इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को हाल में मुंबई हमले पर दिए गए बयान को लेकर पाकिस्तान में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, शरीफ के बयान के बाद से पाकिस्तान में हंगामा बरपा हुआ है।
पाकिस्तान की सेना ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने कल एक विशेष बैठक बुलाकर साक्षात्कार में दिए गए शरीफ के बयान को खारिज किया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी कर शरीफ के बयान को ‘गलत और भ्रामक’ कहा।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सुरक्षा परिषद बैठक में शामिल राजनेताओं और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों का उल्लेख करते हुए कहा कि बैठक में हिस्सा लेने वाले सभी नेताओं और अधिकारियों ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया और शरीफ के दावे को भ्रामक बताया।
सुरक्षा परिषद का मानना है कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि शरीफ के भ्रामक और शिकायती बयान को ठोस तथ्यों को सच्चाई जाने बिना पेश कर दिया गया।
विपक्ष के नेता इमरान खान ने शरीफ को मुकदमा चलाने की मांग की है। खान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शरीफ ने अपनी शपथ का उल्लंघन कर पाकिस्तान के हितों को नुकसान पहुंचाया है। उन पर देशद्रोह को मुकदमा चलना चाहिए।
शरीफ के इस बयान पर उनकी अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल) में एक राय नहीं है। पार्टी के कुछ सदस्य शरीफ के इस बयान से नाखुश हैं। पाकिस्तान में जुलाई महीने में चुनाव हो सकते हैं।
शरीफ ने 12 मई को पाकिस्तान के समाचारपत्र ‘द डॉन’ को दिए साक्षात्कार में परोक्ष रूप से यह स्वीकार किया था कि 9/11 मुंबई हमले में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों की भूमिका थी। शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं। उनका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। तब भी क्या हम उनको सीमा पार करके मुंबई में 150 लोगों की हत्या करने दे सकते हैं?
शरीफ ने अपने बयान में यह भी कहा था कि उनको भारत विरोधी आतंकवाद को मिल रहे समर्थन को खत्म करने की कोशिशों के कारण सुप्रीम कोर्ट ने पद से हटा दिया गया।
भारत लंबे समय से कहता रहा है कि मुंबई आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ है। अब शरीफ के इस कबूलनामे से भारत के पक्ष को बल मिला है। इससे पहले पाकिस्तान 2008 के मुंबई हमले में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार करता रहा है। भारत की ओर से मुंबई हमले के पुख्ता सबूत देने के बाद भी पाकिस्तान ने अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी मुंबई के ताज होटल में घुस गए थे। आतंकवादी हमले में 166 लोगों मारे गए थे, जबकि करीब 300 लोग घायल हो गए थे।