मुजफ्फराबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना नाजी नेता एडोल्फ हिटलर से करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कश्मीर मसले पर उन्हें रोकने की अपील की है।
खान ने शुक्रवार को यहां एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को आतंकवाद के रास्ते पर धकेलने तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडों को लागू करने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि जब आप भारतीय मुसलमानों को यह संदेश देंगे कि भारत केवल हिंदुओं के लिए है, तो आप उन्हें अतिवाद की ओर धकेलेंगे। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि मैं अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से कह रहा हूं कि वो भारत के हिटलर को रोकें।
खान ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में जम्मू-कश्मीर के लोगों के समर्थन में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए इस माह के अंत में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भी कश्मीर के मसले को उठाने की बात कही। उन्होंने कश्मीर मसले को मानवाधिकारों से जुड़ा बताते हुए कहा कि वह दुनिया के सामने कश्मीर की आवाज को उठाना जारी रखेंगे।
जम्मू-कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मात खाने के बावजूद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार नए पैंतरबाजी कर रहे हैं। ‘कश्मीर ऑवर’ के बाद अब खान ने यहां शुक्रवार को एक बड़े जलसे में स्वीकार किया कि आर्थिक हितों के कारण मुस्लिम देशों ने भी इस मसले पर हमारा साथ नहीं दिया।
खान ने कहा कि मैं संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में कश्मीर का मसला उठाऊंगा और पूरी दुनिया को इसके बारे में जानकारी दूंगा। कश्मीर मसले पर पाकिस्तान को मुस्लिम देशों से समर्थन नहीं मिला क्योंकि भारत के साथ उनके आर्थिक हित जुड़े हुए हैं लेकिन मुस्लिम देशों के सवा अरब मुस्लिम इसे देख रहे हैं।
खान ने कहा कि मैं जानता हूं कि आप में से कई लोगों ने लाइन ऑफ कंट्रोल पार करने की कोशिश की है, लेकिन मैं आज आपसे कहता हूं कि अभी लाइन ऑफ कंट्रोल पर जाने की जरुरत नहीं है। आप लोग तब लाइन ऑफ कंट्रोल जाना जब मैं आपसे जाने को कहूं।
उन्होंने कहा कि पहले मुझे संयुक्त राष्ट्र जाने दो। दुनिया को कश्मीर के बारे में बताने दो। कश्मीर का मसला हल नहीं किया, तो इसका असर पूरी दुनिया पर जाएगा।
गत पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के बाद से ही खान अपनी जनता को भारत के खिलाफ भड़काकर अपनी सरकार की आर्थिक मोर्चे पर नाकामी छुपाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। सबसे पहले तो उन्होंने कश्मीर ऑवर का फंडा आजमाया।
इसके तहत उन्होंने अपने देश के लोगों से अपील की कि वे हर शुक्रवार को दोपहर 12 से 12.30 बजे तक सड़कों पर निकले और कश्मीरियों के प्रति अपनी एकजुटता जाहिर करें लेकिन उनकी इस मुहिम में ज्यादा कामयाबी नहीं मिली।
कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद से ही खान का यह तीसरा मुजफ्फराबाद दौरा है। इससे पहले 14 अगस्त को उनका पहला मुजफ्फरबाद दौरा हुआ, उसके बाद छह सिंतबर को एलओसी पर दूसरा दौरा हुआ और अब इसके सात दिन बाद उन्होंने तीसरा दौरा किया।