इस्लामाबाद । भारतीय वायुसेना की पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शिविर पर की गयी कार्रवाई से बौखलाये पाकिस्तान ने कहा है कि पड़ोसी देश ने अकारण यह कार्रवाई की है जिसका वह उचित समय और खुद के चुने स्थान पर जवाब देगा।
पाकिस्तान ने बालाकोट के पास आतंकवादी शिविर को निशाना बनाने के भारत के दावे को खारिज कर दिया अौर कहा कि भारतीय वायुसेना के विमानों ने वहां होने जा रहे आम चुनावों के मद्देनजर नियंत्रण रेखा पार करने की कार्रवाई की है।
पाकिस्तान ने इस मसले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने का फैसला किया है। पाकिस्तान ने कहा कि जिस इलाके में हमला करने का भारत ने दावा किया है, वह पूरी दुनिया के लिए खुला है ताकि यहां आकर जमीनी हकीकत देखी जा सके। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मीडिया को घटनास्थल पर ले जाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में यहां हुई उच्च स्तरीय बैठक में भारतीय वायु सेना की कार्रवाई काे नियंत्रण रेखा का उल्लंघन बताते हुए इस मसले को इस्लामी सहयोग संगठन, संयुक्त राष्ट्र और अन्य मित्र देशों के समक्ष उठाने का फैसला किया गया। सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी इस कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने के लिए संबंधित पक्षों से संपर्क करेंगे।
खान के नेतृत्व में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की बैठक में भारत के दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया गया। बैठक के बाद जारी किये गये वक्तव्य में कहा गया कि परिषद बालाकोट के पास एक कथित आतंकवादी शिविर को निशाना बनाने और बड़ी संख्या में आतंकवादियों के मारे जाने के भारत के दावे को पूरी तरह खारिज करता है। एक बार फिर भारत सरकार ने जल्दबाजी में एक काल्पनिक दावा किया है। वास्तव में भारत सरकार ने देश में चुनावी माहौल के मद्देनजर क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को गंभीर खतरे में डालकर यह कार्रवाई की है। इस बैठक में सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा, रक्षा और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी समेत सेना और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
खान ने हमले के मद्देनजर 27 फरवरी को राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण (एनसीए) की विशेष बैठक बुलायी है। श्री खान ने सेना और देश की जनता को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। उन्होंने इस मुद्दे को वैश्विक नेतृत्व के समक्ष उठाने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई कर भारतीय वायु सेना को जान-माल की क्षति के बिना वापस लौटने के लिए मजबूर करने पर पाकिस्तान वायु सेना की सराहना की।
बैठक से पहले कुरैशी ने विदेश मंत्रालय में एक आपात मंत्रणा बैठक बुलायी। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा करने और किसी भी भारतीय कार्रवाई का माकूल जवाब देने का अधिकार है। उन्होंने कहा, “हम पहले से ही कह रहे थे कि ऐसा हो सकता है। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ मंगलवार तड़के कार्रवाई की। भारत ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया।”
बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि संसद को विश्वास में लेने के लिए संयुक्त सत्र बुलाया जायेगा। विदेश मंत्री ने भारतीय वायु सेना की कार्रवाई के बाद नियंत्रण रेखा पर मौजूदा हालात से लाेगों को अवगत कराया। बैठक में शामिल लोगों को भारत की ओर से किसी भी कार्रवाई का जवाब देने के लिए पाकिस्तानी वायु सेना की तैयारी के बारे में भी जानकारी दी।
इस बीच विपक्षी दलों की मांग पर संसदीय मामलों के मंत्री अली मुहम्मद खान ने संसद का संयुक्त सत्र बुलाने की घोषणा की। उन्होंने कहा, “संसद का संयुक्त सत्र आयोजित होगा। मैं कोशिश करूंगा कि संयुक्त सत्र का आयोजन आज ही हो जाये, भले वह मध्यरात्रि में ही क्यों न हो। मैं अभी-अभी राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक से आया हूं और मैंने उसमें शामिल लोगों से कहा है कि इस मसले पर संसद और देश एकजुट है।”
पाकिस्तानी संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली के सत्र में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता खुर्शीद शाह ने संयुक्त सत्र बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा, “ हम युद्ध की स्थिति में हैं। संसद को एक साथ बैठकर निर्णय लेना चाहिए। भारत हमारे आंतरिक मतभेदों का फायदा उठाकर हम पर हमला करना चाहता है। हमें भारत और पूरी दुनिया को दिखाना होगा कि पूरा देश एकजुट है।”
गौरतलब है कि भारतीय वायु सेना ने पुलवामा आतंकवादी हमले के एक पखवाड़े के भीतर ही मंगलवार तड़के बड़ी जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर जबरदस्त बमबारी की जिसमें आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सबसे बड़ा शिविर नेस्तनाबूद हो गया और बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गये।