इस्लामाबाद। सऊदी अरब के शाहजादे मोहम्मद बिन सलमान के भारत यात्रा संपन्न होने के कुछ घंटों के भीतर ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने खूंखार आतंकवादी हाफिज सईद के नेतृत्व वाले जमात-उद-दावा तथा इसके सहयोगी फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर फिर से प्रतिबंध लागू करने की गुरुवार को घोषणा की।
खान ने यह निर्णय गुरुवार को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया। खान का यह कदम भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापक वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए आवश्यक अनुकूल परिस्थितियों के निर्माण को लेकर उठाया गया है।
समाचारपत्र ‘डॉन’ के मुताबिक खान ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएससी) की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया। बैठक में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी तथा सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा भी मौजूद थे।
इसबीच खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने ट्वीट करके कहा कि पाकिस्तान सेना को भारत की ओर से किसी भी आक्रामकता या दुस्साहस के लिए निर्णायक और व्यापक रूप से जवाब देने का निर्देश दिया गया है। एनएससी ने आंतरिक और सुरक्षा संस्थानों को जमीन कार्रवाई में तेजी लाने का भी निर्देश जारी किया।
खान ने बैठक के दौरान भू-रणनीतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा पर्यावरण के साथ-साथ पुलवामा की घटना के बाद उत्पन्न स्थिति पर भी विचार-विमर्श किया।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 से अधिक जवानों के शहीद होने के बाद से पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है। पाकिस्तान के ताजा कदम के बाद उसके खिलाफ गुस्से में कमी लाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
एनएससी की राय में पाकिस्तान का पुलवामा घटना में किसी प्रकार की संलिप्तता नहीं थी। बैठक में कहा गया कि पाकिस्तान ने पूरी गंभीरता से घटना (पुलवामा) की जांच में सहयोग तथा साथ ही आतंकवाद और अन्य विवादित मसलों पर बातचीत की भी पेशकश की है।
सत्तारूढ़ पीटीआई ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि भारत प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करेगा। जांच के आधार पर या किसी भी ठोस सबूत के आधार पर, पाकिस्तान की जमीन का उपयोग करते पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।