इस्लामाबाद। समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में हरियाणा में पंचकूला की एक अदालत से बुधवार को सभी आरोपियों को बरी किए जाने के कुछ ही घंटे बाद पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को तलब करके अपना विरोध दर्ज कराया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने यहां कहा कि कार्यवाहक विदेश सचिव ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया और वर्ष 2007 के समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले के स्वामी असीमानंद सहित सभी चार आरोपियों को हरियाणा में पंचकूला की राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत से बरी किये जाने पर अपना विरोध दर्ज कराया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि समझौता एक्सप्रेस आतंकवादी हमले के आरोपियों को 11 वर्ष बाद बरी किया जाना न्याय का एक ‘मजाक’ है। एनआईए के वकील रंजन मल्होत्रा के अनुसार स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिन्दर चौधरी को पंचकूला की विशेष अदालत ने बरी कर दिया है। हरियाणा पुलिस ने यह मामला दर्ज किया था जिसे जुलाई 2010 में एनआईए को हस्तांतरित कर दिया गया था।
गौरतलब है कि 18 फरवरी, 2007 को दिल्ली से पाकिस्तान के लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस में हरियाणा के पानीपत के निकट विस्फोट हुआ था जिसमें 68 लोगों की मौत हो गई थी तथा 12 लोग घायल हुए थे। मृतकों और घायलों में अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे। इनमें 16 बच्चे और चार रेल कर्मी भी शामिल थे।