जयपुर। विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने सेना के शौर्य की बात को राजनीति बताने वालों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि राजनीति से सेना को कोई मतलब नहीं है।
सिंह ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि सरकार द्वारा सेना के शौर्य की बात की गई है, जिसमें कोई राजनीति नहीं है तथा जो लोग इसे राजनीति बता रहे हैं उन्हें राजनीति का मतलब ही पता नहीं है।
उन्होंने कहा कि जो लोग सेना का राजनीति में इस्तेमाल करने का आरोप लगा रहे हैं, वे सेना का अपमान कर रहे हैं। हमें अपने सैनिक और सेना का सम्मान करना चाहिए। जो देश अपनी सेना का सम्मान नहीं करता, वह देश कभी आगे नहीं बढ़ सकता। हम सेना के शौर्य का बखान कर रहे हैं। बखान करना गलत नहीं है।
उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक की चर्चा करते हुए कहा कि कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर अक्सर सैन्य कार्रवाईयां होती रहीं हैं, वहां का अलग माहौल है। इसका निर्णय स्थानीय स्तर पर सैन्य नेतृत्व ही करता है। हर सैन्य कार्रवाई के लिए सरकार से नहीं पूछा जाता। सेना को तब मदद मिलती है जब उसकी कार्रवाई के पीछे सरकार खड़ी नजर आती है।
उन्होेंने बालाकोट में एयर स्ट्राइक में विपक्षी दलों के मृतकों के सुबूत मांगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह उनकी नासमझी है। उन्हें तकनीकि समझ नहीं है। सेना को उपकरणों के जरिए वहां 300 मोबाइल फोन सक्रिय होने के संकेत मिले थे।
भवनों के अंदर मौजूद आतंकवादियों को निशाना बनाने के लिये खास तरह की मिसाइलों का इस्तेमाल किया जाता है जो कक्ष की छत या दीवारों को तोड़कर अंदर फटती है जिससे वहां मौजूद लोग मारे जाते हैं जबकि भवन को खास नुकसान नहीं होता।
सिंह ने कहा कि उन्होंने राजस्थान के पाली, जोधपुर और बाड़मेर का दौरा किया और उससे महसूस किया कि राजस्थान में भाजपा के पक्ष में लहर चल रही है। सिंह ने पाकिस्तान को आतंकवाद का गढ़ बताते हुए कहा कि वह हमें परोक्ष युद्ध में उलझाए हुए है। उसे मित्र कहना हमारी सबसे बड़ी कमजोरी है।