्म दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने कैरियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई। काजोल और शाहरूख खान के बेहतरीन अभिनय से सजी यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई।

वर्ष 1997 में काजोल को निर्माता निर्देशक राजीव राय की फिल्म ‘गुप्त’ में काम करने का अवसर मिला। वह फिल्म भी सुपरहिट साबित हुई। फिल्म गुप्त में काजोल का किरदार ग्रे शेडस लिए हुए था। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए वह सर्वश्रेष्ठ खलनायक के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गई। फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास का पहला मौका था जब किसी अभिनेत्री को सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया था।

वर्ष 1998 में काजोल के सिने करियर की एक और अहम फिल्म ‘दुश्मन’ प्रदर्शित हुई। इस फिल्म में काजोल ने अपने सिने करियर में पहली बार दोहरी भूमिका निभाकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिए नामांकित की गई।

वर्ष 1998 में ही काजोल की प्यार तो होना ही था और कुछ कुछ होता है जैसी फिल्में प्रदर्शित हुई। इन दोनों फिल्मों के लिए भी वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिए नामांकित की गई। यह उनके सिने करियर में पहला अवसर था जब एक वर्ष में तीन फिल्मों के लिए उन्हें फिल्म फेयर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।

वर्ष 1999 में काजोल को सतीश कौशिक निर्देशित फिल्म ‘हम आपके दिल में रहते है’ में काम करने का मौका मिला। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए काजोल सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिए नामांकित भी की गई। इसी वर्ष काजोल ने अभिनेता अजय देवगन के साथ शादी कर ली। इसके बाद उन्होंने फिल्मों में काम करना काफी हद तक कम कर दिया।

वर्ष 2001 में प्रदर्शित फिल्म ‘कभी खुशी कभी गम’ के बाद काजोल ने फिल्म इंडस्ट्री से किनारा कर लिया। वर्ष 2006 में काजोल ने यश चोपड़ा के बैनर तले बनी फिल्म ‘फना’ के जरिये फिल्म इंडस्ट्री में अपनी धमाकेदार वापसी की। काजोल के सिने कैरियर में उनकी जोड़ी अभिनेता शाहरूख खान के साथ खूब जमी। काजोल अपने सिने कैरियर में चार बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की जा चुकी है। वर्ष 2011 में काजोल पदमश्री पुरस्कार से भी सम्मानित की गई।

काजोल ने वर्ष 2015 में प्रदर्शित फिल्म दिलवाले से कमबैक किया। रोहित धवन के निर्देशन में बनी फिल्म दिलवाले में शाहरूख के साथ काजोल की केमेस्ट्री को दर्शकों ने बेहद पसंद किया। फिल्म दिलवाले टिकट खिड़की पर हिट साबित हुई।

वर्ष 2018 में काजोल की फिल्म हेलीकॉप्टर इला प्रदर्शित हुई लेकिन कोई कमाल नहीं दिखा सकी। वर्ष 2020 में काजोल ने अजय देवगन के साथ की फिल्म तानाजी : द अनसंग हीरो : में काम किया जो सुपरहिट साबित हुई। काजोल की हाल ही में वेबसीरीज द ट्रायल- प्यार कानून धोखा प्रदर्शित हुई है। काजोल की आने वाली फिल्मों में दो पत्ती प्रमुख है।

रेलवे अफसरों का रनिंग स्टाफ फैमिली से सेफ्टी संवाद, तनाव मुक्त रहने की सलाह

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अजमेर। रेल प्रशासन की ओर से संरक्षा व सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी क्रम में शनिवार को एकीकृत लोको पायलेट व ट्रेन मैनेजर लॉबी अजमेर ने रनिंग स्टाफ फैमिली सेफ्टी संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में 50 से ज्यादा रनिंग स्टाफ के परिवारों ने शिरकत की।

मंडल रेल प्रबंधक राजीव धनखड़, अपर मंडल रेल प्रबंधक बलदेव राम व मंडल यांत्रिक इंजीनियर (ईएनएच व पावर) मनमोहन मीना वरिष्ठ ने रनिंग स्टाफ और उनकी फैमिली की ओर से बताई गई समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना एवं सभी समस्याओं का सकारात्मक सोच के साथ समाधान करने का विश्वास दिलाया।

धनखड़ ने रनिंग स्टाफ से जीवन में शॉर्टकट नहीं अपनाने की अपील करते हुए कहा कि रनिंग स्टाफ की फैमिली का संरक्षित व सुरक्षित रेल संचालन में महत्वपूर्ण योगदान होता है। उन्होंने कहा कि गाड़ी संचालन पर जाने से पहले रनिंग स्टाफ को घर पर प्रोपर रेस्ट करने का वातावरण मिले, गाड़ी संचालन पर जाते समय किसी तरह तनाव का माहौल ना हो, सुपाच्य भोजन संतुलित मात्रा में देकर गाड़ी संचालन के लिए भेजा जाए एवं नशें इत्यादि अवगुणों से दूर रखने में सहयोग दिया जाए।

अपर मंडल रेल प्रबंधक ने रनिंग स्टाफ को अलर्ट व तनाव मुक्त होकर कार्य करने के बारे में बताया एवं उनके परिवार से इसमें सहयोग करने के लिए कहा। वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (ईएनएच व पावर) ने रनिंग स्टाफ को अपनी सभी समस्याओं व तनाव को लोकोमोटिव में चढ़ने से पहले नीचे छोड़कर आने फिर कार्य करने के बारे में बताया साथ परिवार को इसमें सहयोग देने के लिए अनुरोध किया।